पीएम-प्रणाम | 16 Aug 2024
स्रोत: पी.आई.बी
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार की पीएम-प्रणाम पहल के विषय में जानकारी प्रदान की।
- पीएम-प्रणाम का अर्थ धरती माता की उर्वरता की बहाली, जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम (PM Programme for Restoration, Awareness, Nourishment and Amelioration of Mother Earth) है।
- पीएम-प्रणाम की घोषणा पहली बार केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के बजट में की गई थी।
- उद्देश्य: राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के प्रयासों को बढ़ावा देना:
- उर्वरकों का सतत् और संतुलित उपयोग।
- वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना।
- जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- वित्तीय तंत्र: जो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पिछले तीन वर्षों के औसत की तुलना में अपने रासायनिक उर्वरक उपयोग को कम करेंगे, उन्हें उर्वरक सब्सिडी से 50% बचत प्राप्त होगी।
- इस अनुदान का उपयोग किसानों सहित स्थानीय आबादी के लाभ के लिये किया जा सकता है।
- सम्मिलित उर्वरक के प्रकार: यूरिया, डायमोनियम फॉस्फेट (Diammonium Phosphate- DAP), नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम(NPK) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP)।
- क्षेत्र: भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश।
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA):
- इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और यह सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश हेतु प्राथमिकताएँ निर्धारित करता है।
- यह एक एकीकृत आर्थिक नीति ढाँचा विकसित करने हेतु आर्थिक रुझानों की निरंतर समीक्षा करता है तथा विदेशी निवेश सहित आर्थिक क्षेत्र में नीतियों व गतिविधियों की देखरेख करता है, जिसके लिये उच्च स्तरीय निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।
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