रैपिड फायर
राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान
- 28 Apr 2025
- 3 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के अंतर्गत विश्व टीकाकरण सप्ताह (24-30 अप्रैल) के दौरान राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान (2025-26) शुरू किया गया है।
- इसका लक्ष्य 100% टीकाकरण कवरेज के माध्यम से वर्ष 2026 तक भारत में खसरा और रूबेला (M-R) को खत्म करना है।
M-R उन्मूलन की दिशा में प्रगति
- टीकाकरण कवरेज में वृद्धि और रोग में कमी: वर्ष 2024-25 के अनुसार, UIP के तहत प्रदान की गई M-R वैक्सीन की दो खुराक के संदर्भ में भारत का M-R टीकाकरण कवरेज 90% से अधिक है।
- वर्ष 2024 में, वर्ष 2023 की तुलना में खसरे के मामलों में 73% और रूबेला के मामलों में 17% की कमी आई है।
- लक्ष्य और रणनीति: भारत का लक्ष्य वर्ष 2026 तक खसरा और रूबेला को खत्म करना है जिसमें 95% से अधिक कवरेज प्राप्त करने, निगरानी को मज़बूत करने, त्वरित प्रकोप प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने तथा जागरूकता अभियानों के माध्यम से टीकाकरण में निष्क्रियता को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मान्यता: भारत को रोग उन्मूलन में अग्रणी प्रयासों के लिये M-R पार्टनरशिप से M-R चैंपियन पुरस्कार (वर्ष 2024) प्राप्त हुआ है।
खसरा और रूबेला
- M-R संक्रामक वायरल रोग है जिससे मुख्य रूप से बच्चे प्रभावित होते हैं। मोरबिलिवायरस (RNA वायरस) के कारण होने वाला खसरा अत्यधिक संक्रामक है और इससे मृत्यु सहित गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं।
- रूबेला वायरस के कारण होने वाला रूबेला रोग सामान्य होता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान यह गंभीर जोखिम पैदा करता है जिससे जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (CRS) होने की संभावना होती है जिसके साथ सुनने की शक्ति में कमी आने के साथ हृदय संबंधी असामान्यताएँ जैसे जन्म दोष भी हो सकते हैं।
- दोनों बीमारियों से शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और M-R वैक्सीन के माध्यम से इनकी रोकथाम की जा सकती है।
और पढ़ें: खसरा और रूबेला