प्रीलिम्स फैक्ट्स: 6 अप्रैल, 2020 | 06 Apr 2020
कोरोना बॉन्ड
Corona Bond
हाल ही में इटली के प्रधानमंत्री ने COVID-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक स्थिति से निपटने के लिये यूरोपीय संघ (European Union- EU) द्वारा जारी किये जाने वाले कोरोना बॉन्ड (Corona Bond) का समर्थन किया।
मुख्य बिंदु:
- कोरोना बॉन्ड एक संयुक्त ऋण हैं जो यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को जारी किये जाते हैं।
- यह यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों द्वारा सामूहिक रूप से लिया गया ऋण होता है।
- कोरोना बॉन्ड के तहत दिया जाने वाला ऋण यूरोपीय निवेश बैंक (European Investment Bank) द्वारा दिया जाता है।
- गौरतलब है कि इटली, स्पेन जैसे देश जिन्हें COVID-19 की वजह से गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा रहा है, ये देश असाधारण स्थिति से निपटने के लिये यूरोपीय संघ से इस तरह के आर्थिक उपायों की मांग कर रहे हैं।
- यूरोपीय संघ के नौ देश स्पेन, इटली, फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, आयरलैंड, पुर्तगाल, ग्रीस एवं स्लोवेनिया इस तरह के बॉन्ड की सिफारिश कर रहे हैं। जबकि जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया एवं फिनलैंड जैसे यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने इस तरह के विचार का विरोध किया है।
राउंड ट्रिपिंग
Round Tripping
04 अप्रैल, 2020 को उच्चतम न्यायालय ने प्रमुख समाचार प्रसारण कंपनी ‘नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड’ (New Delhi Television Limited- NDTV) के खिलाफ राजस्व अधिकारियों द्वारा जारी आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस को रद्द कर दिया।
- गौरतलब है कि आयकर विभाग ने NDTV पर जुलाई 2007 में अपने यू.के. की सहायक कंपनी एनएनपीएलसी (NNPLC) के माध्यम से $100 मिलियन की राशि के स्टेप-अप कूपन बॉन्ड जारी करने के संबंध में ‘राउंड ट्रिपिंग’ (Round Tripping) का आरोप लगाया था।
राउंड ट्रिपिंग’ (Round Tripping):
- राउंड ट्रिपिंग से अभिप्राय उस धन से है जो विभिन्न चैनलों के माध्यम से देश के बाहर जाता है और फिर यही धन विदेशी निवेश के रूप में देश में वापस आता है। इसमें ज्यादातर काला धन शामिल है और इसका इस्तेमाल अक्सर स्टॉक प्राइस में हेर-फेर करने के लिये किया जाता है।
- राउंड ट्रिपिंग अक्सर लेन-देन की एक श्रृंखला के माध्यम से की जाती है इसका कोई व्यावसायिक उद्देश्य नहीं होता है जो इसे गार (General Anti-Avoidance Rules-GAAR) के दायरे में लाता हो।
- यह धन ऑफशोर निधियों में निवेश किया जा सकता है जिसे बदले में भारतीय परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता हैं। वहीं ग्लोबल डिपॉज़िटरी रिसिप्ट्स (GDR) एवं पार्टिसिपेटरी नोट्स (P- Notes) जैसे कुछ अन्य मार्ग हैं जिनका उपयोग अतीत में किया गया है।
ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसिप्ट्स (GDR):
- ग्लोबल डिपॉज़िटरी रिसिप्ट्स मध्यस्थों जैसे विदेशी कंपनियों में निवेश की सुविधा के लिये बैंक द्वारा जारी किये गए प्रतिभूति प्रमाणपत्र (Securities Certificates) हैं। एक GDR किसी विदेशी कंपनी के कुछ निश्चित शेयरों का प्रतिनिधित्त्व करता है जिनकी ट्रेडिंग स्थानीय स्टॉक एक्सचेंज में नहीं की जाती है।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (P- Notes):
- पी-नोट्स या ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स (ODIs) पंजीकृत एफ.पी.आई. (FPIs) द्वारा विदेशी निवेशकों, हेज फंड और विदेशी संस्थानों को जारी किये जाते हैं, जो सेबी में पंजीकृत हुए बिना भारतीय शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहते हैं।
- उल्लेखनीय है कि विदेशों में दी जाने वाली कर रियायतों के कारण राउंड ट्रिपिंग को बढ़ावा मिलता है।
MyGov कोरोना हेल्पडेस्क
MyGov Corona Helpdesk
भारत सरकार की समर्पित व्हाट्सएप चैटबॉट MyGov कोरोना हेल्पडेस्क (MyGov Corona Helpdesk) का उपयोग अब तक 2 करोड़ से अधिक उपयोगकर्त्ताओं द्वारा किया गया है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य नागरिकों को COVID-19 से संबंधित सूचनाओं का समय-समय पर अपडेट प्रदान करना एवं इससे संबंधित नागरिकों के प्रश्नों का जवाब देना है।
मुख्य बिंदु:
- इस चैटबॉट को भारत सरकार द्वारा 20 मार्च, 2020 को लॉन्च किया गया था।
- इस चैटबॉट का विकास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट कंपनी हैप्टिक इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Haptik Infotech Pvt Ltd) द्वारा किया गया है जिसके 87% शेयर रिलायंस जियो के पास हैं।
- COVID-19 से संबंधित गलत सूचना तथा अफवाहों को दूर करना इस चैटबॉट का प्राथमिक लक्ष्य है। इसके लिये हैप्टिक इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने व्हाट्सएप नंबर +919013151515 भी प्रदान किया है।
- यह सेवा शुरू में अंग्रेजी भाषा में शुरू की गई थी किंतु देश में लाखों हिंदी भाषी उपयोगकर्त्ताओं की सहायता के लिये बाद में इसमें हिंदी भाषा को भी जोड़ा गया।
- MyGov कोरोना हेल्पडेस्क का उपयोग सभी व्हाट्सएप उपयोगकर्त्ता मुफ्त में कर सकते हैं।
महावीर जयंती
Mahavir Jayanti
06 अप्रैल, 2020 को भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति ने महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दी।
मुख्य बिंदु:
- महावीर जयंती जैन धर्म में सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है।
- महावीर जयंती वर्धमान महावीर (Vardhamana Mahavira) के जन्म का प्रतीक है। वर्धमान महावीर जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर थे जो 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ (Parshvanatha) के उत्तराधिकारी थे।
- जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म चैत्र महीने में अर्द्धचंद्र के 13वें दिन हुआ था।
- यह त्योहार जैन समुदाय द्वारा जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक शिक्षक की स्मृति में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस उत्सव पर भगवान महावीर की मूर्ति के साथ निकलने वाले जुलूस को ‘रथ यात्रा’ (Rath Yatra) कहा जाता है। स्तवन या जैन प्रार्थनाओं को याद करते हुए भगवान महावीर की प्रतिमाओं को एक औपचारिक स्नान कराया जाता है जिसे अभिषेक (Abhisheka) कहा जाता है।
भगवान महावीर:
- महावीर का जन्म 540 ईसा पूर्व कुंडग्राम (वैशाली) में हुआ था। इनके पिता सिद्धार्थ ज्ञात्रिक कुल के सरदार एवं माता त्रिशला जो वज्जि संघ में लिच्छवी राजकुमारी तथा लिच्छवि राजा चेटक की बहन थी। वज्जि संघ आधुनिक बिहार में वैशाली क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- भगवान महावीर का संबंध इक्ष्वाकु वंश (Ikshvaku Dynasty) से माना जाता है। इनके बचपन का नाम वर्धमान था जिसका अर्थ है ‘जो बढ़ता है’।
- उन्होंने 30 वर्ष की आयु में सांसारिक जीवन को त्याग दिया और 42 वर्ष की आयु में ज्रम्भिक के समीप ऋजुपालिका नदी के तट पर साल के वृक्ष के नीचे कैवल्य (Kaivalya) अर्थात् संपूर्ण ज्ञान को प्राप्त किया।
- महावीर ने अपने शिष्यों को पंच महाव्रतों अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (शुद्धता) एवं अपरिग्रह (गैर लगाव) की शिक्षा दी और उनकी शिक्षाओं को जैन आगम (Jain Agamas) कहा गया।
- 72 वर्ष की आयु में महावीर की मृत्यु (निर्वाण) 468 ईसा पूर्व में बिहार राज्य के पावापुरी (राजगीर) में हुई। मल्लराजा सृस्तिपाल के राज प्रसाद में भगवान महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था।
- जैन धर्म में ईश्वर की मान्यता नहीं है जबकि आत्मा की मान्यता है। महावीर पुनर्जन्म एवं कर्मवाद में विश्वास करते थे।
- जैन धर्म के त्रिरत्न सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान एवं सम्यक आचरण है।
- जैन धर्म को मानने वाले प्रमुख राजा उदयिन, चंद्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष, चंदेल शासक थे।
- मौर्योत्तर युग में मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था। मथुरा कला का संबंध जैन धर्म से है। खजुराहो के जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों द्वारा किया गया।
बाबू जगजीवन राम
Babu Jagjivan Ram
भारतीय प्रधानमंत्री ने 05 अप्रैल, 2020 को गरीबों के अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानी बाबू जगजीवन राम (Babu Jagjivan Ram) को उनकी 113वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु:
- बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को ब्रिटिश भारत के भोजपुर (बिहार) में हुआ था।
- जगजीवन राम जिन्हें ‘बाबूजी’ के नाम से जाना जाता है भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के प्रमुख कार्यकर्त्ता एवं राजनीतिज्ञ थे।
- वर्ष 1928 में कलकत्ता (अब कोलकाता) के वेलिंगटन स्क्वायर में एक मज़दूर रैली के दौरान इनकी मुलाकात नेताजी सुभाष चंद्र बोस से हुई।
- वर्ष 1931 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी.एस.सी की डिग्री हासिल की जहाँ उन्होंने अपने साथ होने वाले भेदभाव के मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिये सम्मेलनों का आयोजन किया तथा महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में भी भाग लिया।
- उन्होंने वर्ष 1935 में अखिल भारतीय शोषित वर्ग लीग (All India Depressed Classes League) की नींव रखने में अहम योगदान दिया था जो अछूतों के लिये समानता के अधिकारों को प्राप्त करने हेतु एक समर्पित संगठन था।
- वे वर्ष 1937 के चुनाव में बिहार विधानसभा के लिये चुने गए जिसके बाद उन्होंने ग्रामीण मजदूर आंदोलन (Rural Labour Movement) की शुरुआत की।
मंत्रित्वकाल की प्रमुख घटनाएँ:
- बाबू जगजीवन राम वर्ष 1946 में जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में सबसे युवा मंत्री बने जिन्हें श्रम मंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई और उन्होंने भारत की संविधान सभा के सदस्य के रूप में भारतीय संविधान में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की वकालत की।
- वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वे भारत के रक्षा मंत्री थे जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।
- केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में भारत में हरित क्रांति को सफल बनाने एवं भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण के लिये उन्हें याद किया जाता है।
- हालाँकि उन्होंने आपातकाल के दौरान (1975-77) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया किंतु वर्ष 1977 में कांग्रेस छोड़ दी और जनता पार्टी में शामिल हो गए। और बाद में उन्होंने जनता पार्टी सरकार में भारत के उप प्रधानमंत्री (1977-79) के रूप में कार्य किया।
कांग्रेस (J) का गठन:
- जनता पार्टी से निराश होकर उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस (J) बनाई। वर्ष 1986 में अपनी मृत्यु तक वह संसद सदस्य बने रहे। वह बिहार राज्य के सासाराम संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे। वर्ष 1936-1986 तक संसद में उनका निर्बाध प्रतिनिधित्व एक विश्व रिकॉर्ड है।
विरासत:
- उनके दाह संस्कार स्थान को समता स्थल (Samata Sthal) का नाम दिया गया और उनकी जयंती को समरस दिवस (समानता दिवस) के रूप में मनाया जाता है।