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डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21 जून, 2019

  • 21 Jun 2019
  • 12 min read

ऑपरेशन संकल्प (Operation Sankalp)

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और समुद्री सुरक्षा से संबंधित हालिया घटनाओं को देखते हुए भारतीय नौसेना ने ओमान की खाड़ी (Gulf of Oman) और फारस की खाड़ी (Persian Gulf) में ऑपरेशन संकल्प की शुरुआत की है।

Persian Gulf

  • इस ऑपरेशन के तहत भारतीय नौसेना ने ओमान और फारस की खाड़ी में युद्धपोत तैनात किये हैं जिनका मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में मौजूद और वहाँ से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
  • INS चेन्नई और INS सुनयना को समुद्री सुरक्षा अभियान के लिये ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में तैनात किया गया है।
  • इसके अलावा भारतीय नौसेना के विमान क्षेत्र में हवाई निगरानी भी की जा रही है।
  • सूचना समेकन केंद्र- हिंद महासागर क्षेत्र (The Information Fusion Centre - Indian Ocean Region) जिसे भारतीय नौसेना द्वारा गुरुग्राम में दिसंबर 2018 में लॉन्च किया गया था, खाड़ी क्षेत्र में जहाज़ों की आवाजाही पर कड़ी नज़र रख रहा है।

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना

(Kaleshwaram Lift Irrigation Project)

नव-गठित राज्य तेलंगाना में पानी की कमी सबसे महत्त्वपूर्ण समस्या है जिसके कारण राज्य के लोगों को भारी संकट से जूझना पड़ता है। इसी समस्या से निपटने के लिये राज्य में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना (Kaleshwaram Lift Irrigation Project) आरंभ की गई है, जिसके तहत राज्य को सूखे से मुक्त करने के लिये गोदावरी नदी के जल का प्रयोग किया जाएगा।

  • करीब 80,500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस परियोजना को राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने लॉन्च किया।
  • यह परियोजना न सिर्फ भारत बल्कि विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।
  • इस परियोजना के ज़रिये लगभग 180 हज़ार मिलियन घन पानी राज्य तक पहुँचाने का उद्देश्य रखा गया है।
  • इस परियोजना में रिवर्स पम्पिंग और संचयन के माध्यम से पानी एकत्र किया जाएगा, जिससे लगभग 18 लाख एकड़ कृषि योग्य भूमि को फायदा होगा।
  • इसके अतिरिक्त उद्योगों और अन्य इलाकों जैसे - हैदराबाद और सिकंदराबाद में भी पानी की पूर्ति की जाएगी।
  • इस परियोजना में गोदावरी नदी के बाढ़ के पानी को भी प्रयोग में लाया जाएगा जिससे सरकार के समक्ष बार-बार लोगों को हटाने और बसाने की चुनौती भी समाप्त हो जाएगी।
  • कालेश्वरम परियोजना मिशन काकतीय और मिशन भागीरथ योजनाओं का भी समर्थन करेगी, जो कई गाँवों को पेयजल उपलब्ध कराने और टैंकों की क्षमता में सुधार लाने के लिये अभिकल्पित की गई हैं।

मिशन काकतीय

यह तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पानी की टंकियों और अन्य जल भंडारण संरचनाओं का कायाकल्प करना है।

मिशन भागीरथ

यह तेलंगाना राज्य के प्रत्येक गाँव और शहर के परिवारों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने हेतु एक परियोजना है। इसका उद्देश्य तेलंगाना के शहरी क्षेत्र के 20 लाख घरों में 2.32 करोड़ लोगों और ग्रामीण इलाकों में 60 लाख लोगों को पाइप के ज़रिये पानी मुहैया कराना है। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के जल से राज्य के सभी घरों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।

  • यह पंपिंग स्टेशन भूमि के नीचे स्थापित किया गया है जिसमे येलमपल्ली बैराज से मल्लन्ना सागर जलाशय तक तकरीबन 81 किलोमीटर लंबी सुरंग है।
  • परियोजना से जुड़े लोगों के अनुसार इससे पूर्व मिस्र की टोश्का परियोजना के तहत बना मुबारक पम्पिंग स्टेशन दुनिया का सबसे बड़ा पम्पिंग स्टेशन था।

लिफ्ट सिंचाई :

लिफ्ट सिंचाई, सिंचाई की वह विधि है जिसमे पानी को प्राकृतिक प्रवाह के स्थान पर अन्य स्रोतों जैसे- पंप या सर्ज पूल आदि के माध्यम से मुख्य वितरण स्थान तक लाया जाता है और बाद में उस स्थान से पानी किसानों और अन्य लोगों तक पहुँचता है।


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)

21 जून, 2019 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह पाँचवा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga day) है। 21 जून, 2015 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। इस दिन दुनिया भर में विभिन्न योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

  • प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन 21 जून, 2015 को दिल्‍ली के राजपथ पर किया गया था। दूसरे, तीसरे एवं चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों का आयोजन क्रमश: वर्ष 2016 में चंडीगढ़, वर्ष 2017 में लखनऊ तथा वर्ष 2018 में देहरादून में किया गया था।
  • इस वर्ष पाँचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन झारखंड की राजधानी रांची में किया जा रहा है।
  • विश्व योग दिवस 2019 के लिये दो थीम हैं, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा घोषित थीम 'योग फॉर क्लाइमेट एक्शन' (Yoga For Climate Action) और भारत के आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित थीम  ‘हृदय के लिये योग' (Yoga For Heart) है। 

21 जून ही क्यों?

शीतकालीन अयनांत या संक्रांति (Winter Solstice) 21 या 22 दिसंबर को होती है, इस तिथि को दिन की तुलना में रात अधिक बड़ी होती है।

  • ग्रीष्म संक्रांति का दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।

पृष्ठभूमि

  • 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
  • भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव को मंज़ूर करने के संदर्भ में लिया गया यह सबसे कम समय है।

योग प्रोत्‍साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिये 2019 का प्रधानमंत्री पुरस्‍कार

  • इटली के एंटोनियेटा रोज़ज़ी (व्यक्तिगत श्रेणी - अंतर्राष्ट्रीय), जापान योग निकेतन (संगठन - अंतर्राष्ट्रीय), गुजरात के स्वामी राजर्षि मुनि लाइफ मिशन (राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत श्रेणी में) और बिहार स्कूल ऑफ योग (मुंगेर) (संगठन - राष्ट्रीय), को योग के क्षेत्र में प्रचार और प्रसार हेतु उत्कृष्ट योगदान के लिये वर्ष 2019 का प्रधान मंत्री पुरस्कार प्रदान किया गया हैं।
  • इनका चयन आयुष मंत्रालय (MInistry of Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy-AYUSH) द्वारा विभिन्न श्रेणियों के तहत प्राप्त 79 नामांकन के बीच से किया गया था।

विश्व शरणार्थी दिवस

(World Refugee Day)

विश्व भर के शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय एवं उनके प्रति सम्मान को स्वीकृति देने के लिये संयुक्त राष्ट्र 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाता है।

विश्व शरणार्थी दिवस 2019 की थीम #StepWithRefugees — Take A Step on World Refugee Day है।

  • वर्ष 2018 में इसकी थीम ‘Now More Than Ever, We Need to Stand with Refugees’ थी।
  • प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन उन लोगों के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है, जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। वस्तुत: शरणार्थियों की दुर्दशा और समस्याओं का समाधान करने के लिये ही इस दिवस को मनाया जाता है।

पृष्ठभूमि

  • अफ्रीकी देशों की एकता को अभिव्यक्त करने के लिये 4 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • इस प्रस्ताव में 2001 को शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित 1951 की संधि की 50वीं वर्षगाँठ के रूप में चिह्नित किया गया।
  • ऑर्गनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी (ओएयू) अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी दिवस को अफ्रीकी शरणार्थी दिवस के साथ 20 जून को मनाने के लिये सहमत हो गया।
  • इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी (International Rescue Committee) और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस दिन निम्नलिखित गतिविधियाँ आयोजित करते हैं:
    • शरणार्थी स्थलों का निरीक्षण।
    • शरणार्थियों और उनकी समस्याओं से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन।
    • गिरफ्तार शरणार्थियों की मुक्ति के लिये विरोध प्रदर्शन।
    • जेल में बंद शरणार्थियों के लिये समुचित चिकित्सकीय सुविधा और नैतिक समर्थन उपलब्ध कराने के लिये रैलियों का आयोजन।
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