रैपिड फायर
जैविक उत्पादों हेतु पारस्परिक समझौता
- 20 Jul 2024
- 2 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत और ताइवान ने जैविक उत्पादों के लिये पारस्परिक मान्यता समझौते (Mutual Recognition Agreement- MRA) का कार्यान्वन किया।
- यह समझौता दोनों देशों के लिये एक ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि यह जैविक उत्पादों के लिये पहला द्विपक्षीय समझौता है।
- MRA के लिये कार्यान्वयन अभिकरण भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority- APEDA) और ताइवान के कृषि मंत्रालय के तहत कृषि एवं खाद्य एजेंसी (AFA) हैं।
- पारस्परिक मान्यता से दोहरे प्रमाणन से बचने, अनुपालन लागत को कम करने, अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाने और जैविक क्षेत्र में व्यापार के अवसरों को बढ़ाकर जैविक उत्पाद निर्यात को सुगम बनाया जा सकेगा।
- MRA प्रमुख भारतीय जैविक उत्पादों, जैसे चावल, प्रसंस्कृत खाद्य, हरी/काली और हर्बल चाय, औषधीय पौधों के उत्पादों आदि का ताइवान में निर्यात का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत में जैविक उत्पादों हेतु योजनाएँ:
- इंडियन ऑर्गेनिक लोगो।
- पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम फॉर इंडिया।
- राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP)।
और पढ़ें: भारत और ताइवान