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पिपलापंका बाँध से रुशिकुल्या नदी को खतरा
- 07 Apr 2025
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स्रोत: डीटीई
पिपलापंका में बाँध बनाने की ओडिशा सरकार की पुनर्संचलित योजना का विरोध शुरू हो गया है, क्योंकि स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने उद्योगों को लाभ पहुँचाने के लिये रुशिकुल्या नदी को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।
रुशिकुल्या नदी:
- रुशिकुल्या नदी ओडिशा की एक प्रमुख नदी है, जो मुख्य रूप से कंधमाल, गंजम और बौध ज़िलों से होकर बहती है।
- रुशिमाला पहाड़ियाँ पूर्वी घाट शृंखला की दारिंगबाड़ी पहाड़ियों का हिस्सा हैं।
- दारिंगबाड़ी, जहाँ नदी का उद्गम होता है, को 'ओडिशा का कश्मीर' कहा जाता है।
- रुशिकुल्या नदी अपने मुहाने पर डेल्टा नहीं बनाती है।
- जराऊ, बदनदी, बघुआ, धनेई और घोडाहाड़ा जैसी सहायक नदियाँ कभी बारहमासी प्रवाह सुनिश्चित करती थीं, लेकिन अब बाँधों के कारण वे बाधित हो गई हैं।
- कार्यकर्त्ताओं ने चेतावनी दी है कि अवैध रेत खनन और औद्योगिक परियोजनाओं ने नदी के स्वास्थ्य को और अधिक खतरे में डाल दिया है।
ओलिव रिडले कछुए की नेस्टिंग साइट:
- नदी के मुहाने पर रुशिकुल्या समुद्र तट स्थित है, जो ओलिव रिडले कछुओं के घोंसले (Nesting) के लिये विश्व स्तर पर महत्त्वपूर्ण स्थल है।
- प्रत्येक वर्ष, जनवरी से मार्च तक, हज़ारों कछुए सामूहिक घोंसले बनाने के लिये आते हैं - इस घटना को अरिबाडा के नाम से जाना जाता है।
- कार्यकर्त्ताओं को डर है कि बाँध के कारण बंगाल की खाड़ी से लवणता में वृद्धि होगी तथा मीठे जल की कमी के कारण मछली उत्पादन में कमी आएगी।
- जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान के कारण ओलिव रिडले कछुओं का लिंगानुपात बिगड़ रहा है, जिससे अधिक मादाएँ पैदा हो रहे हैं और प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है।
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