प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 31-08-2019
- 31 Aug 2019
- 11 min read
माउंट कुन अभियान
माउंट कुन (Mount Kun) अभियान को भारतीय सेना द्वारा लद्दाख के ज़ास्कर रेंज (Zaskar Range) में 30 जुलाई से 29 अगस्त, 2019 तक चलाया गया।
- इस अभियान में 22 सदस्यों का एक दल था जिसमें 10 महिला अधिकारी भी शामिल थीं।
- यह दल लेह से 30 जुलाई, 2019 को रवाना किया गया था जो अपना अभियान समय पर पूरा करके सुरक्षित वापस आ गया है।
- इस अभियान के दौरान दल को रास्ते में कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उसने गहरी खाइयों, बर्फीले तूफानों और सीधी चढ़ाई वाली बर्फीली चट्टानों का सामना करते हुए माउंट कुन पर विजय प्राप्त की।
नून कुन मासिफ
(Nun Kun Massif)
- नून कुन मासिफ (Nun Kun Massif) ऊपरी सुरू घाटी में क्षितिज पर स्थित दो चोटियाँ हैं। नून की ऊँचाई 7135 मी. तथा कुन की ऊँचाई 7077 मी. है जो लद्दाख के ज़ास्कर रेंज (Zaskar Range) में सबसे ऊँची हैं।
- दोनों चोटियों के बीच में लगभग 4 किमी. लंबा बर्फीला पठार पाया जाता है जो इन दोनों को अलग करता है। पिनेकल शिखर (Pinnacle Peak) इस समूह का तीसरा सबसे ऊँचा पर्वत है जिसकी ऊँचाई 6930 मी. है।
- पहली बार वर्ष 1913 में इतालवी पर्वतारोही मारियो पिआकेंज़ा द्वारा माउंट कुन पर चढ़ाई की गई थी। 58 वर्षों के पश्चात् एक भारतीय सैन्य अभियान द्वारा इस चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की गई थी।
ग्रेटा थनबर्ग
हाल ही में एक किशोर जलवायु प्रचारक ग्रेटा थनबर्ग पर्यावरण पर बात करने के लिये नाव से न्यूयार्क गईं तथा वहाँ पहुँचकर सभी लोगों से ‘प्रकृति पर युद्ध’ को समाप्त करने का आग्रह किया।
- थनबर्ग पर्यावरण के लिये काम करने वाले युवाओं के बीच एक बड़ा प्रतीक बन गई हैं।
- उन्होंने हर हफ्ते स्वीडन के स्कूल में पर्यावरण के लिये हड़ताल करने हेतु अभियान #FridaysForFuture का नेतृत्व किया जो अब काफी लोकप्रिय हो गया है।
- वह अगले महीने न्यूयॉर्क में होने जा रहे यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट एक्शन में अपने विचार प्रस्तुत करने के लिये आई हैं। साथ ही दुनिया भर के उन नेताओं से मिलेंगी जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिये अपनी योजनाएँ प्रस्तुत करने वाले हैं।
- ग्रेटा थनबर्ग एक अभिनेता और ऑपेरा सिंगर की बेटी हैं।
- इनकी उम्र महज़ 16 साल है।
- स्वीडन के आम चुनाव से कुछ हफ्ते पहले इन्होंने स्कूल जाना छोड़कर जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों के बारे में प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया।
- चुनाव के बाद भी हर शुक्रवार को स्कूल नहीं जाने का सिलसिला जारी रखा कुछ समय पश्चात् ही इनके साथ हज़ारों छात्रों ने भी इसे अपना लिया।
- इसके बाद थनबर्ग पोप से मिलीं, दावोस में भाषण दिया तथा जर्मनी के कोयला विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुईं।
- अपने अभियान को जारी रखने के लिये इन्होंने स्कूल से एक साल की छुट्टी ले ली है।
#FridaysForFuture
- यह एक आंदोलन है जो जलवायु संकट पर की जाने वाली नाममात्र की कार्यवाही के विरोध में अगस्त 2018 में स्वीडन में शुरू किया गया।
- हैशटैग #FridaysForFuture और #Climatestrike इतने अधिक लोकप्रिय हो गए कि कई छात्रों एवं वयस्कों ने दुनिया भर में अपने संसदों तथा स्थानीय शहर के बाहर विरोध करना शुरू कर दिया।
- #Climatestrike जलवायु मुद्दे को हल करने के लिये युवा पीढ़ी द्वारा विश्व स्तर पर की जाने वाली एक समन्वित कार्रवाई है जिसे पुरानी पीढ़ी द्वारा जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम नहीं किये जाने पर चलाया जा रहा है।
- #Climatestrike का उद्देश्य मानव इतिहास में सबसे बड़ी चुनौती को हल करने के लिये सबको सचेत करने हेतु प्रयास है।
स्टार्ट-अप सेल
Start-up Cell
CBDT ने स्टार्ट-अप से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिये पाँच सदस्यीय विशेष सेल स्टार्ट-अप सेल (Start-up Cell) का गठन किया है।
- ‘स्टार्टअप सेल’ का उद्देश्य सेल आयकर अधिनियम, 1961 के प्रशासन के संबंध में एंजेल कर (Angel Tax) तथा अन्य करों से संबंधित मुद्दों के साथ स्टार्टअप्स की शिकायतों का समाधान करना है।
- स्टार्टअप संस्थाएँ अपनी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिये इस सेल से संपर्क कर सकती हैं।
- 'स्टार्टअप सेल' की अध्यक्षता बोर्ड के सदस्य (आयकर और कंप्यूटरीकरण) करेंगे।
- स्टार्ट-अप सेल में शामिल हैं:
- सदस्य (आयकर और कंप्यूटरीकरण): अध्यक्ष
- संयुक्त सचिव (कर नीति और कानून- II): सदस्य
- आई-टी (ITA) के आयुक्त: सदस्य
- निदेशक (ITA-I): सदस्य सचिव
- अवर सचिव (आईटीए- I): सदस्य
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
Central Board of Direct Taxation
- वर्ष 1963 में ‘केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963’ (Central Board of Revenue Act, 1963) के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन दो संस्थाओं का गठन किया गया था, जो निम्नलिखित हैं-
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxation)।
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs)।
- ये दोनों ही संस्थाएँ ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) हैं।
- CBDT प्रत्यक्ष करों से संबंधित नीतियों एवं योजनाओं के संबंध में महत्त्वपूर्ण इनपुट प्रदान करने के साथ-साथ आयकर विभाग की सहायता से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों का प्रशासन करता है।
- CBEC भारत में सीमा शुल्क (Custom Duty), केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty), सेवा कर (Service Tax) तथा नारकोटिक्स (Narcotics) के प्रशासन के लिये उत्तरदायी नोडल एजेंसी है।
नीला गुंबद
Nila Gumbad
पाँच साल के व्यापक संरक्षण कार्य के बाद अद्वितीय स्मारक 'नीला गुंबद' (Nila Gumbad) जो हुमायूँ के मकबरे के परिसर में स्थित है, को अब जनता के लिये सुलभ बनाया जाना सुनिश्चित किया गया है।
- 'नीला गुंबद' (Nila Gumbad) स्मारक के गुंबद का रंग नीला है।
- मकबरा (Mausoleum) भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) के तहत सूचीबद्ध है तथा आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर (Aga Khan Trust for Culture- AKTC) द्वारा इसका संरक्षण किया जा रहा है।
- नीला गुंबद दिल्ली में मुगल युग की सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है जो संभवतः पूर्व-मुगल या शुरुआती मुगल काल में बनाया गया था।
- इस स्मारक का निर्माण कब और किसने किया इसकी प्रमाणित जानकारी अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है।
- जब हुमायूँ का मकबरा बनाया गया था, तब परिसर में आस-पास की बहुत सारी संरचनाएँ शामिल थीं, नीले गुंबद वाला स्मारक भी इसका हिस्सा बन गया था।
- स्मारक एवं उसके आस-पास के बगीचों की भव्यता 19वीं शताब्दी से बिगड़ने लगी थी।
- नीला गुम्बद स्मारक के उत्तरी भाग में निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था जो इस स्मारक को धीरे-धीरे समाप्त कर रहा था।
एक्वा एक्वारिया इंडिया 2019
Aqua Aquaria India 2019
हाल ही में देश के उपराष्ट्रपति ने हैदराबाद में समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Marine Products Export Development Authority- MPEDA) द्वारा आयोजित भारत के अंतर्राष्ट्रीय एक्वा इंडिया 2019 के 5वें संस्करण का उद्घाटन किया।
- फिट इंडिया के लिये प्रधानमंत्री द्वारा किये गए आह्वान का समर्थन करते हुए उपराष्ट्रपति ने एक्वा इंडिया को समय की जरूरत बताया तथा इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाने की बात कही।
- जल में पाए जाने वाले जीवों एवं वनस्पतियों में भरपूर प्रोटीन पाया जाता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के संकल्प में मत्स्य पालन से किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
- हालाँकि सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से लुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों के शोषण को सख्ती से रोका जाना वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौती है।
- वर्ष 2018-19 के दौरान भारत ने लगभग 7 बिलियन डॉलर के समुद्री उत्पादों का निर्यात अमेरिका, चीन, यूरोप और जापान को किया है।
- समुद्री उत्पाद निर्यात के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है।