प्रारंभिक परीक्षा
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण
- 09 Oct 2024
- 8 min read
स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत अपनी ग्रामीण आवास योजना को बढ़ाने के लिये देश भर में कच्चे घरों का सर्वेक्षण शुरू करके और आवास सखी मोबाइल ऐप लॉन्च करके महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- इस पहल का उद्देश्य पक्के (सभी मौसम के अनुकूल) घरों के लिये नए लाभार्थियों की पहचान करना तथा अपर्याप्त आवास वाले परिवारों की मदद करना है।
कच्चे मकानों के सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?
- आवास की अपर्याप्तता को संबोधित करना: इसका उद्देश्य कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों के बारे में आँकड़े एकत्र करना है, ताकि सरकार को सबसे अधिक आवश्यकता वाले लोगों पर अपने संसाधनों को केंद्रित करने में सहायता मिल सके।
- आवास सखी मोबाइल ऐप को समर्थन: यह सर्वेक्षण हाल ही में लॉन्च आवास सखी मोबाइल ऐप का पूरक होगा, जो लाभार्थियों के लिये आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है तथा उन्हें आवास से संबंधित जानकारी और संसाधनों तक आसान पहुँच प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) क्या है?
- वर्ष 2016 में शुरू की गई PMAY-G का उद्देश्य समाज के सबसे गरीब लोगों को आवास उपलब्ध कराना है।
- यह सुनिश्चित करने के लिये कि सहायता सबसे अधिक पात्र लोगों तक पहुँचे, प्राप्तकर्त्ताओं का चयन एक कठोर तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा की मंजूरी और जियो-टैगिंग शामिल है।
- PMAY-G के अंतर्गत लाभार्थियों को प्राप्त होगा:
- वित्तीय सहायता: मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए तथा पूर्वोत्तर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों सहित पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रुपए।
- शौचालयों हेतु अतिरिक्त सहायता: स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण (SBM-G) या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना या किसी अन्य समर्पित वित्त पोषण स्रोत जैसी योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालयों के निर्माण के लिये 12,000 रुपए।
- रोज़गार सहायता: आवास निर्माण के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के माध्यम से लाभार्थियों के लिये 90/95 व्यक्ति-दिवस अकुशल मज़दूरी रोज़गार का अनिवार्य प्रावधान।
- बुनियादी सुविधाएँ: प्रासंगिक योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से पानी, तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) और बिजली कनेक्शन तक पहुँच।
- लागत साझाकरण: केंद्र और राज्य मैदानी क्षेत्रों के मामले में 60:40 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं, तथा पूर्वोत्तर राज्यों, दो हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मामले में 90:10 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं।
- लद्दाख सहित अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100% लागत वहन करता है।
- SBM-G के तहत प्रगति: सरकार ने 2.95 करोड़ घर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। अगस्त 2024 तक 2.94 करोड़ घरों को मंजूरी दी जा चुकी है तथा 2.64 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों की जीवन स्थितियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- हालिया घटनाक्रम: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2024 में मौजूदा इकाई सहायता पर दो करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिये वित्तीय सहायता को मंज़ूरी दी।
- SBM-G पात्रता मानदंड को लचीला बनाया गया है, और बाइक या स्कूटर के मालिक अब लाभार्थी सूची में शामिल हो सकते हैं। 15,000 रुपए प्रति माह तक आय अर्जित करने वाले लोग भी अब आवास के लिये पात्र होंगे (पहले सीमा 10,000 रुपए थी)।
- वित्त वर्ष 2024-2029 तक चलने वाली इस पहल का उद्देश्य मौजूदा आवास आवश्यकताओं को पूरा करना, लगभग 10 करोड़ व्यक्तियों को लाभान्वित करना तथा उन लोगों के लिये सुरक्षित, स्वच्छ और सामाजिक रूप से समावेशी आवास सुनिश्चित करना है, जो वर्तमान में उचित आश्रय के बिना या जीर्ण-शीर्ण परिस्थितियों में जीवन-यापन कर रहे हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रारंभिक परीक्षाप्रश्न: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रीय निर्धनों के आजीविका विकल्पों को सुधारने का किस प्रकार प्रयास करता है? (2012)
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
|