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रैपिड फायर

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते

  • 18 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

विगत सात वर्षों (2018- मई 2024) में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) 'नन्हे फरिश्ते' नामक एक अभियान में अग्रणी रहा है, जो विभिन्न भारतीय रेलवे क्षेत्रों में देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को बचाने के लिये समर्पित एक मिशन है।

  • इस अवधि के दौरान, RPF ने स्टेशनों और ट्रेनों में जोखिम में पड़े 84,000 से अधिक बच्चों को बचाया है, ताकि उन्हें संकट में पड़ने से बचाया जा सके।
    • ट्रैक चाइल्ड पोर्टल में पीड़ित बच्चों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी है। भारतीय रेलवे ने 135 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क स्थापित किये हैं।
    • जब कोई बच्चा RPF द्वारा बचाया जाता है, तो उसे ज़िला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाता है, जो बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप देती है।
  • RPF केंद्रीय रेल मंत्रालय के नियंत्रण में एक सशस्त्र बल है, जिसका काम रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्रों और यात्रियों की सुरक्षा करना है।
    • RPF मूलतः वर्ष 1881 से निजी रेलवे कंपनियों के वॉच एंड वार्ड सेट-अप का हिस्सा, इसे RPF अधिनियम, 1957 के तहत एक वैधानिक निकाय में पुनर्गठित किया गया था।
    • स्वतंत्रता के पश्चात् के समय में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए; सुरक्षा में सुधार के लिये वर्ष 1966 में रेलवे संपत्ति (अवैध कब्ज़ा) अधिनियम पारित किया गया और वर्ष 1985 में RPF अधिनियम में संशोधन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप RPF एक सशस्त्र बल के साथ-साथ एक केंद्रीय पुलिस संगठन के रूप में उभरा।

और पढ़ें: रेलवे सुरक्षा बल का संचालन

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