प्रारंभिक परीक्षा
पश्चिमी घाट में नया पठार
- 20 Jan 2023
- 5 min read
हाल ही में महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में एक दुर्लभ कम ऊँचाई वाले बेसाल्ट पठार की खोज की गई है। यह खोज जलवायु परिवर्तन का प्रजातियों के अस्तित्त्व पर होने वाले प्रभाव को समझने और विश्व भर में चट्टानी उभारों एवं उनके विशाल जैवविविधता के महत्त्व को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकती है।
प्रमुख बिंदु
- निम्न ऊँचाई वाला बेसाल्ट पठार: यह इस क्षेत्र में पहचाना जाने वाला चौथे प्रकार का पठार है; पिछले तीन उच्च तथा निम्न ऊँचाई वाले लेटराइट एवं उच्च ऊँचाई वाला बेसाल्ट पठार हैं।
- विविध जैवविविधता: पठार के सर्वेक्षण के दौरान 24 विभिन्न वर्गों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों के संबंध में जानकारी मिली। यह एक महत्त्वपूर्ण खोज है क्योंकि यह अन्य तीन चट्टानी उभारों के साथ मिलकर उनके साथ एक सामान्य पारिस्थितिकी तंत्र साझा करता है।
- यह अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों में प्रजातियों की अंतःक्रिया का अध्ययन करने के लिये एक अद्वितीय मॉडल प्रणाली प्रदान करता है।
नोट: रॉक (चट्टान) आउटक्रॉप में मौसमी जल की उपलब्धता, सीमित मिट्टी और पोषक तत्त्व होते हैं, जो उन्हें प्रजातियों के अस्तित्त्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिये आदर्श प्रयोगशाला बनाते हैं। पठार इस प्रकार अंतर्दृष्टि का एक मूल्यवान स्रोत है कि प्रजातियाँ चरम स्थितियों में कैसे जीवित रह सकती हैं।
पश्चिमी घाट:
- परिचय:
- पश्चिमी घाट भारत के पश्चिमी तट के समानांतर और केरल, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, तमिलनाडु तथा कर्नाटक राज्यों के पहाड़ों की शृंखला से मिलकर बना है।
- पश्चिमी घाट भारत के चार वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट में से एक है।
- अन्य तीन हिमालय, भारत-बर्मा क्षेत्र और सुंडालैंड (निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं) हैं।
- इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- महत्त्व:
- घाट भारतीय मानसून मौसम पैटर्न को प्रभावित करते हैं जो इस क्षेत्र की गर्म उष्णकटिबंधीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।
- वे दक्षिण-पश्चिम से आने वाली बारिश से चलने वाली मानसूनी हवाओं के लिये बाधा के रूप में कार्य करते हैं।
- पश्चिमी घाट उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों के साथ-साथ विश्व स्तर पर खतरे वाली 325 प्रजातियों का घर है।
- पश्चिमी घाट में पठार प्रमुख परिदृश्य हैं, जो स्थानिक प्रजातियों की प्रबलता के कारण महत्त्वत्पूर्ण हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. कभी-कभी खबरों में रहने वाली 'गाडगिल कमेटी रिपोर्ट' और 'कस्तूरीरंगन कमेटी रिपोर्ट' किससे संबंधित हैं (2016) (a) संवैधानिक सुधार उत्तर: (d) |