वर्ष 2022-23 में पीएम केयर्स फंडिंग में कमी | 31 Dec 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपातकालीन राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) के ऑडिट विवरणों के अध्ययन से पता चलता है कि वर्ष 2022-23 में स्वैच्छिक योगदान घटकर 912 करोड़ रुपए रह गया, जो मार्च, 2020 में इसकी स्थापना के बाद से सबसे कम है।
- वर्ष 2020-21 में यह योगदान 7,184 करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर था, फिर कोविड-19 महामारी के बाद वर्ष 2021-22 में यह घटकर 1,938 करोड़ रुपए रह गया।
पीएम केयर्स फंड
- परिचय:
- यह पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत 27 मार्च, 2020 को पंजीकृत एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों जैसे कोविड-19, प्राकृतिक आपदाओं या मानव निर्मित आपदाओं सहित राहत या सहायता प्रदान करना तथा स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्युटिकल बुनियादी ढाँचे एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के विकास को सुविधाजनक बनाना है।
- यह प्रभावित आबादी को वित्तीय सहायता, अनुदान या अन्य आवश्यक सहयोग प्रदान करता है।
- सदस्य और शासन:
- अध्यक्ष: प्रधानमंत्री (पदेन)।
- ट्रस्टी: रक्षा, गृह और वित्त मंत्री।
- अतिरिक्त ट्रस्टी: अध्यक्ष द्वारा नियुक्त; गैर-लाभकारी आधार पर कार्य करते हैं।
- कर में छूट:
- योगदान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80G के अंतर्गत 100% कर छूट के लिये पात्र हैं तथा कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) व्यय के लिये पात्र माने जाते हैं।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के समान, इसे भी विदेशी दान प्राप्त करने के लिये विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत छूट प्राप्त है।
- अध्यक्ष: प्रधानमंत्री (पदेन)।
- आलोचनाएँ:
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा ऑडिट नहीं किया जाता है, तथा सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम लागू नहीं होता है।
- उद्देश्य का दोहराव: PMNRF के साथ ओवरलैप।
- अपर्याप्त उपयोग: आवश्यकता होने के बावजूद, धन का उपयोग नहीं किया जाता है (उदाहरण के लिये, 202 करोड़ रुपए वेंटिलेटर वापस कर दिया गया)
- विदेशी दान: घरेलू नीति निर्धारण पर बाहरी प्रभाव के बारे में चिंता जताई गई।
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