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स्वदेश परियोजना

  • 29 Nov 2021
  • 5 min read

हाल ही में जैव प्रौद्योगिकी विभाग-नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (DBT-NBRC) ने न्यूरोलॉजिकल विकारों के प्रबंधन के लिये स्वदेश परियोजना को विकसित किया है।

  • NBRC भारत का एकमात्र संस्थान है जो तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान और शिक्षा को समर्पित है।

प्रमुख बिंदु 

  • स्वदेश परियोजना के बारे में:
    • स्वदेश पहला बड़े पैमाने वाला मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटाबेस है जिसे विशेष रूप से एक मंच के तहत विभिन्न रोग श्रेणियों ( दिये गये चित्र ) के लिये बड़े डेटा आर्किटेक्चर और एनालिटिक्स के साथ भारतीय आबादी हेतु डिज़ाइन किया गया है।
    • इस योजना में एक बड़ा डेटा आर्किटेक्चर है जो 6 मॉड्यूल्स के प्रबंधन और विश्लेषण का प्रस्ताव करता है। इन मॉड्यूल्स में शामिल हैं- न्यूरोडिजेनेरेटिव [एडी, माइल्ड कॉग्निटिव  इम्पेयरमेंट (MCI), पार्किंसंस रोग (PD)], न्यूरोसाइकाइट्रिक (सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर विकार), न्यूरोडेवलपमेंटल (ऑटिज़्म और मिर्गी), कोविड-19 से संबंधित बीमारियांँ व अन्य विकार।
    • स्वदेश जावा आधारित वर्कफ्लो वातावरण और पायथन से युक्त है। जो इसे गुणवत्ता नियंत्रण, डेटा विश्लेषण रिपोर्ट और डेटा बैकअप उपलब्ध कराता है। 
      • पायथन और जावा दोनों कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की भाषाएंँ हैं।
  • महत्त्व:
    • यह अल्ज़ाइमर रोग और कई तंत्रिका संबंधी विकारों को समझने के लिये बहुविध मस्तिष्क अध्ययन में उपयोगी होगा।
    • इसके विकास से पूरी दुनिया में मल्टी-साइट डेटा और सहयोगी अनुसंधान के एकीकरण में मदद मिलेगी।

Project-SWADESH

न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर

  • अर्थ: 
    • न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorders) केंद्रीय और परिधीय तंत्रिका तंत्र (Central and Peripheral Nervous System) से संबंधित रोग है।
      •  दूसरे शब्दों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, कपाल तंत्रिकाएंँ, परिधीय तंत्रिकाएंँ, तंत्रिका जोड़, स्वायत्त तंत्रिका तंत्र, न्यूरोमस्कुलर जंक्शन और मांसपेशियों से संबंधित विकार।
  • प्रकार:
  • चोट से संबंधित तंत्रिका विकार: 
    • दर्दनाक मस्तिष्क की चोटें, रीढ़ की हड्डी की चोटें। 
  • भारतीय परिदृश्य:
    • भारत में कुल रोगों में 10% योगदान न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का है।
    • देश में गैर-संचारी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का बोझ बढ़ रहा है, जो मुख्य रूप से जनसंख्या की उम्र बढ़ने के कारण है।
    • भारत में कुल विकलांगता समायोजित जीवन-वर्ष (Disability Adjusted Life-Years- DALY) में गैर-संचारी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का योगदान वर्ष 1990 के 4% से दोगुना होकर वर्ष 2019 में 8·2% हो गया और चोट से संबंधित न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का योगदान 0·2% से बढ़कर 0·6% हो गया है।
    • न्यूरोलॉजिकल विकारों के लिये ज्ञात जोखिम कारकों में बोझ, उच्च रक्तचाप, वायु प्रदूषण, आहार संबंधी जोखिम, अधिक उपवास, प्लाज़्मा ग्लूकोज़ और उच्च बॉडी-मास इंडेक्स प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं।

स्रोत: पीआईबी

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