न्यू ऑटानमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर | 02 Jul 2022

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वायत्त फ्लाइंग विंग प्रौद्योगिकी प्रदर्शक/ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) द्वारा एक नए मानव रहित हवाई वाहन की पहली परीक्षण उड़ान भरी गई।

  • डीआरडीओ सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये विभिन्न वर्गों के मानव रहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicles-UAVs) विकसित करने की प्रक्रिया में है।

ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग तकनीक:

  • परिचय:
    • यह एक मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) या एक लड़ाकू ड्रोन है जो एक फ्लाइंग विंग प्रकार है।
    • यह एक टेललेस फिक्स्ड-विंग विमान को संदर्भित करता है जो अपने मुख्य पंखों में अपने पेलोड और ईंधन को रखता है और पारंपरिक विमानों में पाए जाने वाले एक परिभाषित फ्यूज़लेज जैसी संरचना नहीं है।
    • यदि इसे सटीकता के साथ निष्पादित किया जाएडिज़ाइन में उच्च ईंधन दक्षता और स्थिरता प्रदान करने की क्षमता है।
  • अनुप्रयोग:
    • भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र की मैपिंग
    • प्रभावित फसल क्षति का आकलन
    • बड़े पैमाने पर मैपिंग
    • यातायात निगरानी और प्रबंधन
    • लोजिस्टिक्स सपोर्ट

विशेषताएँ:

  • ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर एक स्वायत्त गुप्त UCAV का एक उन्नत रूप है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) द्वारा मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना के लिये विकसित किया जा रहा है।
    • ADE, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अंतर्गत एक प्रमुख वैमानिकी प्रणाली डिज़ाइन प्रयोगशाला है।
    • यह भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अत्याधुनिक मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) और वैमानिकी प्रणालियों एवं प्रौद्योगिकियों के डिज़ाइन व विकास में शामिल है।
  • UCAV मिसाइलों और सटीक-निर्देशित हथियारों को लॉन्च करने में सक्षम होगा।
  • वाहन एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित है।

स्रोत: द हिंदू