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डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 28 मई, 2020

  • 28 May 2020
  • 8 min read

अंटार्कटिक इंपल्सिव ट्रांज़िएंट एंटीना

ANtarctic Impulsive Transient Antenna

हाल ही में नासा (NASA) के ‘अंटार्कटिक इंपल्सिव ट्रांज़िएंट एंटीना’ (ANtarctic Impulsive Transient Antenna- ANITA) ने अंटार्कटिका में न्यूट्रिनो की असामान्य ऊर्ध्व गति का पता लगाया है।

प्रमुख बिंदु:

  • ANITA उपकरण एक रेडियो टेलीस्कोप है जिसका उपयोग अंटार्कटिका के ऊपर उड़ने वाले वैज्ञानिक गुब्बारे से ‘अल्ट्रा-हाई एनर्जी कॉस्मिक-रे न्यूट्रिनो’ का पता लगाने के लिये किया जाता है। इसे नासा (NASA) द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
  • ANITA किसी भी प्रकार के न्यूट्रिनो का पता लगाने के लिये नासा की पहली वेधशाला है।
    • इसमें हीलियम बैलून से जुड़ी रेडियो एंटीना की एक सारणी/व्यूह रचना शामिल है जो अंटार्कटिक क्षेत्र में बर्फ की सतह से 37,000 मीटर की दूरी पर उड़ती है।

न्यूट्रिनों (Neutrinos):

  • न्यूट्रिनों में 1018 eV के क्रम में ऊर्जा होती है और वे ‘आस्कार्यन प्रभाव’ (Askaryan Effect) के कारण बर्फ में रेडियो तरंगों को उत्पन्न करने में सक्षम हैं।

आस्कार्यन प्रभाव (Askaryan Effect): आस्कार्यन प्रभाव वह घटना है जहाँ एक सघने डाईइलेक्ट्रिक (जैसे- नमक, बर्फ या चंद्र रेगोलिथ) में प्रकाश के चरण वेग की तुलना में तेज़ी से यात्रा करने वाला एक कण माध्यमिक आवेशित कणों की एक बौछार उत्पन्न करता है।

  • जब न्यूट्रीनो एक परमाणु में टूटते हैं तो वे पता लगाने योग्य माध्यमिक कणों की बौछार उत्पन्न करते हैं। ये पता लगाने योग्य माध्यमिक कण हमें यह जाँचने की अनुमति देते हैं कि वे ब्रह्मांड में कहाँ से आए थे?
  • न्यूट्रीनो उच्च-ऊर्जा वाले कण हैं जो मानव शरीर के लिये अधिक खतरनाक नहीं होते हैं और बिना किसी को पता चले ये अधिक ठोस वस्तुओं से भी गुजरते हैं।
  • न्यूट्रीनो की पृथ्वी पर लगातार बौछार होती है और जैसा कि अध्ययनों से पता चला है कि 100 ट्रिलियन न्यूट्रिनो मानव शरीर से प्रत्येक सेकंड गुजरते हैं।

बेव क्यू

Bev Q

हाल ही में ‘गूगल प्ले स्टोर’ (Google Play Store) ने ‘बेव क्यू’ (Bev Q) एप को मंज़ूरी दे दी जिसका उपयोग केरल में शराब वितरित करने के लिये किया जाएगा।

Bev-Q

प्रमुख बिंदु:

  • इस नव-विकसित मोबाइल एप के माध्यम से केरल राज्य में शराब की बिक्री के लिये आभासी कतार प्रणाली शुरू की जा सकेगी।
  • इससे शराब की दुकानों पर भीड़ कम हो जाएगी और साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन भी न हो सकेगा।  
  • इसका उपयोग केरल के ‘बीवरेजेस कॉरपोरेशन’ (Beverages Corporation- BEVCO) द्वारा राज्य में शराब वितरित करने के लिये किया जाएगा।
  • इस एप को कोच्चि स्थित एक स्टार्टअप ‘फेयरकोड टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा विकसित किया गया है।

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद

Financial Stability and Development Council

हाल ही में भारत सरकार ने एक गजट अधिसूचना के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सरकार के बढ़ते फोकस के मद्देनज़र ‘वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद’ (Financial Stability and Development Council- FSDC) में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को शामिल किया था।

FSDC

प्रमुख बिंदु: 

  • वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council- FSDC) का गठन दिसंबर, 2010 में किया गया था। यह सांविधिक निकाय (Statutory Body) नहीं है।  
  • इसने ‘वित्तीय बाज़ारों पर उच्च स्तरीय समन्वय समिति’ (High-Level Coordination Committee on Financial Markets- HLCCFM) का स्थान लिया।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने वाली क्रियाविधि को मज़बूत एवं संस्थागत करना और अंतर-विनियामक समन्वय को बढ़ाना तथा वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है।
  • इस परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और इसके सदस्यों में  भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव या आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष आदि शामिल होते हैं।

FSDC के उत्तरदायित्व:

  • वित्तीय क्षेत्र का विकास
  • वित्तीय स्थिरता और वित्तीय समावेशन
  • वित्तीय साक्षरता
  • अंतर-नियामक समन्वय
  • अर्थव्यवस्था का वृहद विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण 

एफएआईटीएच परीक्षण

FAITH Trial

COVID​​-19 की उपचार रणनीति के तहत ‘ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड’ (Glenmark Pharmaceuticals Ltd.), एफएआईटीएच परीक्षण (FAITH Trial) से संबंधित अध्ययन शुरू करेगा।

प्रमुख बिंदु:

  • यह एक नया संयोजन नैदानिक ​​परीक्षण है जिसे एफएआईटीएच (FAvipiravir+UmIfenovir Trial in Indian Hospital -FAITH) कहा जाता है। 
  • संभावित COVID​​-19 उपचार रणनीति के रूप में इस परीक्षण में दो एंटीवायरल दवाओं [फेविपिराविर (Favipiravir) एवं उमिफेनोविर (Umifenovir)] की संयुक्त प्रभावकारिता का परीक्षण करने के लिये एक नया यादृच्छिक, ओपन-लेबल अध्ययन शामिल है।
  • इन दोनों एंटीवायरल ड्रग्स/दवाओं के कार्य करने के अलग-अलग तंत्र हैं और उनका संयोजन, रोग के प्रारंभिक चरण के दौरान रोगियों में उच्च वायरल की स्थिति के दौरान प्रभावी ढंग से निपटने में बेहतर उपचार प्रभावकारिता प्रदर्शित कर सकता है
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