प्रिलिम्स फैक्ट: 23 दिसंबर, 2020 | 23 Dec 2020
माॅक एग
Mock Egg
हाल ही में IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों की एक टीम ने "प्लांट आधारित मॉक एग" के नवाचार के लिये यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) एक्सलेरेटर लैब इंडिया द्वारा आयोजित एक नवाचार प्रतियोगिता (इनोवेट 4 SDG) जीती।
प्रमुख बिंदु:
- UNDP एक्सेलेरेटर लैब इंडिया भारत में कुछ प्रमुख मुद्दों, जैसे- वायु प्रदूषण, सतत् जल प्रबंधन आदि का समाधान नवाचारों के माध्यम से करने की कोशिश कर रही है।
- नवाचार करने वाली विजेता टीम को पुरस्कार के रूप में 5,000 अमेरिकी डॉलर प्रदान किये गए।
- माॅक एग:
- इसका विकास बहुत ही सरल तरीके से कृषि फसलों से किया गया है जिसमें प्रोटीन पाया जाता है। अंडे के समान स्वाद और उसी की तरह दिखने के साथ ही यह पोषण संबंधी विशेषता में भी पोल्ट्री अंडे के समान है।
- माॅक एग आहार-विशिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और शुद्ध शाकाहारी लोगों की प्रोटीन आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- टीम ने फलों और सब्जियों का उपयोग करके संयंत्र आधारित चिकन और मछली के मांस के सादृश्य (Analogues) उत्पाद भी विकसित किये हैं।
- प्लांट आधारित ये खाद्य पदार्थ जो कि अंडे, मछली और चिकन के समान हैं, लोगों को कुपोषण से निपटने और स्वच्छ प्रोटीनयुक्त भोजन की प्राप्ति के उद्देश्य से विकसित किये गए हैं।
लीजन ऑफ मेरिट: USA
Legion of Merit: USA
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों को 'लीजन ऑफ मेरिट' से सम्मानित किया है।
- ये सभी चार देश वर्ष 2017 से क्वाड समूह (QUAD Group) को उपयोगी बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण हैं। क्वाड समूह इंडो-पैसिफिक रणनीति का हिस्सा है और इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व का मुकाबला करना है।
प्रमुख बिंदु:
पुरस्कार के संबंध में:
- USA के सर्वोच्च सैन्य चिह्नों में से एक इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1942 में पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट द्वारा की गई थी।
- यह पुरस्कार USA के सशस्त्र बलों के सदस्यों और विदेशी (यानी गैर-USA) सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ कभी-कभी राज्य या सरकार के प्रमुखों को भी प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार विदेशियों को
- निम्नलिखित चार श्रेणियों में प्रदान किया जाता है: मुख्य कमांडर, कमांडर, अधिकारी और सेनापति।
- पूर्व में यह पुरस्कार दो भारतीयों को प्रदान किया गया है: वर्ष 1950 में फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा और वर्ष 1955 में जनरल एस.एम. श्रीनागेश।
वर्तमान में पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता:
- भारतीय प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार "भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने" में उनकी भूमिका के लिये दिया गया है।
- यह पुरस्कार भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों को मान्यता देता है, जो भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी के संबंधों में परिलक्षित होता है।
- ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को "वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने और सामूहिक सुरक्षा को बढ़ावा देने" के लिये यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
- जापानी प्रधानमंत्री को "स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिये नेतृत्व और दृष्टिकोण प्रदान करने" हेतु यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।