प्रीलिम्स फैक्ट्स: 18 अक्तूबर, 2019 | 18 Oct 2019
एक्स ईस्टर्न ब्रिज- V
EX EASTERN BRIDGE-V
17-26 अक्तूबर 2019 तक भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय संयुक्त वायुसेना सैन्य-अभ्यास एक्स ईस्टर्न ब्रिज-5 (EX EASTERN BRIDGE-V) का आयोजन किया जा रहा है।
प्रमुख तथ्य:
- भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) रॉयल एयर फोर्स ओमान (Royal Air Force Oman- RAFO) के बीच यह सैन्य-अभ्यास ओमान के वायुसेना बेस मसिराह में हो रहा है।
- इस अभ्यास में IAF के मिग-29, सी-17 विमान और RAFO के यूरोफाइटर टाइफून, एफ -16 एवं हॉक जैसे विमान शामिल हो रहे हैं।
उद्देश्य:
- यह अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच आपसी सैन्य संबंध को मज़बूत करेगा।
- भारतीय वायु सेना को अंतर्राष्टीय स्तर पर अभ्यास का एक अच्छा अवसर प्राप्त होगा।
अंतिम सैन्य अभ्यास:
- भारत और ओमान की वायुसेना के बीच अंतिम सैन्य अभ्यास ब्रिज- 4 (BRIDGE- 4) वर्ष 2017 में गुजरात के जामनगर में आयोजित किया गया था।
ओमान:
- ओमान, अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट (जिसे मुसंडम प्रायद्वीप- Musandam Peninsula कहा जाता है) पर स्थित है।
- ओमान भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह अरब सागर और फारस की खाड़ी के संपर्क बिंदु पर स्थित है।
- इसकी राजधानी मस्कट है।
तुलागी द्वीप
Tulagi Island
हाल ही में बीजिंग स्थित एक कंपनी ने गुप्त समझौते के तहत तुलागी द्वीप (Tulagi Island) और उसके आसपास के क्षेत्र के लिये विशेष विकास अधिकार (Exclusive Development Rights) प्राप्त किये हैं।
तुलागी द्वीप के बारे में:
- तुलागी द्वीप, सोलोमन द्वीपसमूह के अंतर्गत दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया तथा अमेरिका के मध्य अवस्थित है।
- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान (वर्ष 1942) द्वारा नष्ट किये जाने से पहले यह ब्रिटिश सोलोमन द्वीप की प्रशासनिक राजधानी थी।
चीन और सोलोमन के बीच संबंध:
- सोलोमन ने ताइवान से अपने संबंधों को समाप्त कर दिया तथा समझौते से कुछ दिन पहले चीन के साथ राजनीतिक संबंधों की शुरुआत है।
- कॉर्पोरेट रिकॉर्ड के अनुसार 75- वर्षीय पट्टे को चीन सैम एंटरप्राइज ग्रुप (China Sam Enterprise Group) को दिया गया था, जिसे वर्ष 1985 में राज्य स्वामित्व वाले उद्यम के रूप में स्थापित किया गया था।
- इस समझौते में मत्स्य उत्पादन, संचालन केंद्र तथा हवाई अड्डे के निर्माण के प्रावधान शामिल हैं।
अमेरिका का दृष्टिकोण:
- इस कदम ने अमेरिकी अधिकारियों को चिंतित किया है क्योंकि दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के द्वीप समुद्री मार्गों की निगरानी तथा सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।
- दक्षिण प्रशांत क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है तथा यहाँ पर चीन द्वारा किये गये निवेश से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया चिंतित हैं क्योंकि यह बीजिंग को जहाज़ों, विमानों एवं जीपीएस के साथ-साथ सैन्य अड्डे की स्थापना व उसके विस्तार का अवसर दे सकता है।
माउंट पाएकटु/पाइकटु
Mt. Paektu
माउंट पाएकटु/पाइकटु एक ज्वालामुखी पर्वत है जिसमें लगभग हज़ार वर्षो पहले उद्गार हुआ था।
माउंट पाएकटु/पाइकटु की अवस्थिति:
- यह कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic People’s Republic of Korea’s- DPRK) और चीन के बीच सीमा पर स्थित है।
- इस ज्वालामुखी पर्वत को कोरियाई लोगों द्वारा पवित्र माना जाता है क्योंकि वे इसे कोरियाई राज्य के आध्यात्मिक मूल के रूप में मानते हैं।
- लगभग 9,000 फीट की ऊँचाई पर अवस्थित यह कोरियाई प्रायद्वीप की सबसे ऊँची चोटी भी है।
- दक्षिण कोरियाई राष्ट्रगान में भी माउंट पाएकटु/पाइकटु का संदर्भ दिया गया है।
ज्वालामुखीय पर्वत
- ज्वालामुखी के उद्गार से निस्तृत लावा और राख चूर्ण के संग्रह से ज्वालामुखी पर्वत का निर्माण होता है।
- ज्वालामुखी पर्वतों की ढाल मुख्य रूप से लावा के स्वभाव तथा विखंडित पदार्थों की मात्रा पर आधारित होती है।
- विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी पर्वत:
- किलमंजारों (अफ्रीका),
- कोटापेक्सी (एंडीज),
- माउंट रेनियर, हुड और शास्ता (संयुक्त राज्य अमेरिका),
- फ्यूजीयामा (जापान),
- विसूवियस (इटली),
- एकांकागुआ (चिली)
खोन रामलीला
KHON Ramlila
उत्तर प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग विश्व प्रसिद्ध खोन (KHON) रामलीला हेतु देश का पहला प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है।
खोन रामलीला
- थाईलैंड की खोन रामलीला को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया है।
- यह रामलीला के दृश्यों को दर्शाता एक नकाबपोश नृत्य है।
- इस नृत्य के दौरान कोई संवाद नहीं होता बल्कि पृष्ठभूमि की आवाज़ें ही रामायण की पूरी कहानी का बयान करती हैं।
- खोन रामलीला का प्रदर्शन अपने सुंदर पोशाक और सुनहरे मुखौटों के लिये भी प्रसिद्ध है।
यूनेस्को (UNESCO):
- यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक भाग है।
- मुख्यालय- पेरिस (फ्राँस)
- गठन- 16 नवंबर, 1945
- कार्य- शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना।
- उद्देश्य- इसका उद्देश्य शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार तथा मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए।