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भर्ती मानदंडों में कोई मध्यांतर परिवर्तन नहीं

  • 11 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान उच्च न्यायालय मामले, 2013 में फैसला सुनाया कि सरकारी नौकरियों के संदर्भ में भर्ती नियमों को चयन प्रक्रिया के बीच में नहीं बदला जा सकता है जब तक कि स्पष्ट रूप से ऐसी अनुमति न मिली हो।

  • इस फैसले में के. मंजूश्री बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले, 2008 में निर्धारित सिद्धांतों का समर्थन किया गया, जिसमें कहा गया था कि चयन प्रक्रिया के दौरान भर्ती मानदंडों में बदलाव अस्वीकार्य है। 
  • न्यायालय ने स्पष्ट किया कि हरियाणा राज्य बनाम सुभाष चंद्र मारवाह मामले, 1973 के फैसले पर विचार न करके के. मंजूश्री केस 2008 को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
    • मारवाह मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया कि न्यूनतम पात्रता अंक प्राप्त करना चयन की गारंटी नहीं है क्योंकि सरकार लोक हित के लिये उच्च मानक निर्धारित कर सकती है।
  • भर्ती नियमों में समानता (अनुच्छेद 14) और लोक रोज़गार में भेदभाव न होना (अनुच्छेद 16 ) जैसे संवैधानिक मानकों को पूरा किया जाना आवश्यक है।

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