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प्रिलिम्स फैक्ट्स: 17 जून, 2021

  • 17 Jun 2021
  • 3 min read

भारत-थाईलैंड समन्वित गश्त (इंडो-थाई कॉर्पेट)

India-Thailand Coordinated Patrol (Indo-Thai CORPAT)

हाल ही में भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई कॉर्पेट) के 31वें संस्करण का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का आयोजन संस्करण मलक्का जलडमरूमध्य के पास अंडमान सागर में किया गया था।

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प्रमुख बिंदु:

  • भारत और थाईलैंड द्वारा वर्ष 2005 से ही अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के निकट वर्ष में दो बार इस समन्वित गश्ती का आयोजन किया जाता है।
  • भारतीय नौसेना के स्वदेशी निर्मित नौसैनिक अपतटीय गश्ती पोत जहाज़ सरयू (INS Saryu) एवं थाईलैंड का अपतटीय गश्ती पोत हिज मजेस्टीस थाइलैंड शिप कर्बी (HTMS-Krabi) तथा दोनों नौसेनाओं के डोर्नियर समुद्री गश्ती विमानों ने कॉर्पेट के 31वें संस्करण में भाग लिया।

समन्वित गश्त का उद्देश्य:

  • दोनों देशों के बीच समुद्री संपर्कों को मजबूत करने और हिंद महासागर के इस महत्त्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये सुरक्षित रखना।
  • संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UN Convention on the Law of the Sea-UNCLOS) के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना।
    • UNCLOS प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा एवं संरक्षण, समुद्री पर्यावरण के संरक्षण, मछली पकड़ने की अवैध एवं अनियंत्रित गतिविधियों की रोकथाम और दमन, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री डकैती, तस्करी की रोकथाम हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान, अवैध प्रवासन तथा समुद्र में खोज एवं बचाव कार्यों के संचालन संबंधी नियमों को निर्दिष्ट करता है।

सागर मिशन के दृष्टिकोण के अनुरूप:

  • भारत सरकार के सागर (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) मिशन के दृष्टिकोण के एक भाग के तौर पर, भारतीय नौसेना द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त EEZ निगरानी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत अभियानों के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।

भारत और थाईलैंड के बीच अन्य अभ्यास:

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