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ऑनलाइन मार्केटप्लेस एक्वा बाज़ार

  • 23 Aug 2022
  • 5 min read

हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री ने राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड की नौवीं आम सभा की बैठक के दौरान मत्स्य सेतु मोबाइल ऐप में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फीचर, एक्वा बाज़ार लॉन्च किया।

मत्स्य सेतु ऐप:

  • परिचय:
  • विशेषताएँ:
    • इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई भी पंजीकृत विक्रेता अपनी इनपुट सामग्री को सूचीबद्ध कर सकता है।
    • सूचीबद्ध वस्तुओं को ऐप उपयोगकर्त्ता की भौगोलिक निकटता के आधार पर बाज़ार में प्रदर्शित किया जाएगा।
      • लिस्टिंग को अग्रलिखित प्रमुख श्रेणियों जैसे मछली के बीज, इनपुट सामग्री, सेवाएँ, रोज़गार और टेबल फिश आदि में वर्गीकृत किया गया है; ।
      • प्रत्येक लिस्टिंग में विक्रेता के संपर्क विवरण के साथ उत्पाद, मूल्य, उपलब्ध मात्रा, आपूर्ति क्षेत्र आदि के बारे में विस्तृत जानकारी होगी।
    • ज़रूरतमंद किसान/हितधारक विक्रेता से संपर्क कर अपनी खरीद को पूरा कर सकते हैं।
    • ऐप उपयोगकर्ताओं के लिये सूचीबद्ध वस्तुओं का बाज़ार में प्रदर्शन उनकी भौगोलिक समीपता के आधार पर किया जाएगा। सूचीबद्ध वस्तुओं का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियों में किया गया है; मछली के बीज, इनपुट सामग्री, सेवाएँ, रोज़गार और टेबल मछली।
    • इच्छुक मछली खरीदार किसानों से संपर्क करेंगे और अपनी कीमतें बताएँगे।
  • महत्त्व:
    • ऑनलाइन मार्केटप्लेस मछली किसानों और हितधारकों को मछली के बीज, चारा, दवाएँ इत्यादि जैसी ज़रूरतें खरीदने में मदद करेगा और मछली पालन के लिये आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ किसान भी बिक्री के लिये टेबल-साइज़ मछली को सूचीबद्ध कर सकते हैं।
      • मार्केटप्लेस का उद्देश्य एक्वाकल्चर सेक्टर के सभी हितधारकों को जोड़ना है।
      • सही जगह और सही समय के अनुसार उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण जानकारी देश में एक्वाकल्चर की सफलता और विकास के लिये बेहद आवश्यक है।
    • यह निश्चित रूप से किसानों को मछली की खरीद करने वाले खरीदारों या खरीदार एजेंटों से अधिक व्यावसायिक पूछताछ प्राप्त करने में मदद करेगा, बाज़ार की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और किसानों की उपज की बेहतर कीमत वसूली का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पहल को शुरू करने की आवश्यकता:

  • कभी-कभी मछली पालकों को महत्त्वपूर्ण गुणवत्तापूर्ण इनपुट जैसे छोटी मछलियाँ, चारा, खाद्य सामग्री, उर्वरक, न्यूट्रास्यूटिकल्स, एडिटिव्स, दवाएँ आदि प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
    • इन आदानों को प्राप्त करने में किसी भी तरह की देरी से उनके मत्स्य पालन संचालन की उत्पादकता को प्रभावित करते हैं।
    • कभी-कभी किसान खेत निर्माण, किराये की सेवाएँ, कटाई के लिये जनशक्ति आदि जैसी सेवाओं की भी तलाश करते हैं।
      • इसी तरह निश्चित समय पर मछली पालकों को अपनी उपज को बाज़ार में बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है या वे अपनी उत्पादित मछली की खरीद के लिये सीमित संख्या में खरीदारों/एजेंटों पर निर्भर होते हैं।

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड

  • यह वर्ष 2006 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
    • अब यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है।
  • इसका उद्देश्य देश में मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना तथा एक एकीकृत एवं समग्र तरीके से मत्स्य विकास का समन्वय करना है।
  • मुख्यालय: तेलंगाना, हैदराबाद।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: नीली क्रांति' को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्यपालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। ( मेन्स-2018)

स्रोत: पी..बी.

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