प्रारंभिक परीक्षा
पुर्तगाली सिक्का
- 13 Nov 2023
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
उत्तरी गोवा के नानोदा बंबर गाँव में एक किसान को ऐसा बर्तन मिला जिसमें बीते युग के सिक्के थे।
- पॉट में 832 तांबे के सिक्के थे, माना जाता है कि इन्हें 16वीं या 17वीं शताब्दी के आसपास गोवा में ढाला गया था, जब यह पुर्तगाली शासन के अधीन था।
भारत में पुर्तगाली सिक्के की विशेषता क्या थी?
- पुर्तगालियों ने गोवा से सोने और चाँदी के सिक्के जारी किये, साथ ही कोचीन, दीव और दमन जैसे अन्य टकसालों से तांबे, टिन और सीसे के सिक्के भी जारी किये।
- सोने के सिक्कों को 'क्रूज़ाडो' या 'मैनोएल' कहा जाता था और ये समान आकार, मूल्य तथा वज़न में जारी किये जाते थे। उनके एक तरफ क्रॉस था एवं दूसरी तरफ शाही हथियार प्रदर्शित किये गए थे।
- चाँदी के सिक्कों को 'मीया-एस्पेरा' और 'एस्पेरा' कहा जाता था।
- तांबे के सिक्कों को विभिन्न मूल्यवर्गों में विभाजित किया गया था जैसे 'बाज़ारुको', 'लील', 'तांगा', 'परदाउ' और 'रियल'।
- तांबे के सिक्कों पर महल, शेर, मुकुट, क्रॉस और राजा का नाम जैसे विभिन्न प्रतीक थे।
- टिन और सीसे के सिक्के मुख्य रूप से दीव और मलक्का से जारी किये जाते थे और इन्हें 'जिनहेइरो' (Dinheiro) कहा जाता था।
- उनका डिज़ाइन कच्चा था और वे अक्सर आकार में अनियमित होते थे। उनके एक तरफ राजा का नाम या प्रथमाक्षर और दूसरी तरफ एक क्रॉस या एक फूल था।
गोवा में पुर्तगालियों के साथ भारत का जुड़ाव:
- यात्री के रूप में पुर्तगाली: वास्को डी गामा वर्ष 1498 में मालाबार तट पर कालीकट में समुद्र के रास्ते भारत पहुँचने वाला पहला पुर्तगाली खोजकर्त्ता था और उसका स्वागत एक स्थानीय शासक ज़मोरिन ने किया था।
- उपनिवेशक के रूप में पुर्तगाली: वर्ष 1505 में फ्राँसिस्को डी अल्मीडा पुर्तगाली भारत के पहले वायसराय बने और कोचीन में एक आधार स्थापित किया। उन्होंने कालीकट के ज़मोरिन और मिस्र के मामलुकों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी, जो मसाला व्यापार में प्रतिद्वंद्वी थे।
- अफोंसो डी अल्बुकर्क (1510 में) ने बीजापुर सल्तनत से गोवा पर कब्ज़ा कर लिया और गोवा को भारत के पुर्तगाली राज्य की राजधानी बना दिया।
- पुर्तगालियों का औपनिवेशिक शासन: गोवा में पुर्तगाली शासन वर्ष 1510 से 1961 तक लगभग 450 वर्षों तक चला। इस अवधि के दौरान गोवा एक समृद्ध और महानगरीय शहर बन गया, जिसे "पूर्व का रोम" कहा जाता था।
- गोवा की मुक्ति: पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1961 में 36 घंटे के सैन्य अभियान के बाद हासिल की गई, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है।
- गोवा को राज्य का दर्जा: वर्ष 1987 में गोवा को भारत सरकार द्वारा राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारत का 25वाँ राज्य बन गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. पांडिचेरी (अब पुद्दुचेरी) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |