नई NCERT पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना हटाई गई | 08 Aug 2024
स्रोत: द हिंदू
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training- NCERT) ने वर्ष 2024 में जारी होने वाली कक्षा 3 और 6 की कई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है।
- NCERT ने स्पष्ट किया है कि संगठन अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार समग्र विकास के लिये प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान सहित भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
प्रस्तावना:
- संविधान की प्रस्तावना संविधान में निहित मूल संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि:
- भारत एक संप्रभुता, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनेगा जो लोगों के लिये न्याय, समानता और स्वतंत्रता हेतु प्रतिबद्ध होगा।
- इसका उद्देश्य राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिये भाईचारे को बढ़ावा देना है।
- संविधान के अधिकार का स्रोत भारत के लोगों के पास है।
- इसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था।
- भारत एक संप्रभुता, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनेगा जो लोगों के लिये न्याय, समानता और स्वतंत्रता हेतु प्रतिबद्ध होगा।
- केशवानंद भारती केस, 1973 और केंद्र सरकार बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम, 1995 में सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है।
- प्रस्तावना मौलिक अधिकार प्रदान नहीं करती है और यह न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं है।
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