लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

यूकेलिप्टस वनों को बचाने के लिये प्राकृतिक रोगजनक कवक

  • 13 Jan 2024
  • 7 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हाल ही में वैज्ञानिकों ने यूकेलिप्टस वन वृक्षारोपण को एक कीट, यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल, जो यूकेलिप्टस को गंभीर नुकसान पहुँचाता है, से बचाने के लिये एक प्राकृतिक उपाय खोजा है। 

  • शोधकर्त्ताओं को प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रोगजनक कवक को एकत्रित करने में सफलता मिली है और इसे बीटल की जीवसंख्या को नियंत्रित करने के लिये जैविक कीटनाशक में बदला जा सकता है।
  • पेपर पल्प के उत्पादन के लिये यूकेलिप्टस (सदाबहार पेड़) की लकड़ी एक महत्त्वपूर्ण सामग्री है।

यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल क्या है?

  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल (गोनिप्टेरस प्लैटेंसिस) पत्ती खाने वाला बीटल है जो यूकेलिप्टस की एक प्रमुख निष्पत्रक प्रजाति (पेड़ को पत्तों से हीन करने वलि प्रजाति) है।
    • यह कीट मूलतः ऑस्ट्रेलिया से संबंध रखता है लेकिन विश्व भर के कई देशों में पाया जाता है जहाँ यूकेलिप्टस उगाया जाता है।
  • यह व्यापक क्षेत्रों तक नुकसान पहुँचा सकता है क्योंकि इसकी उड़ान क्षमता बहुत अच्छी होती है और यह वन उत्पादों के परिवहन के साथ स्थानांतरित भी हो जाता है।
  • यह बीटल/भृंग पत्तियों, कलियों और टहनियों को खाता है, जिसके परिणामस्वरूप पेड़ का विकास रुक जाता है और वृक्ष-अपस्फीति होती है जिससे भारी नुकसान होता है।

कवक यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल को किस प्रकार नियंत्रित कर सकता है?

  • हाल के शोध में, वैज्ञानिकों ने यूकेलिप्टस वन वृक्षारोपण में प्राकृतिक रूप से संक्रमित बीटल से कवक एकत्र किया और बीटल को नियंत्रित करने हेतु जैव-कीटनाशक विकसित करने के लिये उनकी विशेषता बताई।
  • कवक ब्यूवेरिया (Beauveria ) और मेटारिज़ियम (Metarhizium) कुल से संबंधित हैं, जो कीड़ों को संक्रमित करने और मारने के लिये जाने जाते हैं।
    • ब्यूवेरिया स्यूडोबैसियाना (Beauveria pseudobassiana) और मेटारिज़ियम ब्रुनेउम (Metarhizium brunneum) सबसे अधिक विषैले कवक हैं।
    • B बैसियाना (B bassiana)100% की मृत्यु दर के साथ, संपर्क और अंतर्ग्रहण दोनों द्वारा अत्यधिक प्रभावी था।
  • एकीकृत कीट प्रबंधन का उपयोग करके धारणीय वानिकी के लिये जैव-कीटनाशक विकसित करने हेतु कवक का उपयोग किया जा सकता है।
  • कवक को अन्य मापदंडों के बीच कीटनाशक गतिविधि,  UV-B विकिरण सहिष्णुता का उपचार करके विकसित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राप्त कवक जैव-कीटनाशक और बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं व्यावसायीकरण के लिये उपयुक्त हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित जीवों पर विचार कीजिये: (2013)

  1. एगैरिकस
  2. नॉस्टॉक
  3. स्पाइरोगाइरा

उपर्युक्त में से कौन-सा/से जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त होता है/होते हैं?

(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (b)

  • जैव उर्वरक ऐसे उत्पाद हैं जिनमें वाहक आधारित (ठोस या तरल) जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं जो मिट्टी या फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिये नाइट्रोजन निर्धारण, फास्फोरस घुलनशीलता या पोषक तत्त्वों के संग्रहण में उपयोगी होते हैं।
  • सूक्ष्मजीव के आधार पर जैव उर्वरकों का वर्गीकरण:
    • जीवाण्विक जैव उर्वरक: राइज़ोबियम, एज़ोस्पिरिलियम, एज़ोटोबैक्टर, फॉस्फोबैक्टीरिया, नोस्टोक आदि। अतः कथन 2 सही है।
    • फफूँद आधारित जैव उर्वरक: माइकोराइज़ा।
    • शैवाल आधारित जैव उर्वरक: ब्लू ग्रीन शैवाल (BGA) और एज़ोला।
    • एक्टिनोमाइसेट्स जैव उर्वरक: फ्रेंकिया।
  • एगारिकस खाद्य कवक है और इसे आमतौर पर मशरूम के रूप में जाना जाता है। यह सैप्रोफाइटिक कवक है जो मृदा के ह्यूमस, जंगल की सतह, खेतों, लॉन, लकड़ी के लॉग और खाद के ढेर पर सड़ने वाले कूड़े पर उगता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • स्पाइरोगाइरा मीठे जल के हरे शैवाल का बड़ा जीनस है जो उथले तालाबों, खाइयों और बड़ी झीलों के किनारों पर वनस्पतियों के बीच पाया जाता है, जो आमतौर पर मुक्त रूप से तैरते रहते हैं। यह मानव उपभोग के लिये मूल्यवान है तथा एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इन्फ्लैमटॉरी और साइटोटोक्सिक उद्देश्यों हेतु प्राकृतिक जैव-सक्रिय यौगिकों के महत्त्वपूर्ण स्रोत के रूप में जाना जाता है। अत: 3 सही नहीं है।
  • अतः विकल्प (b) सही है।

प्रश्न. लाइकेन जो एक नग्न चट्टान पर भी पारिस्थितिकी अनुक्रम को प्रारंभ करने में सक्षम है, का वास्तव में किससे सहजीवी सहचर्य है? (2014)

(a) शैवाल और बैक्टीरिया
(b) शैवाल और कवक
(c) बैक्टीरिया और कवक
(d) कवक और काई

उत्तर: (b)

  • लाइकेन एक अकेला जीव नहीं है बल्कि विभिन्न जीवों जैसे कवक और साइनोबैक्टीरियम या शैवाल के बीच एक सहजीवन है। साइनोबैक्टीरिया को कभी-कभी 'नीला-हरा शैवाल' कहा जाता है, हालाँकि वे शैवाल से काफी अलग होते हैं।
  • लाइकेन पहले जीवों में से हैं जिन्होंने बंजर सतहों (जैसे, सड़क, रॉक आउटक्रॉप्स और ज्वालामुखी राख) पर आवास बनाया तथा इन क्षेत्रों को नमी एवं वायु में उड़ने वाले कार्बनिक अवसाद को अवशोषित करके पौधों को तैयार किया और फिर जैविक निक्षेपण (जब वे स्वयं नष्ट या क्षय हो गए) में परवर्तित हो गए।

अतः विकल्प (b) सही है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2