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रात्रि प्रकाश प्रदूषण और अल्ज़ाइमर

  • 20 Sep 2024
  • 5 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

फ्रंटियर्स इन न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार रात्रि प्रकाश प्रदूषण और अल्ज़ाइमर के बीच संबंध होता है।

  • रात में प्रकाश के संपर्क में आने से प्राकृतिक सर्कैडियन लय और नींद बाधित होती है जिससे अल्ज़ाइमर रोग की संभावना बढ़ जाती है। 

प्रकाश प्रदूषण:

  • प्रकाश प्रदूषण से तात्पर्य कृत्रिम प्रकाश के अत्यधिक या अनुचित उपयोग से है जो मानव स्वास्थ्य, वन्य जीव और जलवायु के लिये प्रमुख पर्यावरणीय खतरा है।

अल्ज़ाइमर रोग क्या है?

  • परिचय:
    • अल्ज़ाइमर रोग एक प्रगतिशील न्यूरोडीजनेरेटिव विकार है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप स्मृति हानि, संज्ञानात्मक हानि, व्यवहार में परिवर्तन, बोलने या लिखने में समस्या, अनुचित निर्णय, मनोदशा और व्यक्तित्व में परिवर्तन, समय या स्थान के बारे में भ्रम आदि होता है।
    • इसमें मस्तिष्क में पट्टिकाओं का निर्माण तथा स्मृति के भंडारण और प्रसंस्करण से संबंधित कुछ न्यूरॉन्स में विकार होना शामिल है।
    • अल्ज़ाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, जो डिमेंशिया के 60-80% मामलों के लिये ज़िम्मेदार है।
  • कारण और जोखिम कारक: वर्तमान में अल्ज़ाइमर के कारण पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं फिर भी अल्ज़ाइमर हेतु निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं:
    • आयु: बढ़ती उम्र प्राथमिक कारक है तथा अधिकांश मामले 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में होते हैं।
    • आनुवंशिकी: कुछ जीन उत्परिवर्तनों से अल्ज़ाइमर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
    • एमिलॉयड प्रोटीन: ऐसा माना जाता है कि अल्ज़ाइमर रोग मस्तिष्क कोशिकाओं में और उसके आसपास प्रोटीन के असामान्य निर्माण के कारण होता है। 
      • इसमें शामिल प्रोटीनों में से एक को एमिलॉयड कहा जाता है, जिसके संग्रहण से मस्तिष्क कोशिकाओं के चारों ओर पट्टिकाएँ बनती हैं
    • जीवनशैली कारक: हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और गतिहीन जीवनशैली जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ इसके जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
  • निदान:
    • स्मृति, चिंतन और समस्या समाधान क्षमताओं का आकलन करने के लिये संज्ञानात्मक और तंत्रिका-मनोवैज्ञानिक परीक्षण।
    • मस्तिष्क में परिवर्तन की पहचान करने के लिये इमेजिंग तकनीकें (MRI, PET स्कैन)।
    • एमिलॉयड पट्टिकाओं का पता लगाने के लिये बायोमार्कर परीक्षण (एमिलॉयड PET)।
  • उपचार और प्रबंधन:
    • वर्तमान में अल्ज़ाइमर रोग का कोई इलाज नहीं है। लेकिन ऐसी दवाएँ और सहायक उपचार उपलब्ध हैं जो लक्षणों को अस्थायी रूप से कम कर सकते हैं।
  • व्यापकता:
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2023 के अनुमान के अनुसार विश्वभर में 55 मिलियन से अधिक व्यक्ति डिमेंशिया से प्रभावित हैं जिनमें से लगभग 75% मामले अल्ज़ाइमर के हैं। 
    • भारत में अनुमानतः 3 से 9 मिलियन लोग इस रोग से प्रभावित हैं तथा देश की जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ यह आँकड़ा बढ़ने की आशा है।

नोट: 

  • डिमेंशिया: यह एक सिंड्रोम है- जो आमतौर पर दीर्घकालिक या प्रगतिशील प्रकृति का होता है- जो संज्ञानात्मक कार्य (अर्थात विचार करने की क्षमता) में कमी लाता है
    • यह स्मृति, चिंतन, अभिविन्यास, समझ, गणना, सीखने की क्षमता, भाषा और निर्णय को प्रभावित करता है।
      • हालाँकि इससे चेतना प्रभावित नहीं होती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. भारत में इस्पात उद्योग द्वारा छोड़े गए कुछ महत्त्वपूर्ण प्रदूषक निम्नलिखित में से कौन से हैं? (2014)

  1. सल्फर के ऑक्साइड
  2.  नाइट्रोजन के ऑक्साइड
  3.  कार्बन मोनोऑक्साइड
  4.  कार्बन डाइऑक्साइड

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1, 3 और 4
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (D)

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