प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 28 सितंबर, 2021
- 28 Sep 2021
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भगवान नटराज
Lord Nataraj
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रधानमंत्री को 157 कलाकृतियों और पुरावशेषों को सौंपा, जिसमें नटराज की एक कांस्य मूर्ति भी शामिल थी।
- 10वीं शताब्दी में बने बलुआ पत्थर में रेवंता का बेस रिलीफ पैनल, 56 टेराकोटा के टुकड़े, कई कांस्य मूर्तियाँ तथा 11वीं और 14वीं शताब्दी से संबंधित ताँबे की वस्तुओं का एक विविध सेट भी इस मूर्ति के साथ भारत को सौंपा गया।
- सौंपी गई वस्तुओं की सूची में 18वीं शताब्दी की तलवार भी शामिल है, जिसमें फारसी में गुरु हरगोबिंद सिंह का उल्लेख है, इसके अतिरिक्त कुछ ऐतिहासिक पुरावशेषों में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से संबंधित मूर्तियाँ भी शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- नटराज (नृत्य के भगवान), हिंदू भगवान शिव ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में, विशेष तौर पर दक्षिण भारत में कई शैव मंदिरों में धातु या पत्थर की मूर्तियों के रूप में पाए जाते हैं।
- यह चोल मूर्तिकला का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।
- नटराज के ऊपरी दाहिने हाथ में डमरू है, जो सृजन की ध्वनि का प्रतीक है। सभी रचनाएँ डमरू की महान ध्वनि से निकलती हैं।
- ऊपरी बाएँ हाथ में शाश्वत अग्नि है, जो विनाश का प्रतीक है। विनाश सृष्टि का अग्रदूत और अपरिहार्य प्रतिरूप है।
- निचला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है जो आशीर्वाद का प्रतीक है और भक्त को न डरने के लिये आश्वस्त करता है।
- निचला बायाँ हाथ ऊपर उठे हुए पैर की ओर इशारा करता है और मोक्ष के मार्ग को इंगित करता है।
- शिव एक बौने की आकृति पर नृत्य कर रहे हैं। बौना अज्ञानता और व्यक्ति के अहंकार का प्रतीक है।
- भगवान शिव को ब्रह्मांड के भीतर सभी प्रकार की गति के स्रोत के रूप में दिखाया गया है और प्रलय के दिन को नृत्य, ज्वाला के मेहराब द्वारा दर्शाया गया है, ये ब्रह्मांड के विघटन को संदर्भित करते हैं।
- शिव के उलझे बालों से बहने वाली धाराएँ गंगा नदी के प्रवाह का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- शिव के एक कान में नर तथा दूसरे में मादा अलंकरण है। यह नर और मादा के संलयन का प्रतिनिधित्व करता है और इसे अर्द्ध-नारीश्वर रूप में जाना जाता है।
- शिव की भुजा के चारों ओर एक साँप मुड़ा हुआ है। साँप कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक है, जो मानव रीढ़ में सुप्त अवस्था में रहती है। यदि कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाए, तो व्यक्ति सच्ची चेतना प्राप्त कर सकता है।
- नटराज जगमगाती रोशनी के एक बादल/निंबस से घिरा हुआ है जो समय के विशाल अंतहीन चक्र का प्रतीक है।