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प्रिलिम्स फैक्ट्स : 24 अगस्त, 2021

  • 24 Aug 2021
  • 10 min read

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व: उत्तराखंड

Corbett Tiger Reserve: Uttarakhand

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) को कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के बाघ प्रजनन आवास के भीतर पुलों और दीवारों के कथित अवैध निर्माण को रोकने हेतु एक याचिका पर विचार करने के लिये कहा है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)

  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद की गई थी।
  • इसका गठन वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत किया गया था तथा इसे सौंपे गए शक्तियों और कार्यों के अनुसार, बाघ संरक्षण मजबूती प्रदान करने के लिये वर्ष 2006 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था।

प्रमुख बिंदु

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के विषय में:

  • यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में अवस्थित है। वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में हुई थी, जो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का एक हिस्सा है। 
    • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय बंगाल टाइगर को संरक्षण  प्रदान करना था।
    • इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • इसका मुख्य क्षेत्र में कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जबकि बफर ज़ोन में आरक्षित वन और साथ ही सोनानदी वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
  • रिज़र्व का पूरा क्षेत्र पहाड़ी है और यह शिवालिक तथा बाह्य हिमालय भूवैज्ञानिक प्रांतों के अंतर्गत आता है।
  • रामगंगा, सोननदी, मंडल, पालेन और कोसी रिज़र्व से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।

वनस्पति:

  • भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के अनुसार कॉर्बेट में पौधों, वृक्षों, झाड़ियों, फर्न, घास, लताओं, जड़ी-बूटियों और बाँस आदि की 600 प्रजातियाँ विद्यमान हैं। साल, खैर और शीशम यहाँ सर्वाधिक पाए जाने वाले वृक्ष हैं।

जंतु वर्ग:

  • कॉर्बेट में बाघों के अलावा तेंदुए भी पाए जाते हैं। अन्य स्तनधारी जैसे जंगली बिल्लियाँ, काकड़ या कांकड़ (Barking Deer), चित्तीदार हिरण, सांभर हिरण, स्लॉथ आदि भी यहाँ पाए जाते हैं।

उत्तराखंड के अन्य प्रमुख संरक्षित क्षेत्र:

Sanctuaries-of-Uttarakhand


"युक्तधारा" 

Yuktdhara

हाल ही में ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural development) द्वारा एक नया भू-स्थानिक योजना पोर्टल "युक्तधारा" लॉन्च किया गया है। नए पोर्टल से रिमोट सेंसिंग और GIS आधारित जानकारियों का उपयोग करते हुए नई मनरेगा परिसंपत्तियों की योजना बनाने में सुविधा प्राप्त होगी।

  • यह भुवन (Bhuvan) के अंतर्गत एक नया पोर्टल है।

प्रमुख बिंदु

पोर्टल के विषय में:

  • यह इसरो और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किए गए अथक प्रयासों का परिणाम है, जो विकेंद्रीकृत निर्णय लेने के समर्थन में ग्रामीण योजनाओं हेतु गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट (G2G) सेवा को साकार करने के लिये किया गया है।
    • पूर्व में इसरो द्वारा लॉन्च किया गया ‘भुवन’ पोर्टल वर्तमान समय में पूरे भारत में कई विकासात्मक योजना गतिविधियों के लिये एक वास्तविक भू-स्थानिक मंच बन गया है। 
  • यह प्लेटफॉर्म विभिन्न राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रमों यानी मनरेगा, एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम, प्रति बूंद अधिक फसल और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि के अंतर्गत बनाई गई परिसंपत्तियों (जियोटैग) के भंडार के रूप में कार्य करेगा, जिसमें फील्ड फोटोग्राफी भी शामिल है।
  • यह पोर्टल विभिन्न प्रकार की थीमेटिक परतों, मल्टी-टेम्पोरल हाई रेजोल्यूशन अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा को, विश्लेषण उपकरणों के साथ एकीकृत करेगा। 
  • योजनाकार विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पिछली परिसंपत्तियों का विश्लेषण करने तथा ऑनलाइन उपकरणों के माध्यम से नए कार्यों की पहचान करने में सक्षम होंगे। राज्य के विभागों के अंतर्गत आने वाले उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा तैयार की गई योजनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा।

भुवन पोर्टल:

  • यह एक प्रकार का वेब पोर्टल है जिसका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से भौगोलिक जानकारी (भू-स्थानिक जानकारी) और संबद्ध भौगोलिक सेवाओं (प्रदर्शन, संपादन, विश्लेषण, आदि) को खोजने और उन तक पहुँचने के लिये किया जाता है।
  • यह भारत सरकार से उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश की वास्तविक सीमाओं को दर्शाता है।
  • उपयोगकर्त्ता मैप संबंधी विदेशी ऐप्स के बजाय MapmyIndia मैप्स और एप्लिकेशन का उपयोग करके अपनी गोपनीयता की बेहतर सुरक्षा कर सकते हैं।
  • यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप है।

अन्य ग्रामीण विकास कार्यक्रम:


भारत-फिलिपींस सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास 

India-Philippine Maritime Exercise

हाल ही में भारतीय नौसेना ने पश्चिमी फिलीपीन सागर (West Philippine Sea) में फिलिपींस की नौसेना के साथ एक सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास किया।

  • इस पहले इंग्लिश चैनल में भारत-यू.के नौसैनिक अभ्यास ‘कोंकण 2021 का आयोजन किया गया था।

West-Philippine-Sea

प्रमुख बिंदु

  • यह अभ्यास स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के सामूहिक उद्देश्य की दिशा में समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूती प्रदान करेगा।
  • यह उन अभ्यासों की शृंखला में से एक है जिनका आयोजन भारत द्वारा उन देशों के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है जो चीन के साथ अपनी समुद्री सीमाओं को साझा करते हैं।
  • साझेदार देशों के साथ समुद्री सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से INS रणविजय और INS कोरा को पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात किया गया है।
    • क्वाड देश (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के प्रत्युत्तर में गुआम के तट पर मालाबार नौसैनिक अभ्यास के अगले संस्करण का आयोजन करेंगे।
    • चीन पूरे दक्षिण चीन सागर (पश्चिमी प्रशांत महासागर का भाग) पर संप्रभुता का दावा करता है जो कि हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है। हालाँकि वियतनाम, फिलीपींस और ब्रुनेई सहित कई आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) के सदस्य देशों ने इसका विरोध किया है।
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