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जैविक अपशिष्ट की सफाई के लिये नया नैनोकंपोजिट

  • 03 Jul 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी. आई. बी.

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (Institute of Advanced Study in Science and Technology- IASST) के शोधकर्त्ताओं द्वारा एक नया धातु/मेटल ऑक्साइड नैनोकंपोजिट विकसित किया गया है, जिसका उपयोग पर्यावरण की स्वच्छता  के लिये सतत् प्रौद्योगिकियों के रूप में किया जा सकता है।

  • ये नए मिश्रण प्रदूषकों के अपघटन के लिये फोटोकैटेलिसिस (Photocatalysis ) का उपयोग करते हैं।
  • फोटोकैटेलिस्ट (Photocatalysts) वे पदार्थ हैं जो प्रकाश के संपर्क में आने पर रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बदल देते हैं।
    • प्रकाश की उपस्थिति में, वे इलेक्ट्रॉन-छिद्र युग्म उत्पन्न करते हैं जो प्रदूषकों को हानिरहित उप-उत्पादों में बदल देते हैं।
  • मेटल ऑक्साइड फोटोकैटलिसिस (जैसे- टाइटेनियम डाइऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड और टंगस्टन ट्राइऑक्साइड), अपने उच्च सतह क्षेत्र तथा स्थिरता के कारण, जल निकायों से कार्बनिक प्रदूषकों को हटाने के लिये एक स्थायी समाधान प्रदान करता है।
  • इन नए फोटोकैटेलिटिक मेटल ऑक्साइड का उपयोग रंग और दवा क्षेत्र में कार्बनिक प्रदूषकों के विघटन के लिये किया जा सकता है।
  • नैनोकंपोजिट (दो या अधिक सामग्रियों का संयोजन, जिनमें से कम-से-कम एक नैनो सामग्री है) का उपयोग उत्प्रेरण, ऊर्जा भंडारण, सेंसर, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, जैव चिकित्सा क्षेत्र, कोटिंग्स और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में किया जा सकता है।
  • गुवाहाटी में स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (Institute of Advanced Study in Science and Technology- IASST) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) का एक स्वायत्त संस्थान है।

और पढ़ें: 7 स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों का अनुसमर्थन, पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने में नैनोमटेरियल की भूमिका

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