प्लैंकटन इन्फ्लेशन एवं वर्टिकल माइग्रेशन | 22 Oct 2024

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने पाइरोसिस्टिस नोक्टिलुका (जो एक विशिष्ट बायोल्यूमिनसेंट फाइटोप्लैंकटन प्रजाति है, जो अपने प्रवास के दौरान अपने आकार को बढ़ाने में सक्षम है) के वर्टिकल माइग्रेशन का अध्ययन किया।

  • यह प्रजाति अपने मूल आकार (कुछ सौ माइक्रोन) से छह गुना तक हो सकती है, जिससे इसकी उत्प्लावन क्षमता बढ़ती है।

फाइटोप्लैंकटन के वर्टिकल माइग्रेशन से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • वर्टिकल माइग्रेशन: कई प्लवक समुद्र की ठंडी धाराओं एवं गहराइयों से सतह तक आते हैं और फिर वापस चले जाते हैं, जिसे वर्टिकल माइग्रेशन कहा जाता है।
    • एककोशिकीय फाइटोप्लैंकटन का माइग्रेशन तंत्र (विशेष रूप से बिना तैरने वाले उपांग वाले फाइटोप्लैंकटन) अभी भी काफी हद तक अस्पष्ट है।
  • फाइटोप्लैंकटन की घनत्व गतिशीलता: फाइटोप्लैंकटन आमतौर पर समुद्री जल की तुलना में 5% से 10% तक अधिक घनत्व वाले होते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण के लिये सतह के पास बने रहने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है।
    • पाइरोसिस्टिस नोक्टिलुका कोशिकाएँ छोटी पनडुब्बियों की तरह व्यवहार करती हैं जो अपने घनत्व को नियंत्रित करने के साथ समुद्र की सतह पर अपनी स्थिति निर्धारित करने में सक्षम होती हैं।
  • बैलूनिंग तंत्र: अनुसंधान दल ने इसमें एक "गुरुत्वाकर्षण मशीन" का उपयोग किया, जिससे समुद्र की गहराई का अनुकरण करते हुए जल के दबाव एवं घनत्व में बदलाव किया जा सके।
    • टीम ने पाया कि इन्फ्लेटेड कोशिकाएँ आसपास के समुद्री जल की तुलना में कम सघन थीं, जिससे वे गुरुत्वाकर्षण के बावजूद सतह की ओर तैरने लगीं।
  • कोशिका विभाजन के दौरान इन्फ्लेशन: इन्फ्लेशन की प्रक्रिया फाइटोप्लैंकटन के कोशिका चक्र के दौरान स्वाभाविक रूप से होती है।
    • जब कोई एकल कोशिका विभाजित होती है, तो रिक्तिका नामक एक आंतरिक संरचना एक लचीले जल टैंक के रूप में कार्य करती है, जो ताज़े जल के ग्रहण के कारण नई कोशिकाओं के फूलने का कारण बनती है। 
    • इस इन्फ्लेशन से हल्की संतति कोशिकाएँ ऊपर की ओर तैरने लगती हैं तथा पोषक तत्त्वों से समृद्ध सतही जल तक पहुँचती हैं।
      • पाइरोसिस्टिस नोक्टिलुका का संपूर्ण कोशिका चक्र लगभग सात दिनों तक चलता है, जो प्रकाश और आवश्यक पोषक तत्त्वों की वर्टिकल खोज से प्रेरित होता है।

प्लवक क्या हैं?

  • परिचय: प्लवक ऐसे सूक्ष्म जीव हैं जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख भूमिका निभाते हैं तथा संपूर्ण समुद्री खाद्य जाल के आधार के रूप में कार्य करते हैं।
    • किसी जीव को प्लवक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है यदि वह ज्वार-भाटे और धाराओं द्वारा बहता है तथा इसमें इन बलों के विरुद्ध तैरने की क्षमता नहीं होती है।
  • प्लवक के प्रकार:
    • फाइटोप्लैंकटन: यह पौधे (जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं) की तरह जीव होते हैं जो सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्पादन करने तथा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में  महत्त्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिये, साइनोबैक्टीरिया, नील-हरित शैवाल, डायटम, डाइनोफ्लैजलेट्स
      • फाइटोप्लैंकटन जीवित रहने के लिये अपने पर्यावरण पर फॉस्फेट, नाइट्रेट और कैल्शियम जैसे पोषक तत्त्वों के लिये निर्भर रहते हैं।
    • ज़ूप्लैंकटन: इनमें सूक्ष्म जंतु (जैसे क्रिल और समुद्री घोंघे) तथा जेलीफ़िश शामिल हैं। उदाहरण के लिये, रेडियोलेरियन, फोरामिनिफेरान, निडेरियन, क्रस्टेशियन, कॉर्डेट और मोलस्क।
  • प्लवक का आकार: प्लवक का आकार सूक्ष्म जीवों से लेकर क्रस्टेशियन और जेलीफ़िश जैसी बड़ी प्रजातियों तक भिन्न हो सकता है।
  • समुद्री खाद्य जाल में भूमिका: फाइटोप्लैंकटन समुद्री खाद्य जाल का आधार हैं तथा विभिन्न समुद्री जीवों को पोषण प्रदान करते हैं।
    • जंतुप्लवक मुख्य रूप से पादपप्लवक पर निर्भर रहते हैं और बदले में यह बड़े समुद्री जीवों का भोजन बनते हैं, जिससे इनकी खाद्य शृंखला में प्रमुख भूमिका रहती है।
    • उदाहरण के लिये क्रिल हंपबैक, राइट और ब्लू व्हेल के आहार का एक प्रमुख घटक है।
  • प्रवास पैटर्न: दिन के समय, ज़ूप्लैंकटन शिकारियों से बचने के लिये गहरे पानी में चले जाते हैं लेकिन रात में ये फाइटोप्लैंकटन से भोजन प्राप्त करने के लिये सतह पर आ जाते हैं। 
    • इस प्रक्रिया को पृथ्वी पर सबसे बड़ा प्रवास माना जाता है; इस क्रम में इतने अधिक जंतु प्रवास करते हैं कि इसे अंतरिक्ष से देखा जा सकता है।
  • आवास: प्लवक खारे और मीठे जल दोनों पारिस्थितिक तंत्रों में मिलते हैं।  
    • साफ जल में आमतौर पर कम प्लवक होते हैं जबकि गंदा जल (कीचड़युक्त) अक्सर प्लवक से समृद्ध होता है।

Phytoplanktons

Zooplanktons

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिये-  (2021)

1. कॉपिपोड       
2. साइनोबैक्टीरिया
3. डायटम        
4. फोरैमिनिफेरा

उपर्युक्त में से कौन-से जीव महासागरों की आहार शृंखलाओं में प्राथमिक उत्पादक हैं?

(a) 1 और 2                    
(b) 2 और 3
(c) 3 और 4     
(d)  1 और 4

उत्तर:(b) 


प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा एक आहार शृंखला का सही क्रम है? (2014)

(a) डायटम-क्रस्टेशियाई-हेरिंग
(b) क्रस्टेशियाई-डायटम-हेरिंग
(c) डायटम-हेरिंग-क्रस्टेशियन
(d) क्रस्टेशियाई-हेरिंग-डायटम

उत्तर: (a)