रैपिड फायर
मेनहिर
- 19 Mar 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
तेलंगाना के नारायणपेट ज़िले में स्थित मुदुमल के महापाषाणकालीन (Megalithic) मेनहिर को वर्ष 2025 की यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अनंतिम सूची में शामिल किया गया है।
- महापाषाण का तात्पर्य प्रागैतिहासिक बड़ी पत्थर की संरचनाओं से है जिनका निर्माण या तो शवाधान या स्मारक स्थलों के रूप में किया गया था।
- यूरोप के मेनहिर 7,000 वर्ष प्राचीन है, जिसमें फ्राँस के ग्रैंड मेनहिर ब्रिसे की ऊँचाई सर्वाधिक (20.6 मीटर) है।
मेनहिर:
- परिचय: मेनहिर बृहद, उर्ध्वाधर पाषाण होते हैं, जिनका आकार सामान्यतः ऊपर की ओर पतला होता है और ये मनुष्यों द्वारा स्थापित किये जाते हैं। मुदुमल के मेनहिर भारत के प्राचीनतम (3,500-4,000 BP) मेनहिर हैं, तथा कृष्णा नदी के तट के समीप अवस्थित हैं।
- BP 1950 ई. से पहले के वर्षों की गणना करने वाला समय मापक्रम है।
- मुदुमल मेनहिर स्थल सुव्यवस्थित रूप से संरक्षित महापाषाणकालीन शवाधान स्थल है।
- इन्हें विषुव और अयनांत जैसी सौर घटनाओं के साथ सटीक रूप से संरेखित किया गया है, तथा एक पत्थर पर सप्तर्षि मंडल के चषक-चिह्न अंकित हैं, जो दक्षिण एशिया में तारा चित्रण का प्राचीनतम ज्ञात स्रोत है।
- स्थानीय लोग प्राचीन परंपराओं को संरक्षित रखते हुए मेनहिरों की उपासना "निलुरल्ला तिम्मप्पा" के रूप में करते हैं, जिनमें से एक की उपासना देवी येल्लम्मा के रूप में की जाती है।
- हीरो स्टोन से अलग: हीरो स्टोन ( कन्नड़ में वीरगल्लू , तमिल में नटुकल ) युद्ध में मारे गए योद्धाओं के सम्मान में बनाए गए स्मारक हैं। पूरे भारत में, खासकर दक्षिण में पाए जाने वाले, इन्हें वीर बलिदानों की याद में पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व और 18 वीं शताब्दी ई. के बीच स्थापित किया गया था ।
- हीरो स्टोन से भिन्नता: हीरो स्टोन (कन्नड़ में वीरगल्लू, तमिल में नटुकल) युद्ध में शहीद गए योद्धाओं के सम्मान में स्थापित स्मारक हैं। यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर दक्षिण, में पाए जाते हैं और इन्हें वीर बलिदानों की स्मृति में पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व से 18वीं शताब्दी ई. की अवधि में स्थापित किया गया था।
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