प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04-09-2019 | 04 Sep 2019
एएच-64ई अपाचे
AH-64E Apache
हाल ही में AH-64E अपाचे (AH-64E Apache) लड़ाकू हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।
- भारतीय वायु सेना ने 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिये बोइंग कंपनी और अमेरिकी सरकार के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर सितंबर 2015 में किये गये थे।
- अब तक 8 हेलीकॉप्टर समय पर भारत को प्राप्त हो गए हैं, हेलीकॉप्टर की अंतिम खेप मार्च 2022 तक दी जाएगी।
- भारत द्वारा Mi-35 बेड़े के स्थान पर अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीदारी की जा रही है।
- एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों, हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों तथा रॉकेटों पर निशाना साधने के अतिरिक्त अपाचे हेलीकॉप्टर में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare- EW) क्षमताएँ विद्यमान हैं।
- अपाचे हेलीकॉप्टर विश्व भर में ऐतिहासिक कार्रवाइयों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। साथ ही इन हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना की मांग के अनुरूप बनाया गया है।
- ये हेलीकॉप्टर अनेक हथियारों की डिलीवरी करने में सक्षम हैं।
- इनमें हवा से ज़मीन पर मार करने वाले हेलफायर मिसाइल (Hellfire Missiles), 17 मिमी. हाइड्रा रॉकेट (Hydra rockets) और हवा-से-हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missiles) शामिल है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर में 30 मिमी. चेनगन (Chain Gun) के साथ ही फायर कंट्रोल राडार भी है, जो 360 डिग्री का कवरेज़ प्रदान करता है और इसमें नाइट विज़न प्रणाली भी शामिल है।
- इस हेलीकॉप्टर का रख-रखाव करना भी आसान है और यह उष्णकटिबंधीय तथा रेगिस्तानी क्षेत्रों में संचालन हेतु सक्षम है।
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में शामिल अन्य राज्य
1 अक्तूबर, 2019 से दो नए क्लस्टर केरल और कर्नाटक तथा राजस्थान एवं हरियाणा राशन कार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी पहल में शामिल होंगे।
- इससे पहले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तथा महाराष्ट्र और गुजरात के राशन-कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी शुरू की जा चुकी है।
- हालाँकि राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली के लिये रोडमैप तैयार किया जा रहा है जिसे जून 2020 तक लागू किये जाने की संभावना है।
- 1 जनवरी, 2020 तक देश के 11 राज्यों के प्रवासियों द्वारा ग्रिड के भीतर किसी भी अन्य राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गारंटीकृत राशन प्राप्त किये जाने की संभावना है।
- जिसके अंतर्गत कुछ राज्यों ने इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी को लागू करने का पहला चरण हासिल कर लिया है, जहाँ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थी अपने राज्य के भीतर पंजीकृत दुकान के अलावा किसी भी राशन की दुकान में राशन-कार्ड का उपयोग कर सकते हैं।
- मार्च 2020 तक 13 अन्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों- तमिलनाडु, गोवा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, दमन और दीव, तथा दादरा एवं नगर हवेली में इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी।
‘लियो परगेल’
Leo Pargyil
भारतीय सेना की एक टीम ने विषम मौसम की चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए ‘लियो परगेल’ (Leo Pargyil) पर्वत पर सफलतापूर्वक फतह हासिल की।
- भारतीय सेना ने यह सफलता 20 अगस्त, 2019 को सुबह 10.30 बजे हासिल की, इसके साथ ही इस पर्वत की चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ फहराया।
- ‘लियो परगेल’ पर्वत हिमाचल की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है जिसकी ऊँचाई लगभग 6773 मीटर है।
- इसे सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण एवं तकनीकी दृष्टि से अत्यंत कठिन चोटी माना जाता है। यह पर्वत ज़ास्कर रेंज (Zaskar Range) में आता है।
- इस अभियान दल को हिमाचल स्थित पूह (Pooh) से ट्राई पीक ब्रिगेड (Tri Peak Brigade) के कमांडर द्वारा 20 अगस्त को रवाना किया गया था तथा इसमें ट्राई पीक ब्रिगेड की महार रेजिमेंट की 18वीं बटालियन (18th Battalion the Mahar Regiment) के सैनिक शामिल थे।
भारत-अमेरिका युद्ध अभ्यास 2019
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के ‘संयुक्त सैन्य अभ्यास 2019’ के 15वें संस्करण का आयोजन 5-18 सितंबर, 2019 तक वाशिंगटन में किया जाना है।
- दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किये जाने वाले इस युद्ध अभ्यास को इस बार ज्वाइंट बेस लुईस मैक कॉर्ड, वाशिंगटन (Joint Base Lewis Mc Chord, Washington, USA) में किया जाएगा।
- यह भारत और अमेरिका के बीच सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और रक्षा सहयोग है।
- यह युद्ध अभ्यास दोनों देशों के सशस्त्र बलों को ब्रिग्रेड स्तर पर संयुक्त नियोजन के साथ बटालियन स्तर पर एकीकृत रूप से प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करेगा।
- संगठनात्मक ढाँचे और युद्ध प्रक्रियाओं को समझने के लिये इस संयुक्त अभ्यास के दौरान विविध कार्रवाइयाँ की जाएंगी।
- इससे दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन में सहायता मिलेगी और अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सकेगा।
'ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड'
Global Goalkeeper Award
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व हेतु बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित 'ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड' के लिये चुना गया है।
- इस फाउंडेशन के मुताबिक, यह अवॉर्ड पाँच श्रेणियों के तहत किसी नेता द्वारा अपने देश में या वैश्विक स्तर पर सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों के लिये दिया जाता है।
- इस पुरस्कार की पाँच श्रेणियाँ ‘प्रोग्रेस’, ‘चेंजमेकर’, ‘कैम्पेन’, ‘गोलकीपर्स वॉइस’ और ‘ग्लोबल गोलकीपर’ है।
- प्रधानमंत्री मोदी को स्वच्छ भारत अभियान में उनके नेतृत्व के लिये सम्मानित किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत दो अक्तूबर 2014 को हुई थी।
- इससे पहले इस फोरम को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्राँस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमिना मोहम्मद और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई तथा नादिया मुराद संबोधित कर चुके हैं।
- ‘गोलकीपर्स’ कार्यक्रम को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमिना मोहम्मद, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई तथा नादिया मुराद संबोधित कर चुके हैं।