उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन | 22 Aug 2022

हाल ही में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (ISRO) और भारतीय नौसेन के बीच समुद्र विज्ञान तथा मौसम विज्ञान में उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर डेटा साझाकरण एवं सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएँ:

  • यह सहयोग को बढ़ाएगा और आपसी सहयोग के एक साझा मंच की शुरुआत करेगा।
  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा वैज्ञानिक प्रगति को उपग्रह डेटा पुनर्प्राप्ति और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में तेज़ी से विकास के साथ राष्ट्र की रक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारतीय नौसेना के प्रयासों के साथ तालमेल बिठाया जाएगा।
  • सहयोग में विभिन्न आयाम शामिल होंगे:
    • गैर-गोपनीय अवलोकन डेटा को साझा करना।
    • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) से उत्पन्न मौसम संबंधी जानकारियों का सैन्य अभियानों में इस्तेमाल और नए उपकरणों के विकास, अंशांकन और ओशन मॉडल के सत्यापन के लिये उपग्रह डेटा के प्रसंस्करण हेतु विषय विशेषज्ञों (एसएमई) का प्रावधान शामिल है।
    • महासागरीय मॉडलों का अंशांकन एवं सत्यापन प्रदान करना।

अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र:

  • परिचय:
    • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।
      • यह अहमदाबाद में स्थित है और बहु-विषयक गतिविधियाँ करता है।
    • केंद्र की मुख्य क्षमता अंतरिक्ष-जनित और वायु-जनित उपकरणों / पेलोड के विकास तथा राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक लाभ के लिये उनके अनुप्रयोगों में निहित है।
      • ये अनुप्रयोग विविध क्षेत्रों में किये जा रहे हैं और मुख्य रूप से देश की संचार, नेविगेशन एवं रिमोट सेंसिंग आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
  • उपलब्धियाँ:
    • केंद्र ने इसरो के वैज्ञानिक और ग्रह मिशन जैसे- चंद्रयान -1, मार्स ऑर्बिटर मिशन आदि में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
    • सेंटर फॉर इंडियन नेशनल सैटेलाइट (INSAT) और जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट (GSAT) शृंखला के उपग्रहों में विकसित संचार ट्रांसपोंडर का उपयोग सरकारी एवं निजी क्षेत्र द्वारा वीसैट, डीटीएच, इंटरनेट, प्रसारण, टेलीफोन आदि के लिए किया जाता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रिलिम्स के लिये:

प्रश्न: दूरसंचार प्रसारण हेतु प्रयुक्त उपग्रहों को भू-अप्रगामी कक्षा में रखा जाता है। एक उपग्रह ऐसी कक्षा में तब होता है जब: (2011)

  1. कक्षा भू-समकालिक है।
  2. कक्षा वृत्ताकार है।
  3. कक्षा पृथ्वी के भूमध्य रेखा के तल में स्थित है।
  4. कक्षा 22,236 किमी की ऊँचाई पर है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: a

व्याख्या:

  • दूरसंचार प्रसारण के लिये उपयोग किये जाने वाले उपग्रहों को भूस्थिर कक्षा में रखा जाता है। यदि यह उपग्रह ज़मीन पर किसी विशेष स्थिति से देखा जाता है, तो यह उसी स्थान पर स्थिर दिखाई प्रतीत होता है। यह वैश्विक संचार और मौसम पूर्वानुमान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • भू-तुल्यकालिक कक्षा पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा है, जिसमें कक्षीय अवधि होती है जो पृथ्वी के घूर्णन यानी 24 घंटे से मेल खाती है। भू-स्थिर कक्षा एक प्रकार की वृत्ताकार भू-तुल्यकालिक कक्षा है, जो भूमध्य रेखा (यानी सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर) को घेरती है। अत: कथन 1 सही है।
  • चूँकि भू-स्थिर कक्षा सीधे भूमध्य रेखा पर स्थित होती है और पृथ्वी के भूमध्य रेखा के समान तल में होती है, यह पृथ्वी को वृत्ताकार कक्षा में घेरती है। अत: कथन 2 और 3 सही हैं।
  • भूस्थिर कक्षा पृथ्वी की सतह से 35,786 किमी (यानी 22,236 मील) ऊपर है। अत: कथन 4 सही नहीं है।

अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.