प्रसाद योजना | 29 Dec 2022

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने तेलंगाना में 'भद्राचलम मंदिरों के समूह में तीर्थयात्रा सुविधाओं के विकास' परियोजना की आधारशिला रखी। 

मंदिरों की प्रमुख विशेषताएँ:

  • भद्राचलम मंदिरों का समूह:
    •  भद्राचलम के मंदिर को 350 वर्षों से अधिक पुराना बताया जाता है और यह रामायण महाकाव्य से संबंधित है।
    • ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास का कुछ समय भद्राचलम मंदिर के पास दंडकारण्य वन के एक हिस्से परनासाल नामक गाँव में व्यतीत किया था।  
    • मंदिरों का यह समूह गोदावरी नदी के बाएँ तट पर स्थित है।  
  • रामप्पा मंदिर: 
    • भगवान शिव का रामप्पा मंदिर वास्तुकला प्रतिभा का एक आदर्श उदाहरण है, जिसे 1213 ईस्वी में काकतीय शासकों द्वारा बनाया गया था और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।   
    • यह विरासत मंदिर प्रत्येक वर्ष 10 लाख से अधिक आगंतुकों को आकर्षित करता है तथा पर्यटक सर्किट के बीच उच्च दृश्यता रखता है।

UNESCO

‘प्रसाद’ (PRASHAD) योजना: 

  • परिचय: 
    • पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में चिह्नित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive’- PRASAD)' शुरू किया गया था।
    • अक्तूबर 2017 में योजना का नाम बदलकर ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान’ (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Heritage Augmentation Drive- PRASHAD) राष्ट्रीय मिशन कर दिया गया।
      • आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की हृदय (HRIDAY) योजना के बंद होने के बाद विरासत स्थलों के विकास को प्रसाद (PRASHAD) योजना में शामिल किया गया।
    • प्रसाद योजना के तहत विकास के लिये कई धार्मिक शहरों/स्थलों की पहचान की गई है जैसे- अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), परशुराम कुंड (लोहित ज़िला, अरुणाचल प्रदेश), पटना और गया (बिहार) आदि।
  • कार्यान्वयन एजेंसी:  
    • इस योजना के तहत चिह्नित परियोजनाओं को संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार द्वारा चिह्नित एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। 
  • वित्तपोषण तंत्र:  
    • केंद्र सरकार सार्वजनिक वित्तपोषण के लिये शुरू किये गए परियोजना घटकों हेतु 100% वित्तपोषण प्रदान करती है।

स्रोत: पी.आई.बी.