प्रारंभिक परीक्षा
जीवाणु एंजाइमों का उपयोग करके प्लास्टिसाइज़र का विघटन
- 14 Jan 2025
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स्रोत: द हिंदू
IIT रुड़की ने मृदा जीवाणुओं को सल्फोबेसिलस एसिडोफिलस द्वारा उत्पादित एस्टरेज एंजाइम का उपयोग प्लास्टिसाइज़र डाइएथिल हेक्सिल फथलेट (DEHP) को विघटित करने के लिये सफलतापूर्वक किया है।
- यह प्रगति प्लास्टिसाइज़रों से उत्पन्न बढ़ती पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को संबोधित करती है।
नोट: प्लास्टिसाइज़र (प्लास्टिक और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों में लचीलापन और चमक बढ़ाने के लिये मिलाए जाने वाले रसायन) जैसे DEHP, जो बच्चों के खिलौनों, खाद्य कंटेनरों आदि में पाए जाते हैं, हानिकारक प्रदूषक हैं।
- प्लास्टिसाइज़र ऐसे योजक हैं जिनका उपयोग PVC (पॉलीविनाइल क्लोराइड) जैसे कठोर प्लास्टिक को पॉलिमर शृंखलाओं के भीतर अंतर-आण्विक बलों को कम करके अधिक लचीला और सॉफ्ट बनाने के लिये किया जाता है। यह विशेष रूप से प्लास्टिक उत्पादों के लिये प्रासंगिक है, जिसे स्थायित्व और लचीलेपन की आवश्यकता होती है, जैसे केबल, होज़ और फिल्में।
- ये कैंसरकारी हैं, जो त्वचा में अवशोषित होने या निगलने के माध्यम से स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करते हैं। निरंतर कार्बनिक संदूषकों के रूप में, ये जल और मृदा को दूषित करते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र और जलीय जीवन को नुकसान पहुँचाते हैं।
प्लास्टिसाइज़र को विघटित करने में जीवाणु एंजाइम कैसे कार्य करते हैं?
- क्रियाविधि: एस्टरेज एंजाइम DEHP प्लास्टिसाइज़र को दो उत्पादों में विभाजित करता है- संशोधित थैलेट (जैव प्रणाली को प्रभावित करता है) और अल्कोहल यौगिक (पर्यावरण को प्रभावित करता है)।
- इन्हें अन्य एंजाइमों द्वारा जल तथा कार्बन-डाई-ऑक्साइड जैसे हानिरहित पदार्थों में विघटित किया जाता है ।
- संरचनात्मक अंतर्दृष्टि: एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी (ऐसी तकनीक जिसमें क्रिस्टल की परमाण्विक और आणविक संरचना निर्धारित करने के लिये एक्स-रे का उपयोग किया जाता है) ने एस्टरेज एंजाइम पर सक्रिय स्थलों की पहचान की, तथा उस तंत्र को स्पष्ट किया जिसके द्वारा DEHP को लक्षित किया जाता है और विघटित किया जाता है।
- स्थायित्व: बैक्टीरिया में इन एंजाइमों का एकीकरण, बार-बार एंजाइम प्रतिस्थापन की आवश्यकता के बगैर, दीर्घकालिक क्रियाशीलता और निरंतर विघटन सुनिश्चित करता है।
- दक्षता: प्रयोगशाला में होने वाले प्रयोगों से उच्च अणुभार वाले प्लास्टिसाइजरों के अपघटन में महत्त्वपूर्ण दक्षता प्रदर्शित हुई है, जो पूर्व में बताई गई विधियों की तुलना में उच्च दक्षता प्रदान करती है।
प्लास्टिक क्या है?
- प्लास्टिक एक हल्की, संधारणीय और स्वास्थ्यकर सामग्री है जिसे विभिन्न रूपों में ढालना आसान है, इसका उत्पादन लागत प्रभावी है।
- अधिकतर प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होती है। इसके बजाय ये धीरे-धीरे छोटे-छोटे टुकड़ों में विघटित हो जाती हैं जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं।
- प्लास्टिक उत्पादन की स्थिति: वर्ष 2023 में विश्व में 413.8 मिलियन मीट्रिक टन (MT) प्लास्टिक का उत्पादन होगा। यह वर्ष 1950 की तुलना में अधिक वृद्धि को दर्शाता है, जब विश्व में मात्र दो मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ था।
- भारत प्रति वर्ष 10.2 मिलियन टन प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पन्न करके विश्व में सबसे आगे है।
- प्लास्टिक के प्रकार:
- बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक: इस प्रकार का प्लास्टिक जैविक या सूक्ष्मजीवी प्रक्रियाओं के माध्यम से विघटित होता है और जीवाश्म ईंधन या नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है, लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में अधिक तेजी से विघटित होने के लिये डिजाइन किया गया है।
- सभी प्लास्टिक जैवनिम्नीकरणीय नहीं होते हैं, तथा कुछ पारंपरिक प्लास्टिक पर्यावरण में दीर्घ काल तक बने रहते हैं।
- बायोप्लास्टिक: ये बायोडिग्रेडेबल और जैव-आधारित होती हैं जो मक्का आदि जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बनती हैं।
- कम्पोस्टेबल प्लास्टिक: ये प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का एक उपसमूह है जो मक्का, स्टार्च आदि जैसी नवीकरणीय सामग्रियों से बनती है। ये गैर विषैली होती है तथा स्वाभाविक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, जल और बायोमास में विघटित हो जाती है।
- बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक: इस प्रकार का प्लास्टिक जैविक या सूक्ष्मजीवी प्रक्रियाओं के माध्यम से विघटित होता है और जीवाश्म ईंधन या नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है, लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में अधिक तेजी से विघटित होने के लिये डिजाइन किया गया है।
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