प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26 मार्च, 2020 | 26 Mar 2020

कुरील द्वीप

Kuril Island

रूस के कुरील द्वीप (Kuril Island) पर 25 मार्च, 2020 को 7.5 तीव्रता के भूकंप आने के बाद अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (US Geological Survey) ने सुनामी की संभावना को खारिज कर दिया।

Russia

मुख्य बिंदु:

  • कुरील रूस के सखालिन ओब्लास्ट (Sakhalin Oblast) में एक ज्वालामुखीय द्वीपसमूह है जो उत्तर-पूर्व में जापान के होक्काइडो (Hokkaido) से लेकर रूस के कमचटका (Kamchatka) प्रायद्वीप तक लगभग 1300 किमी. क्षेत्र में फैला है।
  • इस कुरील द्वीप श्रंखला में लगभग 56 द्वीप एवं कई छोटी चट्टानें शामिल हैं। इसमें ग्रेटर कुरील श्रंखला (Greater Kuril Chain) और लेसर कुरील श्रंखला (Lesser Kuril Chain) मुख्य हैं। इसका क्षेत्रफल 10503.2 वर्ग किलोमीटर है।
  • यह उत्तरी प्रशांत महासागर (North Pacific Ocean) से ओखोटस्क सागर (Sea of Okhotsk) को अलग करता है।
  • कुरील द्वीप समूह प्रशांत महासागर को घेरने वाले विवर्तनिक अस्थिरता वलय (Ring of Tectonic Instability) का एक हिस्सा है जिसे अग्नि वलय (Ring of Fire) भी कहा जाता है।
  • कुरील द्वीपों की श्रृंखला में चार सुदूर दक्षिणी द्वीप- हबोमई (Habomai), शिकोतन (Shikotan), एटोरोफू (Etorofu) और कुनाशिरि (Kunashiri) द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूस और जापान के बीच विवादित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। 
  • इस विवादित कुरील द्वीपों को जापान में ‘उत्तरी क्षेत्र’ (Northern Territories) के रूप में जाना जाता है। गौरतलब है कि रूस और जापान ने कुरील द्वीप विवाद सुलझाने के लिये वर्ष 2018 में फिर से वार्ता शुरू की।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र

National Centre for Disease Control

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने COVID-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के लिये राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control- NCDC) के नियंत्रण कक्ष एवं परीक्षण प्रयोगशालाओं का दौरा किया।

NCDC

मुख्य बिंदु: 

  • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को पूर्व में राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (National Institute of Communicable Diseases- NICD) के रूप में जाना जाता था।
  • वर्ष 1909 में हिमाचल प्रदेश के कसौली (Kasauli) में इसकी स्थापना केंद्रीय मलेरिया ब्यूरो (Central Malaria Bureau) के रूप में की गई थी। 
    • NICD को वर्ष 2009 में पनप चुके एवं फिर से पनप रहे रोगों को नियंत्रित करने के लिये राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में तब्दील कर दिया गया था।
  • यह देश में रोगों की निगरानी के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य, प्रयोगशाला विज्ञान एंटोमोलॉजिकल (Entomological) सेवाओं हेतु विशेष कार्यबल के प्रशिक्षण के लिये राष्ट्रीय स्तर का संस्थान भी है और विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों में शामिल है।

NCDC के प्रमुख कार्य:

  • पूरे देश में किसी रोग के प्रकोप की जाँच करना।
  • संचारी रोगों के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ गैर-संचारी रोगों के कुछ पहलुओं में एकीकृत अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • व्यक्तियों, समुदायों, मेडिकल कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों एवं राज्य स्वास्थ्य निदेशालयों को परामर्श नैदानिक ​​सेवाएँ प्रदान करना।

प्रशासनिक नियंत्रण:

  • NCDC भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (Director General of Health Services) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।  
  • इसका मुख्यालय दिल्ली में है। 

इन्वेस्ट इंडिया बिज़नेस इम्युनिटी प्लेटफॉर्म

Invest India Business Immunity Platform

21 मार्च, 2020 को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत ‘इन्वेस्ट इंडिया’ (Invest India) ने  इन्वेस्ट इंडिया बिज़नेस इम्युनिटी प्लेटफॉर्म (Invest India Business Immunity Platform) की शुरुआत की।  

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य व्यवसायों एवं निवेशकों को COVID-19 से निपटने के लिये भारत की ओर से की गई वास्तविक तैयारियों की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करता है। 

लक्ष्य:

  • यह बिज़नेस इम्युनिटी प्लेटफार्म लोगों को उन सभी सूचनाओं तक पहुँच प्राप्त करने में मदद करेगा जो उन्हें अपने घरों में रहते हुए चाहिये। इस मंच के माध्यम से इन्वेस्ट इंडिया का लक्ष्य लोगों के द्वार तक सुविधाएँ पहुँचाना है।

मुख्य बिंदु:

  • बिज़नेस इम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म (BIP) बिज़नेस से संबंधित मुद्दों के निवारण के लिये समर्पित क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक टीम के साथ जल्द-से-जल्द प्रश्नों का जवाब देने के लिये एक सक्रिय मंच है जो 24*7 काम करता है। 

विशेषताएँ:

  • यह COVID-19 के संबंध में प्रतिदिन की जानकारी रखता है।
  • यह केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा COVID-19 से संबंधित की जा रहीं पहलों की नवीनतम जानकारी प्रदान करता है और ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से पूछे गए प्रश्नों का जवाब देता है। 
  • यह प्लेटफॉर्म प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा COVID-19 से निपटने के लिये उठाये गए कदमों जैसे- कर्मचारियों के वाहनों की स्वच्छता, बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली को अक्षम करना, वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग व टेली-कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग, ऑनलाइन समाधान देना एवं अन्य अनूठी पहलों की जानकारी भी प्रदान करता है।

इस प्लेटफॉर्म के तहत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों की आवश्यकताओं से जुड़े सवालों के समाधान के लिये भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India) के साथ साझेदारी भी की गई है।  


एमएसीएस 4028

MACS 4028

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी संस्थान अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (Agharkar Research Institute- ARI), पुणे के वैज्ञानिकों ने एक बायोफोर्टीफाइड ड्यूरम (Biofortified Durum) गेहूँ की किस्म ‘एमएसीएस 4028 (MACS 4028)’ विकसित की। 

मुख्य बिंदु: 

  • इस नई गेहूँ की किस्म में 14.7% प्रोटीन, 40.3 पीपीएम जिंक, 46.1 पीपीएम लोहे की मात्रा पाई जाती है। 
  • एमएसीएस-4028 एक अर्द्ध-बौनी (Semi-Dwarf) किस्म है और यह 102 दिनों में तैयार हो जाती है। साथ ही इसमें 19.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उच्च उपज क्षमता है।
  • यह डंठल, पत्‍तों पर लगने वाली फंगस, पत्‍तों एवं जड़ों में लगने वाले कीड़ों और ब्राउन गेहूँ के घुन (Brown Wheat Mite) की प्रतिरोधी है।
  • भारत में कुपोषण को दूर करने के लिये एमएसीएस-4028 किस्‍म को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund- UNICEF) द्वारा सराहा गया है और यह नई किस्म भारत की राष्ट्रीय पोषण रणनीति: कुपोषण मुक्त भारत- 2022 को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है। 
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research- ICAR) ने भी वर्ष 2019 के दौरान बायोफोर्टीफाइड श्रेणी के तहत इस किस्म को टैग किया है।
  • अखिल भारतीय समन्वित गेहूँ एवं जौ सुधार कार्यक्रम (All India coordinated Wheat and Barley Improvement Programme) के तहत पुणे स्थित अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट, वर्षा की स्थिति में उच्च पैदावार वाली, कम समय में तैयार होने वाली, रोग प्रतिरोधी और सूखा सहिष्णु किस्मों के विकास के लिये प्रयास कर रहा है। MACS-4028 अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे की इसी पहल का एक हिस्सा है। 
    • अखिल भारतीय समन्वित गेहूँ एवं जौ सुधार कार्यक्रम हरियाणा के करनाल में स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्‍थान द्वारा संचालित किया जा रहा है जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्य करता है।     

राज्य और केंद्रीय करों एवं लेवीज़ की छूट

Rebate of State and Central Taxes and Levies

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 मार्च, 2020 को परिधान और कपड़ों से तैयार भिन्न-भिन्न सामान के निर्यात पर राज्य और केंद्रीय करों एवं लेवीज़ की छूट (Rebate of State and Central Taxes and Levies- RoSCTL) के विस्तार को मंज़ूरी प्रदान की है। 

मुख्य बिंदु: 

  • यह छूट 1 अप्रैल, 2020 से तब तक जारी रहेगी जब तक इस योजना (RoSCTL) का निर्यात ‘उत्पादों पर शुल्क और कर की छूट’ (Remission of Duties and Taxes on Exported Products- RoDTEP) योजना के साथ विलय नहीं हो जाता।
  • RoSCTL योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र को सभी करों/लेवी की छूट देकर प्रतिस्पर्द्धी बनाने की कोशिश की जा रही है।
  • 7 मार्च, 2019 को घोषित RoSCTL को उन राज्य और केंद्रीय शुल्कों एवं करों के लिये प्रस्तुत किया गया था जो वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax- GST) के माध्यम से वापस नहीं किये जाते हैं। यह केवल परिधानों एवं कपड़ों से तैयार भिन्न- भिन्न सामानों (Made-ups) के लिये उपलब्ध था। इसे भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय (Ministry of Textiles) द्वारा शुरू किया गया था।

निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर की छूट

(Remission of Duties and Taxes on Exported Products- RoDTEP):

  • भारत सरकार ने निर्यात पर लगने वाले शुल्क को कम करके निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट’ (Remission of Duties or Taxes on Export Product- RoDTEP) योजना शुरू की थी।
  • RoDTEP ने 1 जनवरी, 2020 से ‘मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम’ (Merchandise Export from India Scheme- MEIS) योजना का स्थान लिया और साथ ही इसके तहत निर्यातकों के लिये उत्पादन के बाद की लागत को कम करने हेतु विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के साथ समन्वय भी किया गया क्योंकि MEIS के कारण विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन हो रहा था।