मौद्रिक नीति समिति के निर्णय: RBI | 11 Dec 2023
प्रिलिम्स के लिये:मौद्रिक नीति समिति के निर्णय: RBI, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), मुद्रास्फीति, CPI, सकल घरेलू उत्पाद (GDP)। मेन्स के लिये:मौद्रिक नीति समिति के निर्णय, भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाना, वृद्धि, विकास और रोज़गार से संबंधित मुद्दे, समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे, सरकारी बजटिंग। |
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लगातार 5वीं बार बेंचमार्क ब्याज दरों को अपरिवर्तित बरकरार रखा है।
- प्रमुख रेपो दर लगातार पाँच समीक्षाओं से 6.5% पर स्थिर है।
MPC बैठक के मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पॉलिसी दरें:
- पॉलिसी रेपो दर: 6.5%
- रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक ( भारत के लिये RBI) धन की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। यहाँ केंद्रीय बैंक प्रतिभूति खरीदता है।
- स्थायी जमा सुविधा (SDF): 6.25 %
- SDF एक लिक्विडिटी विंडो है जिसके माध्यम से RBI बैंकों को अतिरिक्त तरलता/लिक्विडिटी को अपने पास रखने का विकल्प देगा।
- यह रिवर्स रेपो सुविधा से अलग है क्योंकि इसमें बैंकों को धन जमा करते समय संपार्श्विक प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- सीमांत स्थायी सुविधा दर: 6.75%
- MSF अनुसूचित बैंकों के लिये आपातकालीन स्थिति में RBI से रात भर उधार लेने को एक विंडो है, जब अंतरबैंक लिक्विडिटी पूरी तरह से समाप्त हो जाती है।
- नकद आरक्षित अनुपात (CRR): 4.50%
- CRR के अंर्तगत, वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास एक निश्चित न्यूनतम राशि जमा (NDTL) के रूप में रखनी होती है।
- वैधानिक तरलता अनुपात (SLR): 18.00%
- SLR जमा का न्यूनतम प्रतिशत है जिसे एक वाणिज्यिक बैंक को तरल नकदी, सोना अथवा अन्य प्रतिभूतियों के रूप में बनाए रखना होता है।.
- पॉलिसी रेपो दर: 6.5%
- अनुमान:
- वृद्धि का अनुमान:
- वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 7.6% की मज़बूत वृद्धि के साथ वर्ष 2023-24 के लिये सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान पहले के 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया गया था।
- मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान:
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 5.4% पर बनाए रखा गया है।
- वृद्धि का अनुमान:
आरबीआई की अन्य पहलें क्या हैं?
- स्वास्थ्य और शिक्षा के लिये UPI सीमा में बढ़ोतरी:
- उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, आरबीआई ने स्वास्थ्य और शिक्षा लेन-देन के लिये यूपीआई सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेन-देन कर दिया है, ताकि स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों और रोगियों दोनों के लिये पर्याप्त परिचालन लाभ प्राप्त किया जा सके।
- आवर्ती ई-भुगतान अधिदेश:
- आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड, बीमा प्रीमियम भुगतान और म्यूचुअल फंड निवेश के लिये आवर्ती ई-भुगतान जनादेश की सीमा को 15,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है, जिससे अधिक महत्त्वपूर्ण आवधिक लेन-देन की अनुमति मिलती है।
- वेब-एकत्रीकरण के लिये विनियामक ढाँचा:
- आरबीआई डिजिटल ऋण में ग्राहक-केंद्रित और पारदर्शिता में सुधार के लिये ऋण उत्पादों के वेब-एकत्रीकरण हेतु एक नियामक ढाँचा स्थापित करने की योजना बना रहा है।
- फिनटेक के साथ साझेदारी:
- RBI ने अप्रैल 2024 तक फिनटेक (FinTech) निधान/रिपॉज़िटरी के निर्माण का प्रस्ताव देकर फिनटेक के साथ साझेदारी करने वाले बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) की बढ़ती घटनाओं पर बेहतर पकड़ बनाने की कोशिश की है।
- फिनटेक को इस रिपॉज़िटरी को स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
नोट:
- मुद्रास्फीति: यह एक समयावधि में किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं तथा सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर वृद्धि को संदर्भित करती है, जिससे मुद्रा की क्रय शक्ति में कमी आती है।
- हेडलाइन मुद्रास्फीति: यह उस अवधि के लिये कुल मुद्रास्फीति है, जिसमें वस्तुओं की एक टोकरी शामिल होती है।
- खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति भारत में हेडलाइन मुद्रास्फीति के घटकों में से एक है।
- कोर मुद्रास्फीति: यह हेडलाइन मुद्रास्फीति पर नज़र रखने वाली वस्तुओं की टोकरी से अस्थिर वस्तुओं को बाहर करती है। इन अस्थिर वस्तुओं में मुख्य रूप से भोजन और पेय पदार्थ (सब्जियों सहित) तथा ईंधन एवं प्रकाश (कच्चा तेल) शामिल हैं।
- कोर मुद्रास्फीति = हेडलाइन मुद्रास्फीति - (खाद्य और ईंधन) मुद्रास्फीति।
- हेडलाइन मुद्रास्फीति: यह उस अवधि के लिये कुल मुद्रास्फीति है, जिसमें वस्तुओं की एक टोकरी शामिल होती है।
- मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण: यह एक मौद्रिक नीति ढाँचा है जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीति के लिये एक विशिष्ट लक्ष्य सीमा बनाए रखना है।
- उर्जित पटेल समिति ने मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के उपाय के रूप में WPI (थोक मूल्य सूचकांक) पर CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) की अनुशंसा की।
- वर्तमान मुद्रास्फीति लक्ष्य भी 4% की लक्ष्य मुद्रास्फीति दर स्थापित करने की समिति की सिफारिश के साथ संरेखित है, जिसमें विचलन की स्वीकार्य सीमा +/- 2% है।
- केंद्र सरकार, RBI के परामर्श से मुद्रास्फीति लक्ष्य और खुदरा मुद्रास्फीति के लिये ऊपरी और निचले सहनशीलता स्तर निर्धारित करती है।
- उर्जित पटेल समिति ने मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के उपाय के रूप में WPI (थोक मूल्य सूचकांक) पर CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) की अनुशंसा की।
- तरलता का आशय किसी परिसंपत्ति अथवा प्रतिभूति को उसकी कीमत को विशेष रूप से प्रभावित किये बिना बाज़ार में शीघ्रता से खरीदने अथवा बेचने से है।
- यह वित्तीय दायित्त्वों को पूरा करने अथवा निवेश के लिये नकदी या तरल संपत्ति की उपलब्धता को दर्शाती है। सरल शब्दों में कहें तो तरलता का अर्थ है ज़रूरत के समय में अपना पैसा प्राप्त करने की सुविधा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. मौद्रिक नीति समिति (मोनेटरी पालिसी कमिटी/MPC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017) यह RBI की मानक (बेंचमार्क) ब्याज दरों का निर्धारण करती है। नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. यदि आर.बी.आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020) वैधानिक तरलता अनुपात को घटाकर उसे अनुकूलित करना नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. क्या आप इस मत से सहमत हैं कि सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की स्थायी संवृद्धि तथा निम्न मुद्रास्फीति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है? अपने तर्कों के समर्थन में कारण दीजिये। (2019) |