राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग | 22 Sep 2023
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission- NMC) ने 10 वर्षों के उल्लेखनीय कार्यकाल के लिये प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) से मान्यता प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
- यह मान्यता चिकित्सा शिक्षा और मान्यता के उच्चतम मानकों के प्रति राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- WFME का मान्यता कार्यक्रम किसी चिकित्सा संस्थान द्वारा शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने तथा बनाए रखना सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME):
- इसकी स्थापना वर्ष 1972 में विश्व मेडिकल एसोसिएशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, मेडिकल कालेजों और अकादमिक शिक्षकों के क्षेत्रीय संगठनों तथा इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा की गई थी।
- WFME एक वैश्विक संगठन है जो विश्व भर में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये समर्पित है।
- WFME ने बुनियादी, स्नातकोत्तर और सतत् चिकित्सा शिक्षा के लिये वैश्विक मानकों के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा के विस्तार व दूरस्थ शिक्षा हेतु दिशा-निर्देश तैयार और प्रकाशित किये हैं।
WFME मान्यता का महत्त्व:
- इस मान्यता के भाग के रूप में भारत में सभी 706 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों को WFME से मान्यता प्राप्त होगी।
- आगामी 10 वर्षों में स्थापित होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों को स्वतः WFME से मान्यता प्राप्त हो जाएगी।
- यह मान्यता भारतीय चिकित्सा स्नातकों को अन्य देशों में स्नातकोत्तर करने और अभ्यास करने में सक्षम बनाएगी जहाँ पर WFME मान्यता की आवश्यकता होती है जैसे- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड आदि।
- यह भारतीय मेडिकल कॉलेजों और पेशेवरों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता देगा और उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा।
- यह अकादमिक सहयोग और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा, चिकित्सा शिक्षा में निरंतर सुधार एवं नवाचार को बढ़ावा देगा, साथ ही चिकित्सा शिक्षकों व संस्थानों के बीच गुणवत्ता की संस्कृति को बढ़ावा देगा।
- वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक होने के कारण यह भारत को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये एक आकर्षक गंतव्य भी बनाता है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग:
- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया है जिसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के रूप में जाना जाता है।
- यह भारत में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के शीर्ष नियामक के रूप में कार्य करता है।
- यह स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध है, साथ ही पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का वितरण सुनिश्चित करता है।