राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार | 14 Feb 2024
स्रोत: द हिंदू
भारतीय सिनेमा में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों (National Film Awards) में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति की सिफारिशों के अनुसार महत्त्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। श्रेणियों को तर्कसंगत बनाने और नकद पुरस्कारों को बढ़ाने के उद्देश्य से किये गए ये परिवर्तन, पारंपरिक नामकरण तथा वर्ग-विभेद से हटकर हैं। नए नाम पुरस्कार मानदंडों के बारे में अधिक वर्णनात्मक हैं।
- पुरस्कारों का नामकरण:
- 'किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिये इंदिरा गांधी पुरस्कार' का नाम अब 'निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म' है।
- 'राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिये नरगिस दत्त पुरस्कार' का नाम बदलकर 'राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म' कर दिया गया है।
- मौद्रिक पुरस्कार:
- दादा साहब फाल्के पुरस्कार की पुरस्कार राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी गई है।
- स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस) पुरस्कार विजेताओं को अब सभी श्रेणियों में 3 लाख रुपए और रजत कमल (सिल्वर लोटस) विजेताओं को 2 लाख रुपए मिलेंगे।
- स्वर्ण कमल इन श्रेणियों में दिया जाता है: सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, पहली फ़िल्म, संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली फ़िल्म, निर्देशन और बच्चों की फ़िल्म।
- रजत कमल राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सभी अभिनय श्रेणियों, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, संगीत तथा ऐसी अन्य श्रेणियों के विजेताओं को दिया जाता है।
- वर्ग संशोधन:
- 'सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म' और 'सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट' के पुरस्कारों को "सर्वश्रेष्ठ AVGC फिल्म" नामक एक नई श्रेणी में जोड़ दिया गया है।
- 'सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी' अब 'सर्वश्रेष्ठ ध्वनि डिज़ाइन' है, पुरस्कार राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है।
- जूरी विवेक की निरंतरता:
- फीचर और गैर-फीचर फिल्म श्रेणियों में विशेष उल्लेख जूरी के विवेक पर निर्भर है।
- विशेष जूरी पुरस्कार बंद कर दिया गया और उसके स्थान पर विवेकाधीन विशेष उल्लेख दिये गए।
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