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पनामा नहर

  • 12 Apr 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू 

अमेरिका और पनामा ने एक नए रक्षा और सुरक्षा समझौते का अधिकरण पूरा किया है जिसका उद्देश्य पनामा नहर पर चीन के बढ़ते प्रभुत्व को कम करना है।

  • चीन पनामा नहर पर दो प्रमुख बंदरगाहों का संचालन करता है, जिससे वैश्विक नौ परिवहन पर चीनी प्रभाव के बारे में अमेरिका की चिंता बढ़ गई है, हालाँकि पनामा चीन का नियंत्रण होने से इनकार करता है।
  • पनामा नहर: इस नहर का निर्माण मूलतः 1914 में हुआ था और इस पर अमेरिका का नियंत्रण था। 
    • वर्ष 1979 में नहर का नियंत्रण पनामा नहर आयोग को सौंप दिया गया, जो अमेरिका और पनामा की एक संयुक्त एजेंसी थी, और अंततः वर्ष 1999 में पूर्ण नियंत्रण पनामा को सौंप दिया गया।
  • सामरिक महत्त्व: यह विश्व के सामरिक रूप से दो सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कृत्रिम जलमार्गों में से एक है, दूसरा स्वेज नहर है।
    • यह पनामा के संकीर्ण इस्तमुस के माध्यम से अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ता है, जिससे अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच की दूरी लगभग 8,000 समुद्री मील कम हो जाती है
  • संचालन/कार्यप्रणाली: यह जहाज़ों को एक महासागर से दूसरे महासागर तक ले जाने के लिये जलपाश (Locks) और जल एलीवेटर की प्रणाली के  उपयोग पर आधारित है।
    • क्योंकि प्रशांत महासागर अटलांटिक महासागर की तुलना में थोड़ा अधिक ऊँचा (~ 20 सेमी) है इसलिये यह डिज़ाइन आवश्यक हो जाता है।
    • ये जलपाश जलप्लावन (ऊँचाई बढ़ाने के लिये) अथवा अपवाहन (ऊँचाई में कमी के लिये) कर संचालित होते हैं और जहाज़ों को ऊपर उठाने या नीचे उतारने के लिये जल लिफ्ट के रूप में कार्य करते हैं।

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