माइसीलियम ईंटें | 15 Mar 2025

स्रोत: TH

जलवायु परिवर्तन को देखते हुए, निर्माण उद्योग निम्न कार्बन वाले विकल्पों की तलाश कर रहा है, और माइसीलियम ईंटें एक आशाजनक नवाचार के रूप में उभरी हैं।

  • माइसीलियम ईंटें: कवक बीजाणुओं, भूसी और चूरा से निर्मित माइसीलियम ईंटें हल्की, रेशेदार संरचना बनाती हैं, जिनका पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है, जबकि पारंपरिक मिट्टी की ईंटों से प्रतिवर्ष लगभग 300 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जित होता है।
    • वे बायोडिग्रेडेबल, अग्निरोधी, हल्के और अच्छे ताप अवरोधक होती हैं, जो उन्हें आंतरिक पैनलिंग, फिल्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिये उपयुक्त बनाते हैं।
    • संभावित अनुप्रयोगों में आंतरिक पैनलिंग, लिक्विड फिल्टर, खेल उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक घटक शामिल हैं।
  • माइसीलियम ईंट को अपनाने में बाधा उत्पन्न करने वाली चुनौतियाँ: माइसीलियम ईंटों की भार वहन क्षमता कम होती है, नमी अवशोषण क्षमता अधिक होती है, तथा जैवनिम्नीकरणीयता और दीमकों के प्रति संवेदनशीलता के कारण इनका जीवनकाल भी कम होता है, जिससे ये कंक्रीट की तुलना में कम धारणीय होती हैं।
    • भारत में उष्णकटिबंधीय मौसम की स्थिति, उच्च आर्द्रता और बुनियादी ढाँचे की कमी के कारण व्यापक पैमाने पर विनिर्माण महँगा और अव्यावहारिक हो जाता है।
  • संभावित समाधान: अग्निरोधी एवं अल्ट्रा वायलेट कोटिंग्स अग्नि प्रतिरोध और स्थायित्व में सुधार कर सकती हैं, जबकि अनुसंधान एवं विकास और नीति समर्थन मिट्टी की ईंटों के साथ प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ा सकते हैं।

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