प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 जून, 2020
- 27 Jun 2020
- 11 min read
संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने की 75वीं वर्षगाँठ
75th Anniversary of The Signing of The U.N. Charter
26 जून, 2020 को वैश्विक समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर (U.N. Charter) पर हस्ताक्षर करने की 75वीं वर्षगाँठ मनाई।
प्रमुख बिंदु:
- संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र के माध्यम से की गई थी किंतु इसे 26 जून, 1945 में एक घोषणा पत्र पर सदस्य देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र चार्टर (U.N. Charter) के रूप में स्वीकार किया गया था। इस घोषणा पत्र पर संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में 50 देशों ने हस्ताक्षर किये थे।
- पोलैंड बाद में चार्टर पर हस्ताक्षर करके उसके संस्थापक सदस्यों में शामिल हुआ था।
- संयुक्त राष्ट्र एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। संयुक्त राष्ट्र के मिशन और कार्य इसके चार्टर में निहित उद्देश्यों एवं सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति के लिये कार्य करना है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सिद्धांत:
- सभी सदस्य राष्ट्र एक समान एवं संप्रभुता संपन्न है।
- सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रति अपने उत्तरदायित्त्व एवं कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाएगा।
- सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा।
- संयुक्त राष्ट्र के प्रति सदस्य राष्ट्रों द्वारा न तो बल प्रयोग की धमकी दी जाएगी और न ही शक्ति का प्रयोग किया जाएगा।
- कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी राष्ट्र के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
- प्रति वर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं:
- महासभा
- सुरक्षा परिषद
- आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
- न्यास परिषद
- सचिवालय
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
ऑर्डर ऑफ द नाइन एंगल्स
Order of The Nine Angles
अमेरिकी सेना के एक सैनिक ईथन मेल्ज़र (Ethan Melzer) ने अपनी ही यूनिट पर हमला करने के लिये एक नव-नाज़ी समूह के साथ गुप्त जानकारी साझा की जिसे ‘ऑर्डर ऑफ द नाइन एंगल्स’ (Order of The Nine Angles- O9A) कहा जाता है।
प्रमुख बिंदु:
- O9A को 1970 के दशक में ब्रिटेन में स्थापित एक पैशाचिक, अराजकतावादी समूह माना जाता है जिसके दुनिया भर में सदस्य हैं जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है।
- यह समूह स्वयं को विश्वव्यापी जनजातियों एवं व्यक्तियों के समूह के रूप में वर्णित करता है जो समान रुचियों, उद्देश्यों एवं जीवन-शैलियों को साझा करते हैं और पारस्परिक लाभ हेतु साझा उद्देश्यों की पूर्ति के लिये सहयोग करते हैं।
- ‘द डेविल्स पार्टी: सैटनिज़्म इन मॉडर्निटी’ (The Devil’s Party: Satanism in Modernity) पुस्तक के अनुसार, डेविड मायट (David Myatt) को इस समूह का मुख्य सृजनकर्त्ता माना जाता है।
- डेविड मयाट ने हिंसक नव-नाज़ी एवं इस्लामी आतंकवादी समूहों में सक्रिय रूप से भाग लिया है जो रूढ़िवादी नियमों को पुनः लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।
ड्रग्स के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस-2020
International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking-2020
विश्व भर में 26 जून को ‘ड्रग्स के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस-2020 (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking-2020) मनाया गया।
थीम:
- वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘बेहतर देखभाल के लिये बेहतर ज्ञान’ (Better Knowledge for Better Care) है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना तथा सामाजिक सशक्तीकरण पर ज़ोर देना है।
प्रमुख बिंदु:
- 7 दिसंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से मुक्त एक अंतर्राष्ट्रीय समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से ‘संकल्प 42/112’ के तहत प्रति वर्ष 26 जून को ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया था।
- ‘ड्रग्स एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (United Nations Office on Drugs and Crime- UNODC) इस दिवस को चिह्नित करने हेतु अपने सोशल मीडिया अभियान में शामिल होने के लिये व्यक्तियों, गैर-लाभकारी संगठनों, निजी क्षेत्र और सदस्य राष्ट्रों को प्रोत्साहित करता है।
- इसे ‘विश्व ड्रग दिवस’(World Drug Day) के रूप में भी जाना जाता है।
मारीच
Maareech
भारतीय नौसेना ने एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिये स्वदेश निर्मित ‘टॉरपीडो डेकॉय प्रणाली’ (Torpedo Decoy System) ‘मारीच’ (Maareech) को अपने बेड़े में शामिल किया है।
प्रमुख बिंदु:
- इस एंटी-टॉरपीडो डेकॉय प्रणाली (Anti-Torpedo Decoy System) का डिज़ाइन एवं विकास ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) की प्रयोगशालाओं (NSTL व NPOL) में किया गया है।
नौसेना की विज्ञान एवं तकनीकी प्रयोगशाला
(Naval Science & Technological Laboratory- NSTL):
- NSTL, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की एक भारतीय रक्षा प्रयोगशाला है।
- विशाखापत्तनम में स्थित इस प्रयोगशाला का मुख्य कार्य अंडरवाटर हथियारों एवं संबंधित प्रणालियों के लिये अनुसंधान एवं विकास करना है।
नौसेना की भौतिकी एवं महासागरीय प्रयोगशाला
(Naval Physical and Oceanographic Laboratory-NPOL):
- यह केरल के कोच्चि में स्थित है।
- NPOL सोनार प्रणाली, जल के नीचे निगरानी के लिये प्रौद्योगिकी, समुद्री वातावरण एवं महासागरीय जल के अंदर अध्ययन से संबंधित अनुसंधान एवं विकास के लिये ज़िम्मेदार है।
- सार्वजनिक क्षेत्र का रक्षा उपक्रम ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (Bharat Electronics Limited) इस डेकॉय प्रणाली के उत्पादन का कार्य करेगा।
- ‘मारीच’ को अग्रिम मोर्चे के सभी युद्धपोतों से दाग कर लक्ष्य पर निशाना लगाया जा सकता है।
‘आयुध निर्माणी बोर्ड’ का निगमीकरण
Corporatisation of ‘Ordnance Factory Board’
रक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) के रक्षा उत्पादन विभाग (Department of Defence Production) की एक उच्च स्तरीय आधिकारिक समिति ने आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board- OFB) का निगमीकरण करने से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिये कर्मचारी संघों/संगठनों से बातचीत की।
प्रमुख बिंदु:
- आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण करना ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का एक भाग है जिसकी घोषणा भारत सरकार ने 16 मई, 2020 को की थी।
- इसका निगमीकरण करने से आयुध आपूर्ति की स्वायत्तता, जवाबदेही एवं दक्षता में सुधार होगा।
- रक्षा उत्पादन विभाग के तहत आयुध निर्माणी बोर्ड 41 आयुध कारखानों के साथ देश भर में फैला हुआ है।
- सामूहिक रूप से 41 आयुध कारखानों का कॉरपोरेट मुख्यालय कोलकाता स्थित आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) है।
- OFB सशस्त्र बलों को हथियार एवं गोला-बारूद तथा अन्य उपकरणों की आपूर्ति करता है।
- उल्लेखनीय है कि पहला आयुध कारखाना वर्ष 1801 में कोलकाता के कोसीपोर में स्थापित किया गया था जिसे अब ‘गन एंड शेल फैक्ट्री’ के रूप में जाना जाता है।