प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 02 जून, 2021
- 02 Jun 2021
- 8 min read
नैनो यूरिया लिक्विड
Nano Urea Liquid
हाल ही में दुनिया भर के किसानों के लिये भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) ने विश्व का पहला नैनो यूरिया लिक्विड उर्वरक तैयार किया है।
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO)
परिचय:
- यह भारत की सबसे बड़ी सहकारी समितियों में से एक है जिसका पूर्ण स्वामित्व भारतीय सहकारी समितियों के पास है।
- वर्ष 1967 में केवल 57 सहकारी समितियों के साथ इसकी स्थापना की गई थी, वर्तमान में यह 36,000 से अधिक भारतीय सहकारी समितियों का एक सम्मेलन है, जिसमें उर्वरकों के निर्माण और बिक्री के मुख्य व्यवसाय के अतिरिक्त सामान्य बीमा से लेकर ग्रामीण दूरसंचार तक विविध व्यावसायिक हित निहित हैं।
उद्देश्य:
- भारतीय किसानों को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से टिकाऊ विधि से विश्वसनीय, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट और सेवाओं की समय पर आपूर्ति के माध्यम से समृद्ध होने और उनके कल्याण में सुधार के लिये अन्य गतिविधियों को शुरू करने में सक्षम बनाना।
प्रमुख बिंदु:
परिचय:
- यह यूरिया के परंपरागत विकल्प के रूप में पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने वाला एक पोषक तत्त्व (तरल) है।
- नैनो यूरिया को पारंपरिक यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को न्यूनतम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
- इसकी 500 मिली. की एक बोतल में 40,000 मिलीग्राम / लीटर नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग/बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्त्व प्रदान करेगा।
- परंपरागत यूरिया पौधों को नाइट्रोजन पहुँचाने में 30-40% प्रभावी है, जबकि नैनो यूरिया लिक्विड की प्रभावशीलता 80% से अधिक है।
- इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण चावल और गेहूँ जैसी 94 फसलों के लिये 11,000 से अधिक किसानों के खेतों में किया गया है।
- इसके उपयोग से उपज में औसतन 8% की वृद्धि पाई गई है।
निर्माण:
- इसे स्वदेशी रूप से नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ( कलोल, गुजरात) में आत्मनिर्भर भारत अभियान और आत्मनिर्भर कृषि के अनुरूप विकसित किया गया है।
- भारत अपनी यूरिया की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये आयात पर निर्भर है।
महत्त्व:
- पौधों के पोषण में सुधार:
- नैनो यूरिया लिक्विड को पौधों के पोषण के लिये प्रभावी और कुशल पाया गया है। यह बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ उत्पादन बढ़ाने में भी सक्षम है।
- यह मिट्टी में यूरिया के अत्यधिक उपयोग को कम करके संतुलित पोषण कार्यक्रम को बढ़ावा देगा और फसलों को मजबूत, स्वस्थ और उन्हें कमज़ोर होकर टूटने (Lodging) आदि प्रभावों से बचाएगा।
- लॉजिंग (Lodging) प्रभाव का अभिप्राय फसलों के ज़मीनी स्तर के पास तनों का झुकना है, जिससे उनकी कटाई करना बहुत मुश्किल हो जाता है तथा उपज की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
- पर्यावरण में सुधार:
- इफको के अनुसार, भूमिगत जल की गुणवत्ता पर भी इस नैनो यूरिया लिक्विड का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो जलवायु परिवर्तन और सतत् विकास पर प्रभाव के साथ ग्लोबल वार्मिंग में कमी के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- किसानों की आय में वृद्धि :
- यह किसानों के खर्च के अनुकूल है तथा किसानों की आय बढ़ाने में कारगर होगा। इससे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग की लागत में भी काफी कमी आएगी।
ऐम्बिटैग
AmbiTAG
हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़, पंजाब ने अपनी तरह का पहला इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Thing) उपकरण ऐम्बिटैग (AmbiTag) विकसित किया है, जो खराब होने वाले उत्पादों, टीकों और यहाँ तक कि शरीर के अंगों व रक्त के संचार के दौरान उनके आसपास का रियल टाइम तापमान दर्ज करता है।
- इस डिवाइस को प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र अवध (AWADH- कृषि एवं जल तकनीकी विकास केंद्र) और उसके स्टार्टअप स्क्रैचनेस्ट (ScratchNest) के अंतर्गत विकसित किया गया है।
कृषि एवं जल तकनीकी विकास केंद्र
- यह आईआईटी रोपड़ का एक अनुसंधान केंद्र है, जिसकी स्थापना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा विज्ञान एवं इंज़ीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) के सहयोग से कृषि व जल के क्षेत्र में व्यापक शोध करने के लिये की गई है।
प्रमुख बिंदु
ऐम्बिटैग के विषय में:
- यह यूनिवर्सल सीरियल बस (Universal Serial Bus- USB) डिवाइस के आकार का है।
- यह कोल्ड चेन प्रबंधन के लिये भारत का पहला स्वदेशी तापमान डेटा लॉगर है।
- यह एक बार चार्ज होकर पूरे 90 दिनों तक किसी भी टाइम ज़ोन में और -40 से +80 डिग्री सेंटीग्रेट तक के वातावरण में निरंतर तापमान दर्ज करता रहता है।
- वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उपलब्ध इस तरह की डिवाइस सिर्फ 30-60 दिनों तक की अवधि के लिये तापमान दर्ज करती है।
- जब तापमान पूर्व निर्धारित सीमा से ऊपर जाता है तो यह एक अलर्ट जारी करता है।
- दर्ज किये गए डेटा को किसी कंप्यूटर को यूएसबी से जोड़कर हासिल किया जा सकता है।
महत्त्व:
- सब्जियों, मीट और डेयरी उत्पादों सहित खराब होने वाले उत्पादों के अलावा यह परिवहन के दौरान जानवरों के वीर्य (Semen) के तापमान की भी निगरानी कर सकता है।
- यह डिवाइस कोविड-19 वैक्सीन परिवहन में शामिल सभी कंपनियों को उत्पादन सुविधाओं से लेकर देश के अंतिम छोर तक टीकाकरण केंद्रों तक उपलब्ध कराया जाएगा।
- यह डिवाइस कोविड वैक्सीन उत्पादन केंद्र से देश के किसी भी कोने में स्थित टीकाकरण केंद्र तक ढुलाई में लगी सभी कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस डिवाइस से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलता है क्योंकि ऐसी डिवाइसों को भारत में सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, आयरलैंड और चीन जैसे दूसरे देशों से बड़ी मात्रा में आयात किया जा रहा है।