टीवी चैनलों हेतु नए मानदंड | 10 Nov 2022
हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी कर नए अपलिंकिंग और डाउनलोडिंग नियम निर्दिष्ट किए हैं।
- इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक परामर्श ज़ारी किया है जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि किसी भी तरह का प्रसारण केवल प्रसार भारती के माध्यम से ही किया जाए।
नए प्रावधान:
- राष्ट्रीय/सार्वजनिक हित में सामग्री प्रसारित करने की बाध्यता:
- टेलीविज़न चैनलों को हर दिन 30 मिनट के लिये राष्ट्रहित या सार्वजनिक सेवा में सामग्री प्रसारित करनी होगी।
- बहरहाल, ये दायित्व खेल, वन्य जीवन और विदेशी चैनलों के लिये लागू नहीं होंगे।
- राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों में शामिल हैं:
- शिक्षा और साक्षरता का प्रसार
- कृषि और ग्रामीण विकास,
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण,
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी,
- महिलाओं का कल्याण
- समाज के कमज़ोर वर्गों का कल्याण
- पर्यावरण एवं सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का संरक्षण।
- टेलीविज़न चैनलों को हर दिन 30 मिनट के लिये राष्ट्रहित या सार्वजनिक सेवा में सामग्री प्रसारित करनी होगी।
- कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिये कोई पूर्व अनुमति नहीं:
- कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिये अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है; केवल लाइव टेलीकास्ट होने वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा;
- स्टैंडर्ड डेफिनिशन (SD) से हाई डेफिनिशन (HD) या इसके विपरीत भाषा में परिवर्तन या ट्रांसमिशन के मोड में रूपांतरण के लिये पूर्व अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है; केवल पूर्व सूचना की आवश्यकता होगी।
- भारतीय टेलीपोर्ट द्वारा विदेशी चैनलों को अपलिंक करना:
- LLPs/कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की अनुमति दी जाएगी जो रोज़गार के अवसर पैदा करेगा तथा भारत को अन्य देशों के लिये टेलीपोर्ट-हब बनाएगा।
- सरलीकरण और युक्तिकरण:
- दोहराव और सामान्य मापदंडों से बचने के लिये दिशा-निर्देशों की संरचना को व्यवस्थित किया गया है।
- ज़ुर्माने की धाराओं को युक्तिसंगत बनाया गया है और वर्तमान में एकसमान ज़ुर्माने की तुलना में विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के लिये ज़ुर्माने की अलग प्रकृति का प्रस्ताव किया गया है।