मानव विकास पर नई अंतर्दृष्टि | 25 Mar 2025

स्रोत: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा किये गए एक अध्ययन ने इस दीर्घकालिक मान्यता को चुनौती दी है कि आधुनिक मानव (Homo sapiens) एक ही पूर्वज आबादी से विकसित हुए हैं। इससे पता चलता है कि दो अलग-अलग समूहों के सह-अस्तित्त्व से आधुनिक मानव का विकास हुआ।

  • अध्ययन ने जनसंख्या विभाजन और सम्मिलन का पता लगाने के लिये आधुनिक मानव DNA का विश्लेषण किया, जो प्राचीन जीवाश्मों के बजाय 1000 जीनोम प्रोजेक्ट के डेटा पर निर्भर था।
  • 1000 जीनोम प्रोजेक्ट एक वैश्विक पहल है जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका की आबादी से DNA को अनुक्रमित करती है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • विविध वंशावली और विकास: आधुनिक मानव (होमो सेपियंस ) संभवतः 2 पूर्वज समष्टियों से विकसित हुए हैं, जिनमें से एक बहुसंख्यक (~ 80%) का पहले पतन हुआ और तत्पश्चात् पुनः उदय हुआ जबकि अन्य अल्पसंख्यक (~ 20%) का मस्तिष्क के कार्य और अनुभूति से संबद्ध जीन में योगदान रहा।
  • अल्पसंख्यक समूह के कुछ जीनों का शोधन चयन किया गया, जो मानव विकास को आकार देने वाले विकासमूलक प्रभावों को दर्शाता है।
  • इस आनुवंशिक विनिमय का निएंडरथल-डेनिसोवन अंतर-प्रजनन (~ 50,000 वर्ष पूर्व) की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक द्रव्य का योगदान था, जो गैर-अफ्रीकी मानव DNA का केवल ~ 2% है।
  • आनुवंशिक मिश्रण: ये समष्टियाँ लगभग 1.5 मिलियन वर्ष पूर्व अलग हो गईं और तत्पश्चात् लगभग 300,000 वर्ष पूर्व इनका अंतःप्रजनन हुआ जिससे आधुनिक मानव का आनुवंशिक आधार तैयार हुआ।

और पढ़ें: जीनोम इंडिया परियोजना, मानव का विकास और प्रवासन