प्रारंभिक परीक्षा
ऑयल पाम वृक्षारोपण को प्राथमिकता
- 08 Jan 2025
- 7 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (NMEO-OP) योजना के तहत ऑयल पाम रोपण लक्ष्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
NMEO-OP योजना के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: NMEO-OP कच्चे पाम तेल (CPO) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिससे देश की आयात पर निर्भरता कम होगी।
- उद्देश्य:
- क्षेत्र विस्तार: वर्ष 2025-26 तक अतिरिक्त 6.5 लाख हेक्टेयर ऑयल पाम क्षेत्र को कवर करना, जिससे इसके तहत शामिल कुल क्षेत्र 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ जाएगा।
- उत्पादन लक्ष्य: CPO उत्पादन को 0.27 लाख टन (2019-20) से बढ़ाकर 11.20 लाख टन (2025-26) तथा वर्ष 2029-30 तक 28 लाख टन तक करना।
- प्रति व्यक्ति उपभोग: वर्ष 2025-26 तक 19 किग्रा/व्यक्ति/वर्ष का उपभोग स्तर बनाए रखना।
- फोकस क्षेत्र: ऑयल पाम की खेती एवं CPO उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान देना।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- मूल्य आश्वासन: यह किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मूल्य उतार-चढ़ाव से बचाने के लिये व्यवहार्यता मूल्य (VP) तंत्र पर केंद्रित है।
- व्यवहार्यता निधि का भुगतान DBT के रूप में सीधे किसानों के खातों में किया जाएगा।
- सहायता में वृद्धि: रोपण सामग्री के लिये सहायता राशि 12,000 रुपए प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 29,000 रुपए प्रति हेक्टेयर कर दी गई।
- पुराने बगीचों के पुनरुद्धार के लिये प्रति पौधा 250 रुपए की विशेष सहायता प्रदान की गई।
- पूर्वोत्तर और अंडमान के लिये विशेष प्रावधान: सभी क्षेत्रों में किसानों को भुगतान में समानता सुनिश्चित करने के लिये CPO मूल्य का अतिरिक्त 2% सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- एकीकृत खेती के साथ-साथ अर्द्धचंद्राकार सीढ़ीनुमा खेती और बायो फेंसिंग के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं।
नोट:
- अर्द्ध-चंद्राकार सीढ़ीनुमा खेती एक मृदा पुनर्व्यवस्था तकनीक है जिसमें पौधों की वृद्धि के लिये प्रवाहित जल को एकत्रित करने एवं संकेंद्रित करने हेतु अर्द्धवृत्ताकार तटबंधों का निर्माण किया जाता है।
- बायो फेंसिंग का अर्थ है खेत और मैदान की सीमाओं पर पेड़ों की पंक्तियाँ लगाना, जिससे मवेशियों एवं वन्यजीवों से सुरक्षा मिल सके। यह वायु अवरोधक के रूप में कार्य करने के साथ धूल को नियंत्रित करने पर केंद्रित है।
ऑयल पाम
- उत्पत्ति और उपज: इसकी उत्पत्ति पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्र में हुई। यह भारत में तुलनात्मक रूप से नई फसल है लेकिन प्रति हेक्टेयर इसकी वनस्पति तेल उपज क्षमता सबसे अधिक है।
- पाम ऑयल की उत्पादकता पारंपरिक तिलहनों की तुलना में पाँच गुना अधिक है।
- प्रकार: इससे दो प्रकार के तेल मिलते हैं।
- पाम ऑयल: फल के मेसोकार्प से प्राप्त (45-55% तेल सामग्री)।
- पाम कर्नेल ऑयल: यह कर्नेल से प्राप्त होता है, जो लॉरिक तेलों का एक स्रोत है।
- ऑयल पाम की खेती:
- प्रमुख राज्य: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल (कुल उत्पादन का 98%)।
- अन्य प्रमुख राज्य : कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड।
- विस्तार: भारत में इसका कुल संभावित क्षेत्रफल लगभग 28 लाख हेक्टेयर है लेकिन केवल 3.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर ही पाम ऑयल की खेती होती है।
- आयात: भारत वर्ष 2023-24 में 9.2 मिलियन टन पाम ऑयल आयात के साथ विश्व का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक है।
- कुल खाद्य तेल आयात में 60% हिस्सेदारी पाम ऑयल की है।
- भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से ऑयल खरीदता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. ताड़ तेल (पाम ऑयल) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित कथनाें पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युत्त कथनाें में से कौन-सा/से सही है/हैं?
उत्तर: (a) |