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मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे - NSS 78वें दौर की रिपोर्ट 2020-21

  • 21 Mar 2023
  • 6 min read

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office- NSSO) ने अपने 78वें दौर में पूरे देश को कवर करते हुए बहु संकेतक सर्वेक्षण (Multiple Indicator Survey -MIS) किया। 

बहु संकेतक सर्वेक्षण:

  • MIS एक ऐसा सर्वेक्षण है जिसे व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों के कल्याण से संबंधित कई प्रमुख संकेतकों पर डेटा एकत्र करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस सर्वेक्षण में आमतौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और स्वच्छता, पोषण तथा बाल संरक्षण जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।

बहु संकेतक सर्वेक्षण/मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे का उद्देश्य:

  • कुछ महत्त्वपूर्ण सतत् विकास लक्ष्य (SDG) संकेतकों के विकासशील अनुमानों के लिये जानकारी एकत्र करना।
  • 31 मार्च, 2014 के बाद आवासीय उद्देश्य के लिये परिवार द्वारा घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण और प्रवासन की जानकारी एकत्र करने के लिये।

प्रमुख बिंदु: 

  • पेयजल की उपलब्धता: 
    • केरल, मणिपुर, नगालैंड और झारखंड में 90% से भी कम लोगों तक पेयजल के बेहतर स्रोत की सुविधा उपलब्ध है।
    • असम, झारखंड, बिहार और ओडिशा, ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के निवासियों के लिये पेयजल की सबसे खराब पहुँच वाले राज्यों में से हैं।
  • विशेष शौचालय तक पहुँच: 
    • प्रमुख राज्यों में बिहार, झारखंड और ओडिशा में विशेष शौचालय तक पहुँच वाले ग्रामीण परिवारों का अनुपात सबसे कम है। 
  • खाना पकाने हेतु LPG कनेक्शन: 
    • छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, नगालैंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 70% से अधिक घरों में खाना पकाने हेतु जलाऊ लकड़ी ईंधन का प्राथमिक स्रोत है। झारखंड सहित इन राज्यों में 25% से भी कम परिवार खाना पकाने के लिये LPG का उपयोग करते हैं, जो सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे कम है।
  • शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण: 
    • बड़े राज्यों में उत्तराखंड, ओडिशा, केरल और दिल्ली में 15 से 24 वर्ष के पुरुषों का उच्चतम अनुपात (20% से अधिक) है, जो सर्वेक्षण के समय शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण प्राप्त नहीं थे।
    • महिलाओं का अनुपात उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार में सबसे अधिक था।
  • अन्य प्रमुख बिंदु: 

क्र.सं

मद का विवरण

प्रतिशत (अखिल भारतीय)

ग्रामीण

शहरी

कुल

1

पीने के जल के बेहतर स्रोत होने की सूचना देने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

95.0

97.2

95.7

2

जिन व्यक्तियों ने शौचालय तक पहुँच की सूचना दी थी, उनमें से उन्नत शौचालय तक पहुँच की सूचना देने वाले लोगों का प्रतिशत

97.5

99.0

98.0

3

परिसर के भीतर जल और साबुन/डिटर्जेंट के साथ हाथ धोने की सुविधा तक पहुँच की सूचना देने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

77.4

92.7

81.9

4

खाना पकाने हेतु ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में स्वच्छ ईंधन का उपयोग करने वाले परिवारों का प्रतिशत

49.8

92.0

63.1

5

सर्वेक्षण से पहले 12 महीनों हेतु औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में शामिल रहने वाले 15-29 वर्ष की आयु के लोगों का प्रतिशत

33.0

39.4

34.9

6

सर्वेक्षण की तिथि को शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण (NEET) में नहीं रहने वाले 15-24 वर्ष की आयु के व्यक्तियों का प्रतिशत

30.2

27.0

29.3

7

सर्वेक्षण की तारीख से पहले के तीन महीनों के दौरान सक्रिय सिम कार्ड के साथ मोबाइल टेलीफोन का उपयोग करने वाले 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों का प्रतिशत

67.8

83.7

72.7

8

रहने के स्थान से 2 किमी. के भीतर बारहमासी सड़कों की उपलब्धता की सूचना देने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के घरों के प्रतिशत

92.5

-

-

9

31 मार्च, 2014 के बाद किसी नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों का प्रतिशत

11.2

7.2

9.9

10

31 मार्च, 2014 के बाद किसी नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों में पहली बार नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों का प्रतिशत

47.5

57.9

49.9

11

पिछले सामान्य निवास स्थान से भिन्न निवास के वर्तमान स्थान वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

26.8

34.6

स्रोत: पी.आई.बी.

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