पाई (π) डे | 19 Mar 2025
स्रोत: द हिंदू
प्रतिवर्ष 14 मार्च को मनाया जाने वाला पाई (π) डे गणितीय स्थिरांक π के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन अल्बर्ट आइंस्टीन की जयंती (वर्ष 1879) और स्टीफन हॉकिंग की पुण्यतिथि (वर्ष 2018) के साथ भी सुमेलित है।
- पाई का महत्त्व: यह एक वृत्त की परिधि और उसके व्यास के अनुपात को दर्शाता है और एक अपरिमेय, अनंत संख्या है।
- ग्रीक अक्षर π का पहली बार प्रयोग वर्ष 1706 में वेल्श गणितज्ञ विलियम जोन्स द्वारा किया गया था, जो “परिधि” शब्दों से प्रेरित था।
- भारतीयों का योगदान: भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट (476-550 ई.) ने अपने कार्य "आर्यभट्टीय" में पाई का अनुमानित मान 3.1416 बताया था।
- लाखों अंकों तक पाई की गणना करने वाला पहला एल्गोरिदम वर्ष 1914 में भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन द्वारा प्रकाशित सूत्रों पर आधारित था।
- पाई के अनुप्रयोग: गणित और इंजीनियरिंग में, वृत्त के गुणों, तरंग समीकरणों और संरचनात्मक डिज़ाइनों की गणना के लिये पाई अत्यंत आवश्यक है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जैसी अंतरिक्ष एजेंसियाँ कक्षीय पथ, उपग्रह स्थिति और अंतरिक्ष यान प्रक्षेप पथ निर्धारित करने के लिये π का उपयोग करती हैं।
- यहाँ तक कि दैनिक जीवन में, π का उपयोग गुंबदों और पुलों के निर्माण के लिये किया जाता है, जो इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक मौलिक स्थिरांक बनाता है।
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