नए रामसर स्थल | 16 Aug 2022

भारत की 11 नई आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, इसके बाद अब देश में रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई।

  • तमिलनाडु में रामसर स्थलों की संख्या (14) अधिकतम है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (10) का स्थान आता है।

रामसर स्थल:

  • परिचय:
    • रामसर स्थल रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि 'आर्द्रभूमियों पर अभिसमय' के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ उस वर्ष सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • इससे पहले,भारत ने अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के 10 नए आर्द्रभूमि नामित किये गए:
    • कुंठनकुलम पक्षी अभयारण्य, मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व, वेम्बन्नूर आर्द्रभूमि परिसर, वेलोड पक्षी अभयारण्य, वेदंतंगल पक्षी अभयारण्य, उदयमार्थंदपुरम् पक्षी अभयारण्य, सतकोसिया गॉर्ज, नंदा झील, रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य, सिरपुर आर्द्रभूमि।

शामिल किये गए नए स्थलों की सूची:

रामसर स्थल

राज्य

विशेषता

तम्पारा झील

ओडिशा

  • यह गंजम ज़िले में स्थित ओडिशा की सबसे प्रमुख मीठे पानी की झीलों में से एक है।
  • आर्द्रभूमि सुभेद्य प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अयथ्या फेरिना) और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिये एक महत्त्वपूर्ण निवास स्थान है।

हीराकुंड जलाशय

ओडिशा

  • यह सबसे बड़ा गुरुत्वीय बांध है जिसका संचालन वर्ष 1957 में शुरू हुआ था।
  • जलाशय से ज्ञात 54 मछलियों की प्रजातियों में से एक को लुप्तप्राय, छह निकट संकटग्रस्त और 21 मछली की प्रजातियों को आर्थिक महत्त्व की प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • यह भारत के पूर्वी तट के पारिस्थितिक और सामाजिक-आर्थिक केंद्र महानदी डेल्टा में बाढ़ को नियंत्रित करके  महत्त्वपूर्ण जल विज्ञान संबंधी सेवाएँ भी प्रदान करता है।

 अंसुपा झील

ओडिशा

  • यह कटक ज़िले के बांकी उप-मंडल में स्थित ओडिशा की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
  • आर्द्रभूमि महानदी नदी द्वारा बनाई गई एक गोखुर झील है।
  • यह निम्नलिखित प्रजातियों को एक सुरक्षित आवास प्रदान करता है:
    • तीन संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियाँ- रिनचोप्स एल्बिकोलिस (EN), स्टर्ना एक्यूटिकौडा (EN) और स्टर्ना ऑरेंटिया (VU)
    • तीन संकटग्रस्त मछली प्रजातियाँ- क्लारियस मागुर (क्लेरिडे) (EN), साइप्रिनस कार्पियो (साइप्रिनिडे) (VU) और वालगो एटू (VU)।

यशवंत सागर

मध्य प्रदेश

  • यशवंत सागर इंदौर क्षेत्र में दो महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (IBA) में से एक है और साथ ही मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण पक्षी स्थलों में से एक है।
  • इसे मध्य भारत में सुभेद्य सारस क्रेन का प्रमुख आवास क्षेत्र माना जाता है।
  • अपने विशाल उथले/दलदलीय घास के क्षेत्र के कारण आर्द्रभूमि को बड़ी संख्या में शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिये स्वर्ग माना जाता है।

चित्रानुडी पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • स्थानीय रूप से, इसे "चित्रानुडी कनमोली" के रूप में जाना जाता है।
  • यह आर्द्रभूमि वर्ष 1989 से संरक्षित क्षेत्र रहा है जिसे तमिलनाडु वन विभाग, रामनाथपुरम् डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पक्षी अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया है।
  • यह शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिये आदर्श आवास है। स्थल से 30 फैमिली  के लगभग 50 पक्षियों की सूचना मिली है।
  • स्थल क्षेत्र से देखे गए उल्लेखनीय जलपक्षियों में शामिल हैं:
    • स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, लिटिल एग्रेट, ग्रे हेरॉन, लार्ज एग्रेट, ओपन बिल स्टॉर्क, पर्पल और पोंड हेरॉन।

सुचिन्द्रम थेरूर आर्द्रभूमि परिसर

तमिलनाडु

  • सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, सुचिन्द्रम-थेरूर मनाकुडी कंज़र्वेशन रिज़र्व का हिस्सा है।
  • इसे महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) घोषित किया गया है और यह प्रवासी पक्षियों के मध्य एशियाई फ्लाईवे के दक्षिणी सिरे पर स्थित है।
  • 9वीं शताब्दी के ताम्र शिलालेखों में पसुमकुलम, वेंचिकुलम, नेदुमर्थुकुलम, पेरुमकुलम, एलेमचिकुलम और कोनाडुनकुलम का उल्लेख है।

वदुवुर पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह बड़ा मानव निर्मित सिंचाई टैंक और प्रवासी पक्षियों के अनुकूल है क्योंकि यह भोजन, आश्रय और प्रजनन हेतु उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।
  • सर्वेक्षण किये गए अधिकांश क्षेत्रों में इंडियन पोंड हेरॉन अर्देओला ग्रेई पाया गया।
  • यूरेशियन विजोन अनस पेनेलोप, नॉर्दर्न पिंटेल अनस एक्यूटा, गार्गनी अनस क्वेरक्वेडुला जैसे सर्दियों के जलपक्षी की बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई थी।

कांजीरनकुलम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह कई प्रवासी बगुले प्रजातियों के लिए घोंसले बनाने के स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है यहाँ बगुले बबूल के पेड़ों पर प्रवास करते हैं।
  • प्रवासी जलपक्षियों की प्रजनन आबादी अक्तूबर और फरवरी के बीच यहाँ आती है और इसमें चित्रित सारस, सफेद आइबिस, ब्लैक आइबिस, लिटिल एग्रेट, ग्रेट एग्रेट शामिल हैं।
  • यह स्‍थल IBA के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहाँ स्पॉट-बिल पेलिकन पेलेकैनस फिलिपेन्सिस नस्लों उपस्थिति दर्ज की गई है।
  • आर्द्रभूमि समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करती है जिसमें:
    • स्पॉट-बिल पेलिकन, ओरिएंटल डार्टर, ओरिएंटल व्हाइट आईबिस और पेंटेड स्टॉर्क जैसी कई विश्व स्तर पर निकट-खतरे वाली प्रजातियांँ शामिल हैं और आमतौर पर किनारे और पानी के भीतर रहने वाले पक्षी जैसे ग्रीनशंक, प्लोवर, स्टिल्ट और बी इटेड बुलबुल, कोयल, स्टारलिंग, बारबेट्स जैसे वन पक्षी भी शामिल हैं।

ठाणे क्रीक

महाराष्ट्र

  • इसे ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य घोषित किया गया है।
  • ठाणे क्रीक दोनों किनारों पर मैंग्रोव से घिरा हुआ है और इसमें कुल भारतीय मैंग्रोव प्रजातियों का लगभग 20 प्रतिशत शामिल है।
  • यह क्षेत्र पक्षियों के मध्य एशियाई फ्लाईवे के आर्द्रभूमि परिसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

हाइगम आर्द्रभूमि संरक्षण रिज़र्व

जम्‍मू और कश्‍मीर

  • यह कई निवासियों और प्रवासी पक्षी प्रजातियों के निवास के रूप में कार्य करता है।
  • इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की अधिकता प्रदान करता है
  • इनमें मछली और फाइबर, जल आपूर्ति, जल शोधन, जलवायु विनियमन, बाढ़ विनियमन और मनोरंजक अवसर शामिल हैं।

शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिज़र्व

जम्‍मू और कश्‍मीर

  • इस क्षेत्र में फ्राग्माइट्स कम्युनिस और टायफा अंगुस्ताता के बड़े स्‍तर पर रीडबेड हैं और खुले पानी पर निम्फिया कैंडिडा और एन स्टेलाटा पाए जाते हैं।
  • यह कम से कम 21 प्रजातियों के चार लाख से अधिक स्‍थानिक और प्रवासी पक्षियों के आश्रय के रूप में कार्य करता है।

विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. यदि अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि को मोंट्रेक्स रिकॉर्ड' के तहत लाया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है?

(A) मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुआ है, हो रहा है या होने की संभावना है।
(B) जिस देश में आर्द्रभूमि स्थित है उसे आर्द्रभूमि के किनारे से पाँच किलोमीटर के भीतर किसी भी मानवीय गतिविधि को प्रतिबंधित करने के लिये एक कानून बनाना चाहिये।
(C) आर्द्रभूमि का अस्तित्व इसके आसपास रहने वाले कुछ समुदायों की सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपराओं पर निर्भर करता है तथा इसलिये वहाँ की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये।
(D) इसे 'विश्व विरासत स्थल' का दर्जा दिया गया है।

उत्तर: A

व्याख्या:

  • मोंट्रेक्स रेकॉर्ड (Montreux Record) उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची है, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं जहांँ के पारिस्थितिक्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है। यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।
  • आर्द्रभूमि पर अभिसमय जिसे रामसर अभिसमय कहा जाता है, एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है। अभिसमय को वर्ष 1971 में ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था और वर्ष 1975 में लागू हुआ था।

प्रश्न. आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में 'उचित उपयोग' की रामसर अवधारणा की व्याख्या कीजिये। भारत के रामसर स्थलों के दो उदाहरण दीजिये। (मुख्य परीक्षा 2018)

स्रोत : पी.आई.बी.

रामसर स्थलों की संख्या में वृद्धि | 05 Aug 2022

हाल ही में भारत द्वारा 10 और आर्द्रभूमियों को रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों के रूप में शामिल किया गया है, इसी के साथ देश में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है।

  • इससे पहले भारत ने अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के पाँच नई आर्द्रभूमियों को नामित किया था- तमिलनाडु में करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिज़र्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव; मिज़ोरम में पाला आर्द्रभूमि तथा मध्य प्रदेश में साख्य सागर।
  • रामसर स्थल रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की एक आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि 'आर्द्रभूमियों पर अभिसमय  ' के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ उस वर्ष सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए थे।

शामिल किये गए नए स्थलों की सूची:

रामसर स्थल

राज्य 

विशेषता

कूनथनकुलम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह दक्षिण भारत में निवासी और प्रवासी जल पक्षियों के प्रजनन के लिये सबसे बड़ा रिज़र्व है।
  • यह मध्य एशियाई फ्लाईवे का हिस्से वाला एक महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैवविविधता क्षेत्र है।  

मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व

तमिलनाडु

 

  • यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व है।
  • यह भारत में सबसे अधिक जैविक रूप से विविध क्षेत्रों में से एक है। 

वेम्बन्नूर आर्द्रभूमि कॉम्प्लेक्स

तमिलनाडु

 

वेलोड पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • आर्द्रभूमि का मूल्यांकन करने हेतु आर्द्रभूमि की पारिस्थितिकी, पक्षियों की संख्या, प्रजनन के रिकॉर्ड और बसने वाली कॉलोनियों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता दी गई है।

वेदंतंगल पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह तमिलनाडु के सबसे पुराने पक्षी-संरक्षित क्षेत्रों में से एक है।  
  • इस साइट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैवविविधता क्षेत्र (IBA) के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। 

उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

 

  • यह स्थल जलपक्षियों की कई प्रजातियों के लिये महत्त्वपूर्ण स्थल और प्रजनन स्थल है।
  • साइट पर देखी जाने वाली उल्लेखनीय प्रजातियाँ ओरिएंटल डार्टर, ग्लॉसी आइबिस, ग्रे हेरॉन और यूरेशियन स्पूनबिल हैं।

सतकोसिया गॉर्ज

ओडिशा

  • यह महानदी नदी के ऊपरी क्षेत्र में शानदार घाटी के साथ फैली हुई है।
  • इसे वर्ष 1976 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करता है, जो पुष्प और जीव प्रजातियों की विविध आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।  
  • सतकोसिया भारत के दो जैव-भौगोलिक क्षेत्रों का मिलन बिंदु है; दक्कन प्रायद्वीप और पूर्वी घाट, विशाल जैवविविधता में योगदान करते हैं।

नंदा झील

गोवा

  • इसे स्थानीय समुदायों और बड़े पैमाने पर समाज के लिये अपनी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं तथा जैवविविधता मूल्यों हेतु गंभीर रूप से महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य

कर्नाटक

 

  • इसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा कर्नाटक और भारत में महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (आईबीए) में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 
  • यह भारत की पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण नदी तटवर्ती आर्द्रभूमि है, जो जैवविविधता में समृद्ध है।

सिरपुर वेटलैंड

मध्य प्रदेश

 

  • यह न केवल अपने सौंदर्य के लिये बल्कि यह जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत तथा डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण में मदद करने जैसी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएँ प्रदान करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. यदि अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि को मोंट्रेक्स रिकॉर्ड' के तहत लाया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है?

(A) मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुआ है, हो रहा है या होने की संभावना है।
(B) जिस देश में आर्द्रभूमि स्थित है उसे आर्द्रभूमि के किनारे से पाँच किलोमीटर के भीतर किसी भी मानवीय गतिविधि को प्रतिबंधित करने के लिये एक कानून बनाना चाहिये।
(C) आर्द्रभूमि का अस्तित्व इसके आसपास रहने वाले कुछ समुदायों की सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपराओं पर निर्भर करता है तथा इसलिये वहाँ की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये।
(D) इसे 'विश्व विरासत स्थल' का दर्जा दिया गया है।

उत्तर: A

व्याख्या:

  • मोंट्रेक्स रेकॉर्ड (Montreux Record) उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची है, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं जहांँ के पारिस्थितिक्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है। यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।
  • आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन जिसे रामसर कन्वेंशन कहा जाता है, एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है। कन्वेंशन को वर्ष 1971 में ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था और वर्ष 1975 में लागू हुआ था।

प्रश्न. आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में 'उचित उपयोग' की रामसर अवधारणा की व्याख्या कीजिये। भारत के रामसर स्थलों के दो उदाहरण दीजिये। (मुख्य परीक्षा 2018)

स्रोत: पी.आई.बी.