ओपन एकरेज लाइसेंसिंग कार्यक्रम | 11 Jul 2022
हाल ही में भारत सरकार ने OALP बिड राउंड-VIII लॉन्च किया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा बोली के लिये 10 ब्लॉकों की पेशकश की गई है।
ओपन एकरेज लाइसेंसिंग कार्यक्रम (OALP):
- मार्च 2016 में पूर्ववर्ती न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (NELP) के स्थान पर हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) को मंज़ूरी दी गई थी तथा जून 2017 में ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के साथ-साथ नेशनल डेटा रिपोजिटरी (NDR) को भारत में अन्वेषण और उत्पादन (E&P) गतिविधियों में तेज़ी लाने के लिये प्रमुख संचालक के रूप में लॉन्च किया गया था।
- OALP के तहत कंपनियों को उन क्षेत्रों के अन्वेषण की अनुमति है, जिनमें वे तेल और गैस का पता लगाना चाहती हैं।
- कंपनियाँ वर्ष भर किसी भी क्षेत्र के अन्वेषण हेतु अपनी रुचि को प्रकट कर सकती हैं लेकिन ऐसी सुविधा वर्ष में तीन बार दी जाती है। इसके बाद मांगे गए क्षेत्रों की बोली लगाने की पेशकश की जाती है।
- यह पूर्व नीति से अलग है, इस नीति में जहाँ एक तरफ सरकार ने क्षेत्रों की पहचान की सुविधा दी, वहीं दूसरी तरफ उन्हें बोली लगाने की पेशकश की।
हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP):
- परिचय:
- हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (HELP) रेवेन्यू शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर आधारित है।
- नई नीति सरल नियमों, कर विराम, मूल्य निर्धारण और विपणन स्वतंत्रता का वादा करती है तथा वर्ष 2022-23 तक तेल एवं गैस उत्पादन को दोगुना करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
- HELP के कार्य:
- यूनिफॉर्म लाइसेंसिंग:
- HELP एक समान लाइसेंसिंग प्रणाली प्रदान करती है जो तेल, गैस और कोल बेड मीथेन जैसे सभी हाइड्रोकार्बन को कवर करेगी।
- NLEP के तहत विभिन्न प्रकार के हाइड्रोकार्बन के अन्वेषण के लिये अलग-अलग लाइसेंस जारी किये गए थे।
- इससे अतिरिक्त लागत आती है, क्योंकि एक निश्चित प्रकार का अन्वेषण करते समय किसी अलग प्रकार के हाइड्रोकार्बन पाए जाने पर अलग लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
- HELP एक समान लाइसेंसिंग प्रणाली प्रदान करती है जो तेल, गैस और कोल बेड मीथेन जैसे सभी हाइड्रोकार्बन को कवर करेगी।
- राजस्व बंँटवारा मॉडल:
- HELP एक राजस्व बँटवारा मॉडल प्रदान करता है, सरकार को तेल और गैस आदि की बिक्री से सकल राजस्व का एक हिस्सा प्राप्त होगा तथा खर्च की गई लागत से कोई सरोकार नहीं होगा।
- NELP लाभ बँटवारा मॉडल था जहांँ लागत की वसूली के बाद सरकार और ठेकेदार के बीच मुनाफे को साझा किया जाता है।
- NELP के तहत सरकार के लिये निजी प्रतिभागियों के लागत विवरण की जांँच करना आवश्यक हो गया और इसके कारण देरी और विवाद उत्पन्न हुए।
- HELP एक राजस्व बँटवारा मॉडल प्रदान करता है, सरकार को तेल और गैस आदि की बिक्री से सकल राजस्व का एक हिस्सा प्राप्त होगा तथा खर्च की गई लागत से कोई सरोकार नहीं होगा।
- मूल्य निर्धारण:
- HELP के पास मार्केटिंग और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता है।
- HELP से पहले, अनुबंध सोना चढ़ाने (महंगी और अनावश्यक सुविधाओं का समावेश) की संभावना के साथ उत्पादन साझा करने पर आधारित थे और 'लाभ में हेरफेर' करके सरकार को नुकसान पहुंँचाते थे।
- अनुबंधों की जटिलता को कम करने के लिये इसे राजस्व बँटवारे में बदल दिया गया।
- नई प्रणाली के तहत रॉयल्टी दरों की एक श्रेणीबद्ध प्रणाली शुरू की गई थी।
- इस प्रणाली के तहत रॉयल्टी दरें उथले जल (जहांँ अन्वेषण की लागत और जोखिम कम है), गहरे जल (जहांँ लागत और जोखिम अधिक है) से अति-गहरे जल वाले क्षेत्रों में घट जाएगी।
- HELP के पास मार्केटिंग और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता है।
- यूनिफॉर्म लाइसेंसिंग:
HELP के लाभ:
- यह इन ब्लॉकों से उत्पादित कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के लिये विपणन स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह सरकार की "न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन" की नीति के अनुरूप है।
- NELP के तहत सरकार के लिये निजी प्रतिभागियों के लागत विवरण की जांँच करना आवश्यक था और इससे देरी एवं कई विवाद हुए। HELP 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है।
- HELP भारत में अपस्ट्रीम E&P (अन्वेषण, विकास और उत्पादन) के लिये सरकारी नियंत्रण के युग से सरकारी समर्थन हेतु सबसे बड़े संक्रमण का प्रतीक है।
- OALP कंपनियों को अपनी पसंद के क्षेत्रों का पता लगाने के लिये डेटा और विवेक दोनों देकर अन्वेषण पर प्रतिबंध हटाता है।