अभिघातज उत्तर दबाव विकार (PTSD) और सेरिबैलम | 17 Jan 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि अभिघातजन्य दबाव विकार (Post Traumatic Stress Disorder (PTSD) वाले व्यक्तियों को उनके सेरिबैलम में ग्रे और व्हाइट मैटर दोनों की मात्रा में गंभीर कमी का अनुभव हो सकता है।
- यह अन्य पहलुओं के अलावा उनके संज्ञानात्मक कार्यों और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष क्या हैं?
- अध्ययन से पता चला कि PTSD सेरिबैलम में ग्रे और व्हाइट मैटर दोनों की मात्रा में काफी कमी से संबद्ध है।
- यह कमी मस्तिष्क के विशिष्ट उपक्षेत्रों में उल्लेखनीय थी, जिसमें पोस्टीरियर लोब, वर्मिस, फ्लॉक्यूलोनोड्यूलर लोब और कॉर्पस मेडुलेयर शामिल थे।
- अध्ययन से यह भी पता चला है कि अनुमस्तिष्क मात्रा (Cerebellar Volume) में परिवर्तन, PTSD अनुभव की तीव्रता के साथ संबंधित है, जो स्थिति की गंभीरता का आकलन करने के लिये एक संभावित बायोमार्कर दर्शाता है।
- यह केवल मस्तिष्क के भावना-प्रसंस्करण केंद्रों के विकार के रूप में PTSD की पारंपरिक समझ को चुनौती देता है।
- अनुमस्तिष्क की भागीदारी PTSD में अधिक जटिल मस्तिष्क नेटवर्क व्यवधान का सुझाव देती है, जिसमें संज्ञानात्मक और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को एकीकृत करने के लिये ज़िम्मेदार क्षेत्र शामिल हैं।
- यह अध्ययन विकार से प्रभावित विशिष्ट अनुमस्तिष्क (Cerebellar) क्षेत्रों को इंगित करके PTSD के रोग क्रिया विज्ञान/पैथोफिज़ियोलॉजी को समझने में मदद करता है।
अभिघातज उत्तर दबाव विकार (PTSD) क्या है?
- अभिघातज उत्तर दबाव विकार (Post-traumatic Stress Disorder- PTSD), एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो किसी व्यक्ति द्वारा युद्ध, हिंसा, दुर्व्यवहार या प्राकृतिक आपदा जैसी दर्दनाक घटना का अनुभव करने या देखने के बाद होती है।
- PTSD से पीड़ित लोगों में पुनरावृत्ति वाली यादें, बुरे सपने, फ्लैशबैक, टालमटोल और नकारात्मक मनोदशा आदि हो सकते हैं।
- ये लक्षण उनके दैनिक कामकाज और जीवन की गुणवत्ता में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
- PTSD का इलाज मनोचिकित्सा, दवा या दोनों से किया जा सकता है।
- PTSD व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर अविश्वसनीय रूप से बोझिल है, जिससे गहरा संकट, कार्यात्मक हानि तथा आश्चर्यजनक उपचार लागत होती है।
अनुमस्तिष्क और मस्तिष्क के अन्य भाग क्या हैं?
- मस्तिष्क में तीन प्राथमिक घटक होते हैं: प्रमस्तिष्क/सेरीब्रम, अनुमस्तिष्क और मस्तिष्क स्तंभ।
- अनुमस्तिष्क/Cerebellum: मस्तिष्क भाग परंपरागत रूप से पेशीय नियंत्रण से संबंधित है किंतु अब इसकी भूमिका उच्च संज्ञानात्मक तथा संवेगात्मक (Emotional) कार्यों तक विस्तारित हो रही है।
- यह सिर के पिछले भाग में प्रमस्तिष्क (Cerebrum) के ठीक नीचे व मस्तिष्क स्तंभ (Brain Stem) के पीछे स्थित होता है। प्रमस्तिष्क/सेरिब्रम के समान किंतु छोटी संरचना के कारण इसे "लघु मस्तिष्क" भी कहा जाता है।
- प्रमस्तिष्क: यह मानव मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग बनाता है। जो दाएँ तथा बाएँ गोलार्द्धो से मिलकर बना है। जो संवेदी जानकारी, बोलने की प्रक्रिया, तर्क, भावनाओं, अधिगम एवं सटीक गति नियंत्रण की व्याख्या करने जैसे प्रमुख कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- मस्तिष्क स्तंभ/ब्रेनस्टेम: यह प्रमस्तिष्क, अनुमस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डी को जोड़ने वाले प्रसारण/रिले केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह श्वसन, हृदय गति, सोने-जागने के चक्र, पाचन व छींकने, खाँसने, वमन (Vomiting) एवं निगलने जैसी विभिन्न प्रतिवर्ती क्रियाओं (Reflex Actions) जैसी स्वचालित प्रक्रियाओं की देखरेख करता है।
- हाइपोथैलेमस: यह थैलेमस के नीचे स्थित होता है तथा शरीर के ताप, भूख, प्यास, थकान, निंद्रा एवं सर्कैडियन लय इत्यादि क्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) द्वारा हार्मोन मुक्त करने की प्रक्रिया में भी भूमिका निभाता है।