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महापाषाणकालीन समाधि स्थल

  • 15 Nov 2022
  • 4 min read

हाल के निष्कर्षों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में तिरुपति ज़िले में सबसे बड़ा एंथ्रोपोमोर्फिक समाधि स्थल संग्रह है।

  • एंथ्रोपोमोर्फिक/मानवाकृतीय स्थल से तात्पर्य महापाषाणकालीन समाधि स्थल के ऊपर मानव कंकाल के साक्ष्य मिलने वाले स्थल से हैं।

Megalithic-Burial-Sites

महापाषाण

  • मेगालिथ या ‘महापाषाण’ का तात्पर्य बड़े प्रागैतिहासिक पत्थर से है जिसका उपयोग या तो एकल या अन्य पत्थरों के साथ मिलाकर संरचना या स्मारक बनाने के लिये किया गया है।
  • महापाषाण का उपयोग शवों को समाधि किये जाने वाले स्थलों या स्मारक स्थलों के रूप में किया जाता था।
    • यह वास्तविक समाधि अवशेषों वाले स्थल जैसे- डोलमेनोइड सिस्ट (बॉक्स के आकार के पत्थर के समाधि कक्ष), केयर्न सर्कल (परिभाषित परिधि वाले पत्थर के घेरे) और कैपस्टोन (मुख्य रूप से केरल में पाए जाने वाले विशिष्ट मशरूम के आकार के समाधि कक्ष) स्थल है।
  • नश्वर अवशेषों से युक्त कलश या ताबूत आमतौर पर टेराकोटा से बना होता था तथा मेगालिथ में मेन्हीर जैसे स्मारक स्थल शामिल हैं।
  • भारत में पुरातत्त्वविदों ने लौह युग (1500-500 ईसा पूर्व) में अधिकांश महापाषाण का पता लगाया है, हालाँकि कुछ स्थल लौह युग से पहले 2000 ईसा पूर्व तक के हैं।
  • महापाषाण भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए हैं। अधिकांश महापाषाण स्थल प्रायद्वीपीय भारत में पाए जाते हैं, जो महाराष्ट्र (मुख्य रूप से विदर्भ में), कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में केंद्रित हैं।

Kurnool-caves

मेगालिथिक/महापाषाण संरचना के विभिन्न प्रकार:

  • स्टोन सर्कल्स: स्टोन सर्कल्स या पत्थर के घेरे को आमतौर पर "क्रॉमलेक" (वेल्श भाषा का शब्द) कहा जाता है, अंग्रेज़ी शब्द "क्रॉमलेक" का प्रयोग कभी-कभी इस अर्थ में किया जाता है।
  • डोलमेन: डोलमेन एक महापाषाण संरचना है जो दो या दो से अधिक सहायक पत्थरों पर एक बड़े कैपस्टोन को रखकर बनाई जाती है, जो नीचे एक कक्ष बनाती है, कभी-कभी तीन तरफ से बंद होती है। इसे अक्सर मकबरे या समाधि कक्ष के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • सिस्ट: सिस्ट एक छोटा पत्थर से निर्मित ताबूत जैसा बॉक्स या अस्थि-पेटी है जिसका उपयोग मृतकों के शवों को रखने के लिये किया जाता है। समाधि संरचना में डोलमेंस के समान महापाषाण संरचना हैं। इस प्रकार के अंत्येष्टि पूरी तरह से भूमिगत थे। ये एकल और बहु-कक्षीय सिस्ट थे।
  • मोनोलिथ: प्रागैतिहासिक काल में स्तंभित एकल पत्थर। जिसको कभी-कभी "मेगालिथ" और "मेनहिर" के पर्यायवाची के रूप में प्रयुक्त, परवर्ती काल में एकल पत्थरों का वर्णन करने के लिये इस शब्द का इस्तेमाल किया गया।
  • कैपस्टोन शैली: एकल मेगालिथ क्षैतिज रूप से, अक्सर समाधि स्थलों के ऊपर, पत्थरों के उपयोग के आधार के बिना रखा जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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