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प्रिलिम्स फैक्ट: 17 फरवरी, 2021

  • 17 Feb 2021
  • 5 min read

करलापट वन्यजीव अभयारण्य, ओडिशा

(Karlapat Wildlife Sanctuary, Odisha)

हाल ही में ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में स्थित करलापट वन्यजीव अभयारण्य में हेमरिज सेप्टीसीमिया (HS) के कारण छह हाथियों की मौत हो गई।

प्रमुख बिंदु: 

हेमरिज सेप्टीसीमिया (HS) 

  • संक्षिप्त परिचय: 
    • यह  बीमारी उन जानवरों को संक्रमित करती है जो ‘पाश्चरेला मल्टोसिडा’  (Pasteurella Multocida) नामक एक संक्रामक बैक्टीरिया द्वारा दूषित जल या मिट्टी के संपर्क में आते हैं।
    • इस बीमारी में जानवरों के श्वसन तंत्र और फेफड़े प्रभावित होते हैं, जिसके कारण निमोनिया हो सकता है।
  • प्रभावित/संक्रमित पशु:  
    • यह बीमारी मुख्य रूप से भैंस, मवेशी और बाइसन को प्रभावित करती है तथा इस बीमारी से संक्रमित पशुओं में मृत्यु दर काफी अधिक होती है।
    • हाल ही में ओडिशा के केंद्रपाड़ा में इस बीमारी के कारण लगभग 40 भैंसों की मृत्यु हो गई थी।
  • मौसम: 
    • यह बीमारी आमतौर पर मानसून से पहले और बाद की अवधि में फैलती है।  

करलापट वन्यजीव अभयारण्य

(Karlapat Wildlife Sanctuary):  

  • अवस्थिति: यह ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • वनस्पति: शुष्क पर्णपाती वन।
  • प्रणिजात:  
    • स्तनधारी: हाथी, तेंदुआ, गौर, सांभर, काकड़-हिरण, भारतीय भेड़िया, मालबार विशाल गिलहरी, पैंगोलिन आदि।
    • पक्षी: मोर, हॉर्नबिल, लाल जंगली मुर्गा आदि।
    • सरीसृप: मगर, घडियाल, मॉनिटर लिज़र्ड आदि।
  • वनस्पतिजात: साल, बीजा, बाँस, औषधीय पौधे आदि।
  • जल निकाय: फुरलीझरन झरना अभयारण्य के भीतर स्थित है।

ओडिशा के प्रमुख संरक्षित क्षेत्र:

  • राष्ट्रीय उद्यान (National Parks):
    • भीतरकणिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park): इस उद्यान में देश में लुप्तप्राय खारे पानी के मगरमच्छों का सबसे बड़ा समूह निवास करता है। 
    • सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान: इस उद्यान का नाम सेमल या लाल रेशमी कपास के पेड़ों से प्रेरित है जो इस क्षेत्र में बहुतायत में पाए जाते हैं।
  • वन्यजीव अभयारण्य:
    • बदरमा वन्यजीव अभयारण्य: यह आर्द्र साल वनों की उपस्थिति के लिये जाना जाता है।
    • चिलिका (नलबण) वन्यजीव अभयारण्य: चिलिका झील एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील है।  
    •  हदगढ़ वन्यजीव अभयारण्य: सालंदी नदी इस अभयारण्य से होकर गुज़रती है।
    • बैसीपल्ली वन्यजीव अभयारण्य: यह बाघों, तेंदुओं, हाथियों और कुछ शाकाहारी जानवरों जैसे-चौसिंगा की एक महत्त्वपूर्ण संख्या के साथ बड़ी मात्रा में साल (Sal) वन से आच्छादित है।
    • कोटगढ़ वन्यजीव अभयारण्य:  इसमें घास के मैदानों के साथ घने पर्णपाती वन भी हैं।
    • नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य:  यह विश्व में सफेद बाघ (White Tiger) और मैलेनिस्टिक टाइगर (Melanistic Tiger) का सबसे पहला प्रजनन केंद्र है।
    • लखारी घाटी वन्यजीव अभयारण्य: लखारी घाटी अभयारण्य हाथियों की एक बड़ी संख्या का निवास स्थान है।
    • गहिरमाथा (समुद्री) वन्यजीव अभयारण्य: यह हिंद महासागर क्षेत्र में एक बड़ा सामूहिक प्रजनन केंद्र और ओडिशा का एकमात्र कछुआ अभयारण्य है। ओलिव रिडले कछुए गहिरमाथा के तट पर प्रजनन के लिये दक्षिण प्रशांत की यात्रा कर यहाँ आते हैं। 
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